सोरियाटिक अर्थराइटिस के कारण, लक्षण और उपचार !

सोरियाटिक अर्थराइटिस (PsA) क्या है?

 

 

सोरियाटिक अर्थराइटिस (PsA) एक प्रकार का अर्थराइटिस है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमे सूजन, गले में दर्द और जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। सोरायसिस के कारण आपकी त्वचा और सर पर खुजली, पपड़ीदार लाल धब्बे दिखाई देते हैं। आजकल यह बिमारी बच्चों में भी होने लगी  हैं।

 

इस बिमारी के लक्षण रूमटॉइड गठिया जैसा ही होता है। सोरियाटिक अर्थराइटिस में जोड़ो में दर्द होती है। पर सोरियाटिक में रूमटॉइड गठिया की तुलना में जोड़ो में कम दर्द होती है ।

 

 

सोरियाटिक गठिया के लक्षण क्या हैं?

 

 

पीएसए के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होते हैं और जो की गंभीर हो सकते हैं।

 

  • आपके शरीर के एक या दोनों तरफ सूजन,

 

  • हाथ-पैर की उंगलियों में सूजन,

 

 

  • पपड़ीदार त्वचा ,

 

 

  • नाखूनों के रंग में परिवर्तन होना या त्वचा से अलग हो जाना,

 

 

  • रीढ़ की हड्डी में दर्द और अकड़न,

 

  • आपके कूल्हों, घुटनों, टखनों, पैरों, कोहनी, हाथों, कलाई और अन्य जोड़ों में दर्द, सूजन और कमजोरी होना,

 

  • पीठ के निचले हिस्से में या गर्दन में दर्द होना,

 

  • पैर के पिछले हिस्से या एड़ी में दर्द की शिकायत,

 

यह रोग अनुवांशिक होता है । गठिया और सोरायसिस दोनों आम समस्याएं हैं, और दोनों ही संयोग से एक साथ होते हैं। यदि आपके भी ऊपर बताये गए लक्षण दिखाई दे तो सूजन की जांच के लिये ‘ईएसआर’ जांच कराएं।

 

ब्लड टेस्ट कराने पर आपको अन्य प्रकार के अर्थराइटिस की भी जानकारी प्राप्त हो सकती है।

 

 

सोरियाटिक गठिया का कारण क्या है?

 

 

  • जेनेटिक कारक,

 

  • परिवार के इतिहास,

 

  • वायरल या जीवाणु संक्रमण,

 

  • तनाव,

 

 

सोरियाटिक गठिया से बचने के घरेलू उपाय

 

 

आपके लक्षणों को सुधारने में मदद के लिए आप घर पर ही कुछ चीजें कर सकते हैं:

 

व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें

 

जोड़ों के दर्द को चलते रहने से कम किया जा सकता है। प्रति दिन कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करते रहने से वजन कम होगा। अपने डॉक्टर से पूछें कि जोड़ों के दर्द के लिए किस प्रकार का व्यायाम सबसे सुरक्षित है।

 

बुरी आदतों को छोड़े 

 

धूम्रपान जोड़ों के दर्द के लिए बहुत बुरा होता है। अपने डॉक्टर से निकोटीन रिप्लेसमेंट, मेडिसिन, और काउंसलिंग के बारे में सलाह ले जिससे आपको धूम्रपान और शराब जैसी बुरी आदतों से छुटकारा मिल सके।

 

तनाव से छुटकारा

 

तनाव गठिया को और भी बदतर बना सकता हैं। ध्यान, योग का अभ्यास करें, या अपने मन और शरीर को शांत करने के लिए अन्य तनाव-राहत तकनीकों का प्रयास करें।

 

गर्म और ठंडे पैक का उपयोग करें

 

कोल्ड पैक और गर्म पैक मांसपेशियों में हो रहे दर्द को कम करता हैं। और यह जोड़ों के दर्द को भी कम कर सकते हैं।

 

ओमेगा -3 फैटी एसिड

 

ओमेगा -3 फैटी एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। कई सप्लीमेंट्स में पाए जाने वाले ये हेल्दी फैट्स जोड़ों में सूजन और जकड़न को कम करते हैं। पर सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

 

हल्दी

 

जोड़ो के दर्द के लिए  हल्दी भी बहुत उपयोगी होता है।

 

अदरक

 

गठिया के दर्द को कम करने के लिए अदरक का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। हाल ही में हुए चिकित्‍सीय शोधों में भी यह साफ हो चुका है कि सूप, सोस और सलाद के साथ अदरक का सेवन गठिया की समस्‍या में राहत देता है।

 

एक्‍युपंचर

 

दर्द से राहत पाने के लिए एक्‍युपंचर का भी सहारा ले सकते हैं। कई अध्‍ययनों में यह साफ हो चुका है , कि एक्‍युपंचर थेरेपी गठिया के दर्द में बहुत फायदेमंद है।

 

लहसुन की कलियाँ

 

  • 4 से 5 लहसुन की कलियों को एक पाव दूध में डाल कर उबाल कर पीने से आराम मिलता है।

 

  • लहसुन के रस को कपूर में मिला कर मालिश करे  इससे दर्द में काफी रहत मिलेगा। लाल तेल से मालिश करना भी आरामदायक होता है।

 

सोरियाटिक गठिया रोग की वजह से लोगों को चलने में , सीढ़ियों पर चढ़ना और अन्य दैनिक गतिविधियों को करना मुश्किल हो सकता है।

 

 

सोरियाटिक गठिया के जांच

 

 

  • एक्स-रे,

 

  • एमआरआई,

 

  • रूमटॉइड कारक (आरएफ) – रूमटॉइड गठिया और सोरियाटिक गठिया के बीच अंतर करने के लिए,

 

  • संयुक्त द्रव परीक्षण – गाउट और सोरियाटिक गठिया के बीच अंतर करने के लिए.

 

 

अगर आपको भी ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आये तो उसे नजरअंदाज न करे और और तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे और उनसे जांच कराएं।

 


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।