कंप्यूटर पर ज्यादा काम करने से आपके शरीर को हो सकते है ये नुकसान

लैपटॉप या कम्प्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करना हो सकता है सेहत के लिए खतरनाक आजकल कंप्यूटर इंसान की जिंदगी का एक अहम हिस्सा हो गया है। बढ़ती टेक्नोलॉजी के इस युग में लैपटॉप या कम्प्यूटर के बिना हम अपनी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हमारे रोजमर्रा के ज्यादातर काम और यहां तक कि व्यक्ति का भविष्य और जॉब कंप्यूटर पर ही आधारित है। ऐसी स्थिति में कंप्यूटर का अधिक उपयोग होना लाजिमी है। लेकिन कंप्यूटर के अधिक इस्तेमाल के कारण व्यक्ति को बीमारियां भी उतनी ही तेजी से अपनी चपेट में ले रही हैं। डॉक्टरों के पास मांसपेशियों, जोड़ों, कमर दर्द, स्ट्रेस जैसी समस्याओं के ऐसे मरीजों की संख्या ज्यादा है जो कंप्यूटर पर चार घंटे से अधिक देर तक काम करते हैं।

 

कंप्यूटर पर ज्यादा काम से शरीर में नुकसान

 

सिर में दर्द

 

कंप्यूटर और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रानिक उपकरण सिरदर्द और माइग्रेन का एक बड़ा कारण है। इसलिए यदि आप लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते हैं तो आपको सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती है। माना जाता है कि कंप्यूटर के स्क्रीन की रोशनी, पैटर्न और छवियां व्यक्ति के स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं जिसके कारण ज्यादातर लोग सिरदर्द से ग्रसित हो जाते हैं।

 

मांसपेशियों में समस्या

 

वैसे तो लैपटॉप या कम्प्यूटर का उपयोग करने के विभिन्न तरीके हैं लेकिन आमतौर पर ज्यादातर लोग कुर्सी पर बैठकर डेस्कटॉप कंप्यूटर या लैपटॉप चलाते हैं। एक रिसर्च में पाया गया है कि लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर कंप्यूटर पर काम करते रहने से मांसपेशियां थक जाती हैं जिससे मांसपेशियों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसके अलावा पैर, सीना, भुजाएं और कंधें सुन्न हो जाते हैं। कंप्यूटर के सामने देर तक बैठकर काम करने का यह एक बड़ा नुकसान है।

 

आंखों में जलन

 

कंप्यूटर पर काम करते समय लगातार स्क्रीन पर देखते रहने से आंखों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। अमेरिका में हुई एक स्टडी में पाया गया है कि लंबे समय तक स्क्रीन पर देखते रहने से लोगों को आंखों में थकान, खुजली, आंखों से पानी गिरना और आंखों में भारीपन की समस्या का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण आंखों की रोशनी समय से पहले कमजोर हो जाती है। इसके अलावा कंप्यूटर पर लगातार देखते रहने से बच्चों की आंखों की रोशनी पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।

 

तनाव

 

देखा गया है कि सिर्फ खराब वातावरण में या खराब वर्कप्लेस पर काम करने के कारण ही तनाव नहीं होता है बल्कि अधिक देर तक लैपटॉप या कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करना तनाव का एक बड़ा कारण है। घंटों कंप्यूटर पर काम करने के कारण व्यक्ति की एकाग्रता में कमी आती है, उसे धीमा सिरदर्द चौबीस घंटे होता है और एक स्थिति ऐसी आती है जब व्यक्ति गंभीर स्ट्रेस, डिप्रेशन और विभिन्न मानसिक समस्याओं से ग्रसित हो जाता है। कंप्यूटर पर काम करने से इस तरह हमारा स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

 

मोटापा

 

लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट का अधिक देर तक इस्तेमाल करना आजकल लोगों की जीवनशैली में शामिल हो गया है। कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल करने वाले लगभग 30 प्रतिशत लोग बहुत तेजी से मोटापे का शिकार हो रहे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि कंप्यूटर का इस्तेमाल सभी उम्र के लोगों, विशेषरूप से बच्चों को सुस्त और आलसी बना रहा है जिसके कारण बाद में उनमें मोटापे की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा डायबिटीज और हृदय रोगों का भी खतरा बना रहता है।

 

कमर में दर्द

 

अक्सर हम देखते हैं कि ऑफिस और कॉलेजों में कंप्यूटर पर अधिक देर तक काम करने वाले लोग शरीर को लचीला कर और झुकाकर बैठते हैं। चूंकि लंबे समय तक बैठना होता है इसलिए इतनी देर तक शरीर को सीधा नहीं रखा जा सकता है। इस कारण कमर और रीढ की हड्डी में अधिक तनाव उत्पन्न होता है जिसके कारण गंभीर दर्द शुरू हो जाता है। इसके अलावा जोड़ों, कंधों, पैरों, घुटनों, हाथ की उंगलियों और कंधों में भी देर तक कंप्यूटर पर काम करने के कारण गंभीर दर्द होता है।

 

रिपिटेटिव स्ट्रेस इंजरी

 

शरीर के मस्कुलोस्केलेटल (musculoskeletal) हिस्सों में लगातार तनाव बने रहने के कारण रिपिटेटिव स्ट्रेस इंजरी की समस्या हो जाती है। इससे गर्दन, कंधा और उंगलियां सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं और इनमें लगातार अकड़न और ऐंठन बनी रहती है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए बीच बीच में ब्रेक लेना जरूरी माना जाता है।

 

सेहत के लिए नुकसानदायक

कंप्यूटर से विकिरण (radiation) निकलता है क्योंकि ज्यादातर कंप्यूटरों में कैथोड रे ट्यूब (CRT)) लगी होती है और कंप्यूटर का इस्तेमाल करते समय इसमें से एक्सरे किरण निकलती है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होती है। इन किरणों की चपेट में आने से कैंसर, माइग्रेन, अनिद्रा (insomnia) और ट्यूमर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो जाती हैं। कई बार गर्भवती महिलाओं को गर्भपात भी हो जाता है और यह पुरुषों में नपुंसकता को भी बढ़ाता है। यही कारण है कि कंप्यूटर पर देर तक काम करना खतरनाक माना जाता है।

 

मेटाबोलिज्म धीमा हो जाना

 

अधिक देर तक एक जगह बैठकर कंप्यूटर पर काम करने के कारण वयस्कों में मृत्युदर बढ़ी है। डॉक्टरों का मानना है कि लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने के कारण मांसपेशयां संकुचित हो जाती हैं जिसके कारण ब्लड स्ट्रीम से वसा बहुत धीमी गति से निकलती है और शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है और मेटाबोलिज्म धीमा पड़ जाता है। यही कारण है कि अधिक देर तक कंप्यूटर पर काम करने के लिए मना किया जाता है।

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