डायबिटिक डिसलिपिडेमिया क्या है
डायबिटिक डिसलिपिडेमिया लेपोप्रोटीन,चायपचय से जुड़ा एक विकार है। अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी होती है, तो लेपोप्रोटीन का बहुत अधिक उत्पादन या बहुत कमी हो सकती है, जिस वजह से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की कमी की समस्या हो सकती है। आमतौर पर डायबिटीज के मरीजों में डिसलिपिडेमिया यानी की लिपिड में परिवर्तन का खतरा अधिक रहता है, उन्हें इस रोग के होने का खतरा भी सबसे ज्यादा होता है।
डायबिटिक डिसलिपिडेमिया के लक्षण
डिसलिपिडेमिया के लक्षण हल्के होने पर नजर नहीं आते है, लेकिन अगर यह समस्या गंभीर हो जाए तब इसके लक्षण नजर आते है, इसके लक्षणों में शामिल है-
- सीने में दर्द होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- भ्रम होना
जिन लोगो को डायबिटीज की समस्या होती है और उनमे डिसलिपिडेमिया का रोग हो जाये तो, उन लोगो में हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बहुत अधिक रहता है।
डायबिटिक डिसलिपिडेमिया के मुख्य कारण
डिसलिपिडेमिया के कुछ अन्य कारण इस प्रकार निम्नलिखित है –
- लिवर की बीमारी अत्यधिक
- शराब का सेवन
- अनियमित जीवनशैली
- असंतुलित आहारों का सेवन
- धूम्रपान या नशीले चीजों का सेवन
डायबिटिक डिसलिपिडेमिया का निदान और उपचार
- डॉक्टर इस बीमारी का इलाज मरीज के ब्लड टेस्ट और पेशाब की जांच द्वारा करता है।
- नियमित रूप से डॉक्टर से समय-समय पर जांच कराते रहे।
- अपने खान-पान में बदलाव करे।
- जीवनशैली को सुधारे।
- धूम्रपान और शराब का अधिक मात्रा में सेवन न करे।
- रोजाना नियमित तौर पर व्यायाम करे।
अगर आप भी डायबिटिक डिसलिपिडेमिया जैसी समस्या से ग्रसित है, तो इसे नजरअंदाज न करे और तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे।
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