समुद्री और ताजे पानी में पाई जाने वाली मछली की एक प्रजाति जिसे सालमन फिश (salmon fish) के नाम से जाना जाता है। सालमन एक शब्द है जो साल्मोनिडे (Salmonidae) परिवार से संबंधित है जिसमें ट्राउट, व्हाइटफिश और ग्रेलिंग जैसी प्रजातियां भी शामिल होती हैं। सालमन फिश अपने अंड़े नदी के मुहाने में देती है। ये अंडें घूमते फिरते समुद्र की तरफ बहने लगते हैं और समुद्र में पहुंच कर वयस्क होते हैं। वयस्क होने के बाद वे अंडे देने के लिए फिर नदी में वापस आ जाते हैं। जिनमें अधिकांश मछलीयां अंडे देने के बाद मर जाती हैं। इन मछलीयों को मुख्य रूप से समुद्री मछली के रूप में जाना जाता है। सालमन मछली का रंग आमतौर पर गुलाबी होता है।
आइए जाने सालमन मछली में मौजूद पोषक तत्व क्या हैं।
सालमन मछली के पोषक तत्व
सालमन मछली में टमाइलीसाइड के रूप में ओमेगा-3 जैसे फैटी एसिड के साथ ही विटामिन ए, विटामिन डी और विटामिन बी के कुछ सदस्य जैसे कोलाइन, पेंटोथेनिक एसिड और बायोटिन आदि भी अच्छी मात्रा में होते हैं। इसके अलावा सालमन मछली में सेलेनियम, जिंक, फॉसफोरस, आयरन और कैल्शियम जैसे खनिज पदार्थ भी शामिल हैं।
सालमन मछली खाने के फायदे
हृदय स्वास्थ्य
आप अपने दिल(Heart) और रक्तवाहिकाओं से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए सालमन फिश का उपयोग कर सकते हैं। सालमन मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह धमनियों और नसों को लचीला बनाए रखते हैं। सालमन मछली में मौजूद एमिनो एसिड कार्डियक मांसपेशियों(Muscle) को मजबूत करते हैं। नियमित रूप से सालमन मछली का सेवन करने से यह कार्डियोवैस्कुलर ऊतकों की क्षति को कम करने और इनकी मरम्मत में भी सहायक होते हैं। रक्तवाहिकाओं के लचीलेपन के कारण रक्तचाप (blood pressure) को कम करने में मदद मिलती है। इस तरह सालमन मछली कार्डियोवैस्कुलर (Cardio vascular) समस्याएं जिनमें मुख्य रूप से दिल के दौरे की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य
ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा वाले खाद्य पदार्थ मस्तिष्क(Brain) के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। ये खाद्य पदार्थ स्मृति क्षमता सहित मस्तिष्क से संबंधित सभी कार्यों की दक्षता बढ़ाने में मदद करते हैं। ओमेगा-3 फैटी ऐसिड वाले खाद्य पदार्थ तंत्रिका तंत्र को भी ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह शरीर की सूजन को भी कम करने में मदद करते है। सालमन मछली का सेवन एक एंटीड्रिप्रेसेंट के रूप में भी कार्य करता है। एक पशू अध्ययन से पता चलता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड के पूरकों का लंबे समय तक सेवन करने से अल्जाइमर रोग और पार्किंसंस के लक्षणों को कम करने और इनका उपचार करने में मदद करते हैं।
वजन घटाने में
यह समुद्री मछली उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है जो अपना वजन कम करना चाहते हैं। सालमन मछली में मौजूद उच्च प्रोटीन का सेवन करने से यह भूख को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। जो कि वजन बढ़ने का सबसे आम और प्रमुख कारण हो सकता है। सालमन में मौजूद पोषक तत्व भूख बढ़ाने वाले हार्मोन को नियंत्रित करते हैं और आपको संतुष्टि का अनुभव कराते हैं। प्रोटीन की अच्छी मात्रा आपकी चयापचय दर में वृद्धि करते हैं। सालमन फिश कैलोरी में कम होने के कारण वजन कम करने में मदद करती है। आप अपने वजन को कम करने के लिए सैल्मन का सेवन कर सकते हैं।
हड्डी और जोड़ों के लिए
विटामिन डी के साथ पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की अच्छी मात्रा सैल्मन मछली में मौजूद रहती है। ये दोनों ही पोषक तत्व ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) के जोखिमों को कम करने में मदद करते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि ओमेगा-3 फैटी एसिड का आहार के रूप में उपयोग करने वाली महिलाओं में हड्डी का फ्रैक्चर कम होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ओमेगा-3 एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लामेटरी गुण वाला भोजन है।
आंखों के लिए
ऐसा माना जाता है पर्याप्त मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करना आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इस मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और एमिनो एसिड मैकुलर अपघटन, रेटिना के सूखापन, दृष्टि की कमी और आंखों की सूजन व थकान को कम करने में मदद करते हैं। यह प्रमाणित भी हो चुका है कि जो लोग नियमित रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड या मछली का सेवन करते हैं, वे दूसरों की तुलना में बेहतर दृष्टि रखते हैं। सैल्मन मछली अधिक पौष्टिक और स्वस्थ है। लंबी बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए यह और भी अधिक फायदेमंद होती है क्योंकि इसमें अच्छे प्रोटीन पूरक होते हैं जो पचाने में आसान होते हैं। कुछ लोग सैल्मन मछली को मांश, पोल्ट्री और पशू प्रोटीन आदि के विकल्प के रूप में उपयोग करते हैं।
