क्या आप जानते हैं वर्तमान समय में ओवेरियन ट्यूमर से ग्रसित अधिक महिलाएं देखने को मिल रही हैं, ओवेरियन ट्यूमर एक खतरनाक बीमारी हैं, जो कि जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। ओवेरियन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी हैं, जिसके सही समय पर पता लगने पर इसका इलाज हो जाना चाहिए। यदि आप इस बीमारी को बढ़ावा देंगे तो यह अधिक खतरनाक रूप ले सकती हैं। ओवेरियन ट्यूमर में महिलाओ को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। अधिकतर देखा जाता हैं कि ओवेरियन ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी का विकल्प चुना जाता हैं। आज हम इस लेख मैं जानेंगे की भारत में ओवेरियन ट्यूमर रिमूवल सर्जरी की लागत कितनी हैं?
ओवेरियन ट्यूमर क्या होता हैं ?
ओवेरियन ट्यूमर का मतलब है अंडाशय (ओवरी) में कोशिकाओं का असामान्य रूप से बढ़ना, जिसके कारण एक गांठ बन जाती है जिसे ट्यूमर कहा जाता है। हर ट्यूमर एक जैसा नहीं होता, यह सौम्य (Benign) या घातक (Malignant) भी हो सकता है।
सौम्य ट्यूमर (Benign Tumor): यह एक प्रकार का ट्यूमर है जो अधिकतर खतरे से मुक्त होता है। यह शरीर के अन्य भागों में नहीं फैलता, इसलिए इसका इलाज करना अपेक्षाकृत आसान होता है।
घातक ट्यूमर (Malignant Tumor): यह कैंसरस ट्यूमर होता है और तेजी से बढ़ता है। घातक ट्यूमर शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है, इसे मेटास्टेसिस (Metastasis) कहते हैं। इसका उपचार तुरंत करना बेहद ज़रूरी होता है, ताकि यह और गंभीर न हो जाए।
ओवेरियन ट्यूमर के लक्षण महिलाओं में किस प्रकार नज़र आते हैं ?
अंडाशय ट्यूमर के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं, और अक्सर ये शुरुआती चरणों में दिखाई नहीं देते हैं। कुछ सामान्य इस प्रकार हैं जैसे कि-
- पेट के निचले हिस्से में दर्द या सूजन
- वजन का तेजी से घटना या बढ़ना
- पेट में असहजता या फुलाव महसूस होना
- बार-बार पेशाब आना
- मासिक धर्म के दौरान दर्दनाक ऐंठन
- पेल्विक दर्द
- उल्टी होना
- भोजन करते समय सामान्य से अधिक जल्दी पेट भरा हुआ महसूस होना
- सेक्स के दौरान दर्द
महिलाओं में ओवेरियन ट्यूमर होने के कारण क्या हो सकते हैं ?
ओवेरियन ट्यूमर के सटीक कारणों का पता लगाना कठिन होता है, लेकिन कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- आनुवांशिक कारण (Genetic Factors): परिवार में अगर किसी को ओवेरियन कैंसर हुआ है, तो इसके होने का खतरा बढ़ जाता है।
- हॉर्मोनल असंतुलन: हार्मोन का असंतुलन शरीर में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि का कारण बन सकता है।
- बार-बार ओव्यूलेशन: नियमित रूप से ओव्यूलेशन के कारण कोशिकाओं में बदलाव की संभावना बढ़ जाती है, जिससे ट्यूमर होने का खतरा रहता है।
ओवेरियन ट्यूमर के निदान क्या होते हैं ?
ओवेरियन ट्यूमर का निदान (Diagnosis) करने के लिए डॉक्टर कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, ताकि ट्यूमर की स्थिति, आकार और प्रकार का पता चल सके।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): इसमें ध्वनि तरंगों का उपयोग कर ट्यूमर की स्थिति का पता लगाया जाता है। यह प्रक्रिया बिना दर्द के होती है और इसमें कोई जोखिम नहीं होता।
- CT स्कैन और MRI: यह स्कैनिंग तकनीकें ट्यूमर की गहराई, उसके आकार और आस-पास के अंगों पर प्रभाव का पता लगाने में सहायक होती हैं।
- ब्लड टेस्ट: इसमें CA-125 नामक प्रोटीन की जाँच की जाती है, जो ओवेरियन कैंसर की स्थिति में बढ़ जाता है। अगर इसके स्तर में वृद्धि पाई जाती है, तो ट्यूमर कैंसरस होने की संभावना हो सकती है।
ओवेरियन ट्यूमर रिमूवल सर्जरी क्या हैं ?
