एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि सोशल मीडिया (social media) पर पॉपुलर फूड डाइट फॉलो करने के कारण महिलाओं में जरूरी न्यूट्रीएंट (Nutrient) की कमी आ रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि 20 से 30 साल की महिलाओं में पोटेशियम, मैग्नीशियम और कॉपर जैसे जरूरी न्यूट्रीएंट की कमी ज्यादा देखने मिल रही है। ये उन महिलाओं के सबसे बुरा है जो पहले से ही आइरन, कैल्शियम और आयोडीन की कमी से जूझ रही है।
ब्रिटेन में ज्यादातर जो लोग सोशल मीडिया पर इन ट्रेंडी डाइट को फॉलो करते हैं वे अपनी डाइट में जरूरी तत्व जैसे ग्लूटन, डेयरी प्रोडक्ट, अनाज औऱ शुगर (sugar) को शामिल नहीं करते। इसमें सबसे ज्यादा लोग जो डाइट फॉलो करते हैं वे हैं वेजीटेरियनिजम, इस डाइट में लोग मांस, मछली खाना बंद कर देते हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसे लोग इन डाइट (diet) ट्रेंड के कारण कन्फ्यूज हो जाते हैं। उन्हें पता नहीं होता कि उन्हें क्या खाना चाहिए औऱ क्या नहीं। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड नेशनल डाइट एंड न्यूट्रिशन (Public Health England National Diet and Nutrition) की 3,238 लोगों पर लिए के शोध की रिपोर्ट के अनुसार औसतन एक महिला 8 में से 7 जरूरी तत्वों को अपनी डाइट मं शामिल नहीं करती है जो काफी चिंताजनक है। वहीं औसतन एक पुरुष 8 में से 5 जरूरी तत्व अपनी डाइट में शामिल नहीं करता।
इंस्टाग्राम का इस्तेमाल क्यों हैं खतरनाक है
ब्रिटेन में इंस्टाग्राम (Instagram) का बुरा प्रभाव युवाओं में ज्यादा देखने मिल रहा है। एक सर्वे में इस बात का पता चला कि 14 से 24 साल के युवा इस एप का इस्तेमाल करने के बाद ज्यादा अकेला और तनाव (stress) ग्रस्त महसूस करते हैं। इसके साथ ही उनके बर्ताव में भी बदलाव देखने मिलाता है।
इंस्टाग्राम डिसऑर्डर के तीन कारण
- पहला ये कि इंस्टाग्राम एक फोटो शेयरिंग एप है। इसमें लोग फोटो शेयर करते हैं लाइक पाने के लिए। अगर आप प्रोटीन (Protein) युक्त पैनकेक की फोटो डालेंगे तो ये हेल्दी लोगों को ज्यादा आकर्षक लगेगा औऱ आपको ज्यादा लाइक मिलेंगे।
- जिन लोगों को आप फॉलो करते हैं या जिकी फोटो लाइक करते हैं उनका असर भी आप पर पड़ता है। कुछ लोग हेल्दी फूड (healthy food) के हैश टेग (Hashtags) चलाते हैं जिन्हें देखकर लोग न्यूट्रीएंट की कमी वाला खाना खाना शुरू कर देते हैं।
- वहीं कुछ सेलीब्रिटीज को हम फॉलो करते हैं उनकी डाइट से हम भी उनके जैसा फिगर पाना चाहते हैं। जिस कारण हम कुछ जरूरी तत्वों को अपने शरीर से दूर कर देते हैं। ऐसा नहीं है कि आप कुछ डाइट फॉलो न करें पर इसे अपनाने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
जानिए क्यों युवाओं में सोशल नेटवर्किंग का बढ़ रहा है तनाव
युवा हर रोज सोशल नेटवर्किंग से चिंता और तनाव का शिकार हो रहे हैं। सोशल नेटवर्किंग ने और सोशल मीडिया ने युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। यूनाइटेड किंगडम में किए गए एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों (Social networking sites) का उपयोग युवाओं को अधिक चिंतित और भयभीत बना रहा है। सर्वेक्षण में 12 से 20 साल के बीच के 10,000 से अधिक युवाओं को शामिल किया गया। इनमें से 70 प्रतिशत युवाओं को सोशल नेटवर्क पर किसी अन्य व्यक्ति से अपमानित हो रहे थे और 17 प्रतिशत युवा बुरी तरह ऑनलाइन (online) की गिरफ्त में थे।