त्वचा के लिए
आप अपनी त्वचा को स्वस्थ्य रखने के लिए जिन पूरक आहारों का उपयोग करते हैं वे विशेष रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड की पूर्ति के लिए होते हैं। सालमन मछली में ओमेगा-3 वसा अच्छी मात्रा में होता है जो आपकी त्वचा को चमकदार और कोमल (supple skin) बनाता है। इसके अलावा सालमन में पाए जाने वाले अस्थैक्सिथिन (astaxanthin) के कैरोटेनोइड एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। ये फ्री रेडिकल्स उम्र बढ़ने के संकेतों को बढ़ावा देते हैं। इस कारण दुनिया भर के सौंदर्य विशेषज्ञों द्वारा त्वचा को गोरा, चमकदार और स्वस्थ्य रखने के लिए सालमन मछली के सेवन की सलाह दी जाती है।
रक्तचाप कम करने के लिए
अध्ययनों से पता चलता है कि सैलमन मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होने के साथ ही ईकोसापेन्टैनेनिक एसिड (eicosapentaenic acid (ईपीए)) और डीकोसाहेक्साएनोइक एसिड (decosahexaenoic acid) में विशिष्ट रूप से समृद्ध है। इसमें सेलेनियम की प्रचुर मात्रा भी होती जो कि रक्तचाप को कम करने में सहायक होते हैं। उच्च रक्तचाप कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारी के खतरे को और अधिक बढ़ा सकता है। हृदय संबंधि बीमारियों से बचने के लिए लोगों को सैलमन मछली का नियमित सेवन करना चाहिए।
बालों के लिए
कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ के साथ ही सालमन फिश आपके बालों के लिए फायदेमंद होती है। सालमन मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन बी12 और आयरन की अच्छी मात्रा होती है। ये पोषक तत्व आपके स्कैल्प (Scalp) के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह बालों की जड़ों और रोम को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्रदान करते हैं जिससे बालों के झड़ने को कम किया जा सकता है। आप सालमन मछली का नियमित सेवन कर बालों को कमजोर होने और गिरने से बचा सकते हैं। यदि आप पर्याप्त मात्रा में सालमन मछली का सेवन नहीं कर पाते हैं तो बालों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए मछली के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं।
बॉडीबिल्डिंग के लिए
जो लोग मजबूत, फिट और स्वस्थ्य शरीर की इच्छा रखते हैं उनके लिए सालमन फिश बहुत ही लाभकारी होती है। सालमन मछली की केवल एक चौथाई कप मात्रा का सेवन करने से 13 ग्राम प्रोटीन प्राप्त किया जा सकता है। प्रोटीन आपके शरीर में मांसपेशीयों का निमार्ण और उन्हें उभारने में मदद करता है। एमिनो एसिड प्रोटीन बनाने में मदद करते हैं, इसलिए आपको एमिनो एसिड भी पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए जो सालमन में मौजूद रहता है। सालमन फिश एमिनो एसिड और दुबला प्रोटीन (lean protein) का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। यह आपको अधिक टोन बॉडी प्राप्त करने और मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने में मदद करती है।
सालमन मछली खाने के नुकसान
पारा (Mercury) विषाक्तता: सालमन मछली दो प्रकार की होती हैं जिनमें एक स्वतंत्र रूप से नदी या समुद्र में पाई जाती है और दूसरी जिसे तालाबों आदि में पाला जाता है। सालमन मछली दुनिया भर में बहुत ही लोकप्रिय है। अध्ययनों से पता चलता है कि तालाबों में उत्पादन की जाने वाली सालमन फिश में पोलिक्लोरीनेटेड बायफेनिल डाइऑक्साइन्स (polychlorinated biphenyls (PCBs), dioxins), पारा (mercury) और कई क्लोरीनयुक्त कीटनाशक (chlorinated pesticides) जैसे दूषित पदार्थों का अधिक स्तर होता है। इन प्रदूषकों का सेवन करने से कैंसर, मधुमेह और स्ट्रोक आदि की समस्या हो सकती है।
गर्भवती और स्तनपान करने वाली माताएं: महिलाओं को सालमन मछली का सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए विशेष रूप से जब वे गर्भवती हो या स्तनपान करा रही हों। सालमन मछली में पारा की मात्रा होती है जो भ्रूण के विकासशील मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
टैपवार्म संक्रमण: इस मछली को अच्छी तरह से पकाने के बाद ही सेवन करना चाहिए। कच्ची या कम पकी हुई सालमन का सेवन करने से इसमें टैपवार्म बैक्टीरिया हो सकते हैं जिन्हें डिफिलोबोथ्रियम लैटम (Diphyllobothrium latum) कहा जाता है। इस बैक्टीरिया की मौजूदगी से निम्न परेशानियां हो सकती हैं।
- पेट में दर्द होना
- दस्त
- उल्टी
- वजन घटना
- विटामिन बी की कमी
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