यूरिक एसिड में क्या खाये और किस चीज को कहे ना – जाने इसके घरेलू उपाए

अगर आपके जोड़ो में है दर्द रहता है, या फिर पैरों की उंगलियों, एड़ियों और घुटनों में दर्द या आप गठिया के शिकार हैं , तो आपको सावधान होने की जरुरत है, क्योंकि ये आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा होने के संकेत हो सकते है, जो बहुत ही खतरनाक है।

 

यूरिक एसिड हाई प्रोटीन वाले फूड्स में मौजूद प्यूरीन से बनता है। यूरिक एसिड खून में घुलकर किडनी तक पहुंचता है और यह पेशाब (टॉयलेट) के जरिये बाहर निकल जाता है। लेकिन जब यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनने लगता है, तब यह पूरी तरह से टॉयलेट के जरिए निकल नहीं पाता। युरिक एसिड अधिक मात्रा में जमा हो जाये तो यह गाउट बन जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है। इससे पथरी होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए समय पर इसे नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। जिससे बाद में आपको परेशानियों का सामना न करना पड़े और आपका शरीर स्वस्थ रहे।

 

 

यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण

 

 

  • आनुवांशिक कारणों से ,

 

  • अधिक मात्रा में नॉनवेज खाने से ,

 

  • तेज़ी से वजन घटाने या ज्यादा व्रत रखने से भी यूरिक एसिड का लेवल काफी तेज़ी से बढ़ जाता है ,

 

  • डायबिटीज की दवाएं और पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं से भी यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा देती हैं ,

 

  • किडनी खराब होने की वजह से भी शरीर से यूरिक एसिड पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाता है। इससे भी यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है।

 

  • ज्यादा प्रोटीन का सेवन भी यूरिक एसिड के लिए जिम्मेदार होता हैं। हाई प्रोटीन वाले फूड (खासकर मटन या एनिमल ऑर्गन्स) ज्यादा लेने से बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है।

 

 

यूरिक एसिड के लक्षण

 

 

  • जोड़ो में दर्द होना ,

 

  • उठने- बैठने में परेशानी ,

 

  • उँगलियों में सूजन आ जाना ,

 

  • पेशाब करने में समस्या होना ,

 

  • जोड़ो में गाँठ की शिकायत होना।

 

 

यूरिक एसिड बढ़ने से क्या-क्या समस्याएं हो सकती है

 

 

  • शरीर में अगर एक छोटी सी भी समस्या हो जाए तो, हमारा शरीर ठीक ढंग से काम नहीं करता हैं। यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने से कई तरह की समस्याएं हो सकती है।

 

  • यूरिक एसिड छोटे क्रिस्टल्स के रूप में पैरो और हाथों के ज्वाइंट्स में जमा हो जाता हैं। इसके कारण ज्वाइंट्स और चुभने जैसा तेज दर्द होता हैं।

 

  • यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स यूरिन की नसो में जमा होकर किडनी स्टोन्स बन जाते हैं। इससे पीठ में दर्द और यूरिन में खून आने लगते हैं।

 

  • हाई यूरिक एसिड के कारण हाई बीपी और उससे हाई डीजीज होने की आशंका बढ़ जाती हैं।

 

  • ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ने से इंसुलिन का बैलेंस बिगड़ जाता हैं। इससे डायबिटीज़ की आशंका बढ़ जाती
    हैं।

 

 

यूरिक एसिड कम करने के घरेलू नुस्खे

 

 

नींबू का पानी

 

नींबू का सेवन बढे हुए यूरिक एसिड के लिए बहुत फायदेमंद है। नींबू में विटामिन सी अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसके सेवन से यह एसिडिक प्रभाव पैदा करता है, और इस वजह से यूरिक एसिड का स्तर कम होने लगता है। रोज सुबह-सुबह एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में एक नींबू निचोड़ कर खाली पेट इसका सेवन करे।

 

बेकिंग सोडा

 

बेकिंग सोडा से भी शरीर में बढ़े यूरिक एसिड की मात्रा को कम किया जा सकता है। बेकिंग सोडा शरीर में एल्काइन स्तर बनाकर पेशाब के रास्तें यूरिक एसिड को निकालने में मदद करता है। एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर दो सप्ताह सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है।

 

अजवाइन का बीज

 

अजवाइन के बीज का सेवन करने से भी यूरिक एसिड का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है। खाली पेट अजवाइन के बीजों का सेवन आप सीधे नहीं कर सकते हैं तो खाना पकाते वक्त इसका प्रयोग करें।

 

सेब का सिरका

 

सेब ही नहीं बल्कि सेब का सिरका कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। शरीर में बढ़े यूरिक एसिड को कम करने के लिए सेब के सिरके का सेवन करें। इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर दिन में दो बार सेवन कीजिए। ये बढ़े हुए यूरिक एसिड की मात्रा को कम करता है।

 

बथुए के पत्ते

 

बथुए के पत्ते का जूस निकालकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इस जूस को पीने के बाद दो घंटे तक कुछ भी न खायें। एक सप्ताह तक इस जूस का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर सामान्य हो जाता है।

 

 

यूरिक एसिड में इन चीजों का ना करे सेवन

 

 

  • अधिक मात्रा में शराब का सेवन न करे, इसमें यीस्ट की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इससे दूर रहे ।

 

  • खान खाते समय पानी न पीये | खाने से आधे घंटे पहले या फिर खाने के आधे घंटे बाद पीये ।

 

  • फ़ास्ट फ़ूड , पैक्ड फ़ूड और धूम्रपान का सेवन यूरिक एसिड में नहीं करना चाहिए ।

 

अक्सर हम उन छोटी चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते जो की हमें लगता हैं की यह छोटी समस्या हैं परंतु हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए की हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या छोटी नहीं होती। समय-समय पर हमें अपने शरीर की जाँच जरूर करवानी चाहिए। जिससे बाद में हमें परेशानियों का सामना न करना पड़े और हमारा शरीर स्वस्थ रहे।

 


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