एंटी बुलींग चैरिटी डिच द लेबल (Anti-bulling charity ditch the label) के सर्वेक्षण के मुताबिक, 40 प्रतिशत प्रतिभागियों ने बुरा महसूस किया कि उनकी सेल्फी किसी को पसंद नहीं है और 35 प्रतिशत ने कहा कि उनका आत्मविश्वास सीधे तौर पर उनके फॉलोअर्स से जुड़ा हुआ है जिनके पास वे थे। पोस्ट करने के लिए अधिकांश युवाओं द्वारा उपयोग किया जाने वाला वाहन बनने के रूप में इन्स्टाग्राम हाइलाइट (highlight) किया गया था। दूसरी तरफ 47 प्रतिशत युवाओं ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर बुरी चीजों पर चर्चा नहीं करेंगे और कई लोगों ने उनके जीवन का केवल एक संपादित संस्करण ही पेश किया। हालांकि इसके विपरीत ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट (Oxford Internet Institute) के एक हालिया शोध ने सुझाव दिया है कि साइबर-बदमाशी अपेक्षाकृत दुर्लभ है। अनुसंधान ने 15 साल के आसपास के बच्चों को इसमें शामिल किया था। इनमें से 30 प्रतिशत युवाओं ने नियमित बदमाशी की सूचना दी।
मौजूदा दौर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो तनाव से न घिरा हो। लेकिन युवाओं की बात करें तो सबसे ज्यादा तनाव इन्हीं में नजर आता है। इसके असंख्य उदाहरण आए दिन हमारे इर्द-गिर्द दिख जाते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि तलाक की संख्या में दिनों दिन हो रहे इजाफे का मुख्य कारण भी तनाव ही है। बहरहाल सवाल यह उठता है कि आखिर युवा पीढ़ी इस कदर तनाव से भरी क्यों है? इसके पीछे एक बड़ी वजह हमारी बदली जीवनशैली है।
तकनीक ने जिंदगी को हमारी अंगुलियों में लाकर समेट दिया है।जहां एक ओर तकनीक के जरिये हमारी जिंदगी सरल व सहज हुई है, वहीं दूसरी ओर इसने हमें हमारे अपनों से दूर कर दिया है। हम दोस्तों से वक्त निकालकर मिलने नहीं जाते, अपने दिल की बात किसी से साझा नहीं करते। परिणामस्वरूप घर या दफ्तर की तमाम समस्याएं दिल में बोझ की तरह लिये बैठे रहते हैं। निश्चित रूप से जीवनशैली का यह बड़ा बदलाव हमारे इर्द-गिर्द तनाव का जाल बिछा देता है।
सोशल मीडिया की लत से बचने के 5 उपाय
नोटिफिकेशन बंद कर दें:
इसके लिए आपको अपने सोशल मीडिया अकाउंट को बंद करने की जरुरत नहीं है। बस नोटिफिकेशन को बंद करके भी इसकी लत को कम किया जा सकता है। नोटिफिकेशन बंद कर देने से आपको नींद और काम के दौरान परेशानी नहीं होगी। सोशल मीडिया की ऐप के नोटिफिकेशन आपका ध्यान भंग करते हैं जिसकी वजह से आप उन्हें देखे बिना रह नहीं पाते हैं।
फोन का इस्तेमाल सीमित कर दें:
फोन का इस्तेमाल एक सीमित समय तक करना ही बेहतर होता है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए आप एक टाइमर या अलार्म लगा लें और सिर्फ उतने समय में ही इसका इस्तेमाल करें। यह आपकी आदत को बदलने का सबसे अच्छा तरीका है। फोन के इस्तेमाल को सीमित करके एडिक्शन को दूर किया जा सकता है।
किताब पढ़ें:
किसी भी आदत को छुड़ाने का सबसे अच्छा तरीका पढ़ना है। जिन लोगों को पढ़ना अच्छा लगता है वह समझ सकते हैं कि अपनी फेवरेट किताब को पढ़कर अपना समय व्यतीत कर सकते हैं। किताब पढ़ने से दिमाग और आत्मा दोनों शांत होते हैं।
घरवालों के साथ बात करें:
सोशल मीडिया पर अन्य लोगों से बात करने से बेहतर है कि आप अपेन घरवालों से बात करें। आपके पास समय के सात सही लोग होते हैं जो सही सलाह देने में मदद करते हैं। सोशल मीडिया की लत को दूर करने के लिए आपने घरवालो, दोस्तों से बात करें और उन लोगों से बात करते समय अपने फोन को साइड में रख दें।
नई हॉबी में खुद को व्यस्त रखें:
खुद को सोशल मीडिया में व्यस्त रखने से बेहतर है कि आप कुछ नई आदतें डालने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपका समय भी व्यतीत हो जाएगा और आपको सोशल मीडिया से ब्रेक भी मिल जाएगा।
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