ओवेरियन ट्यूमर रिमूवल सर्जरी का मुख्य उद्देश्य अंडाशय से ट्यूमर को हटाना होता है। यह सर्जरी कितनी बड़ी होगी, यह ट्यूमर के प्रकार, आकार और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।
सर्जरी के प्रकार:
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: इसमें शरीर पर छोटे चीरे लगाकर एंडोस्कोप की मदद से ट्यूमर को हटाया जाता है। यह सर्जरी कम समय में हो जाती है और जल्दी ठीक भी हो जाती है। इसे ‘की-होल सर्जरी’ भी कहा जाता है।
लैप्रोटॉमी: इस सर्जरी में पेट में बड़ा चीरा लगाकर ट्यूमर को निकाला जाता है। इसे तब किया जाता है जब ट्यूमर बड़ा हो और लैप्रोस्कोपिक तरीके से हटाना संभव न हो।
ओफोरेक्टॉमी (Oophorectomy): इसमें ट्यूमर के साथ-साथ ओवरी को भी हटा दिया जाता है। इसे अधिकतर कैंसरस ट्यूमर के मामलों में किया जाता है ताकि बीमारी और न बढ़े।
सर्जरी के बाद की देखभाल क्या होनी चाहिए ?
सर्जरी के बाद मरीज को पूरी तरह से ठीक होने के लिए उचित देखभाल की जरूरत होती है। इसके लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- आराम करें: सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक आराम करना जरूरी है ताकि शरीर ठीक हो सके। भारी काम या मेहनत वाले कार्यों से बचें।
- पौष्टिक आहार लें: पौष्टिक और संतुलित आहार शरीर की रिकवरी के लिए जरूरी होता है। फल, सब्जियाँ, और प्रोटीन युक्त भोजन लें।
- दवाइयाँ लें: डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का समय पर सेवन करें ताकि संक्रमण से बचा जा सके और दर्द में राहत मिले।
- नियमित जाँच कराएं: समय-समय पर डॉक्टर से जाँच कराएं ताकि किसी भी प्रकार की असामान्यता का पता लग सके।
सर्जरी के बाद के दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं ?
सर्जरी के बाद कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिनके बारे में जानकारी होना जरूरी है:
- दर्द और सूजन: सर्जरी के बाद कुछ समय तक चीरे के स्थान पर दर्द और सूजन हो सकती है, जो धीरे-धीरे कम होती जाती है।
- संक्रमण का खतरा: सर्जरी के चीरे के स्थान पर संक्रमण का खतरा रहता है, इसलिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- हॉर्मोनल असंतुलन: अगर ओवरी को हटा दिया गया है, तो शरीर में हॉर्मोनल बदलाव हो सकते हैं। यह मूड स्विंग्स, थकान, और अन्य लक्षणों का कारण बन सकता है।
ओवेरियन ट्यूमर से बचाव के उपाय
ओवेरियन ट्यूमर के खतरे को कम करने के लिए कुछ सावधानियाँ बरती जा सकती हैं:
- नियमित स्वास्थ्य जाँच: समय-समय पर नियमित स्वास्थ्य जाँच कराने से शुरुआती अवस्था में ही ट्यूमर का पता चल सकता है।
- संतुलित आहार का सेवन: पौष्टिक आहार जैसे हरी सब्जियाँ, फल और प्रोटीन शरीर को स्वस्थ रखते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
- तनाव कम करें: तनाव से शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, इसलिए इसे कम करने के लिए योग, ध्यान, और हल्का व्यायाम करें।
निष्कर्ष:
ओवेरियन ट्यूमर रिमूवल सर्जरी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर जब ट्यूमर कैंसरस हो। इस सर्जरी से न केवल गंभीर स्थिति को रोका जा सकता है, बल्कि मरीज की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होता है। सही समय पर निदान और उचित उपचार कराने से यह बीमारी नियंत्रित की जा सकती है।
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