एक स्वस्थ और संतुलित वातावरण आपको सेहतमंद रखने के लिए जिम्मेदार होता है | वायुमंडल में कई तरह की गैस पाई जाती है , जिसमें मौलिक, जैविक और रासायनिक गुण पाएं जाते है, जो जैवमंडल को प्रदूषित करते है| जैवमंडल में पाए जाने वाले प्रदूषण जैसे-वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण, समुद्री प्रदूषण और तापीय प्रदूषण आदि है. ये विभिन्न तरह के प्रदूषण का प्रकार है ,जोकि हमारे शरीर में कई बीमारियों जुखाम , खांसी , इन्फेक्शन और फ्लु का फैलने का डर बना रहता है.
जहरीला वायु प्रदूषण लोगों को कई तरह की बीमारियों का शिकार बना रहा है. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं, लोगों की आंखें जल रही हैं. वायु प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ता है.
लेकिन इस वायु प्रदूषण से इतना ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, हम आपको कुछ ऐसा बता रहे हैं, जिसे खाकर आप प्रदूषण के कहर से बच सकते हैं, आइए जानें कैसे..
प्रदूषण से बचने के लिए फूड्स
अलसी के बीज
इसमें फोटोएस्ट्रोजन और ओमेगा-थ्री फैटी एसिड की काफी मात्रा होती है. इनमें एंटीऑक्सिडेंट के गुण होते हैं यानी ये सांस से जुड़ी तकलीफों को दूर करने का काम करते हैं. यहां तक कि अस्थमा जैसे खतरनाक मर्ज में भी इनका सेवन काफी आराम देता है. अलसी को भूनकर और पीसकर उसे सलाद, दाल या स्मूदी में भी लिया जा सकता है.
ब्रोकली
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में 12 सप्ताह तक हुआ एक शोध बताता है कि रोज ब्रोकली खाने वाले लोगों पर वायु प्रदूषण का असर बहुत कम हो जाता है. इसकी वजह है ब्रोकली की एंटी-कार्सिनोजेनिक प्रॉपर्टी. इसमें विटामिन सी और बीटा कैरोटिन भी होता है जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
टमाटर
रोज सब्जियों में स्वाद के लिए डाला जाने वाला टमाटर जहरीली हवा से हमें बचाने के लिए कवच का काम करता है. इसमें बीटा कैरोटिन, विटामिन सी और लाइकोपिन होता है यानी वे एंटीऑक्सिडेंट जो अस्थमा से लेकर किसी भी तरह की सांस की बीमारी से दूर रखते हैं. फेफड़ों को हमेशा स्वस्थ रखने में भी इनका अहम योगदान है.
पालक
ल्यूटिन, क्लोरोफिल और बीटा कैरोटिन से भरपूर पालक में बीमारियों से बचाने की क्षमता होती है. ये एक बेहतर एंटीऑक्सिडेंट है जो कैंसर और खासकर जहरीली हवा के कारण फेफड़ों पर होने वाले दुष्प्रभाव से बचाता है. इसमें मैग्नीशियम भी होता है जिससे शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है.
हल्दी
हमेशा से भारतीय रसोई का अहम हिस्सा रहा ये मसाला स्मोग के असर को बेअसर कर सकता है. इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो लंग्स को प्रदूषण के असर से बचाए रखते हैं. कफ होने पर हल्दी को घी में मिलाकर खाने से तुरंत राहत मिलती है. हल्दी, गुड़ और बटर को मिलाकर रात में गुनगुने दूध में डालकर पीना जानलेवा प्रदूषण का असर काफी हद तक कम कर सकता है
हर्बल टी
वजन कम करने से लेकर सेहतमंद रहने तक हर्बल टी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होती है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाते हैं. इसके साथ ही यह प्रदूषण के कारण होने वाली एलर्जी से भी सुरक्षित रखती है. आप घर पर भी तुलसी, अदरक, और नींबू के रस की मदद से हर्बल टी बना सकते हैं.
गुड़
वायु प्रदूषण से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी और फायदेमंद है गुड़. जी हां, अपनी डाइट में गुड़ को शामिल करके आप प्रदूषण या स्मॉग से होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं, क्योंकि गुड़ में एंटी एलर्जिक गुण शामिल होते हैं, जिस वजह से ये अस्थमा रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. साथ ही गुड़ में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है.
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