वायु प्रदूषण (air pollution) के कारण समय से पहले मरने वालों में 28 फीसदी भारतीय ही हैं। ये मौतें एचआइवी, टीबी और मलेरिया से होने वाली कुल मौतों से तीन गुनी ज्यादा हैं। प्रदूषित हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोन (Micron) से कम आकार के महीन कण या पीएम-2.5 के संपर्क में आने से ये मौतें होती हैं। हाल ही में लेंसेट प्लैनेटरी हेल्थ (Lancet Planetary Health) में प्रकाशित अमेरिका के रोग विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पता चला है कि पीएम-2.5 डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी को भी प्रभावित करता है।
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दुनिया भर में आम हो चुकी डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी का एक नया कारण सामने आया है। एक नए अध्ययन के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण भी आप डायबिटीज यानी मधुमेह के शिकार हो सकते हैं। अमेरिका में हुए एक रिसर्च के अनुसार 2016 में डायबिटीज के सात नए मामलों में एक मामले के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार रहा। इसमें पता चला है कि वायु प्रदूषण की वजह से भी इस बीमारी के पनपने की आशंका बढ़ जाती है। आहार की आदतों और सुस्त जीवनशैली को इस बीमारी का मुख्य कारक माना जाता था लेकिन सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन (Washington University of Medicine) के अध्ययन में कहा गया है कि प्रदूषण भी मधुमेह होने में बड़ी भूमिका निभाता है। अध्ययन में सामने आया कि 2016 में दुनियाभर में प्रदू्षण की वजह से डायबिटीज के 32 लाख नए मामले सामने आए। यह उस साल दुनियाभर में मधुमेह के कुल नए मामलों का करीब 14 प्रतिशत हैं। हवा में मौजूद कई प्रकार के जहरीले पदार्थो की वजह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर काफी प्रभाव पड़ता हैं। शोध अध्ययन में पता चला है कि प्रदूषित हवा से अधिक कोलस्टॅ्राल (Colostral) और डायबिटीज का खतरा काफी बढ़ जाता हैं।
शोधकर्ता का मानना है कि वायु प्रदूषण की वजह से शरीर में इंफ्लेमेशन (Inflation) की मात्रा अधिक हो जताी हैं जो शुगर (Sugar) के स्तर को संतुलन में नहीं रहने देती और आगे चलकर वह मधुमेह का कारण बनती हैं। फैक्ट्री, कारखानों और गाडियों आदि से निकलने वाले धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon monoxide), सल्फर डाइऑक्साइड (sulphur dioxide) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (nitrogen dioxide) आदि केमिकल्स का समूह सबसे पहले फेफड़ों (Lung) के लिए नुकसानदायक होता हैं आगे चलकर यह डायबिटीज होने का कारण बनता हैं।
वायु प्रदूषण कारण
विश्व की बढ़ती जनसंख्या (World’s Population) ने प्राकृतिक साधनों का अधिक उपयोग किया है। औद्योगीकरण से बड़े-बड़े शहर बंजर बनते जा रहे हैं। इन शहरों व नगरों की जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इससे शहरों व नगरों में आवास-समस्या उत्पन्न हो गई है। इस आवास-समस्या को सुलझाने के लिए लोगों ने बस्तियों का निर्माण किया और वहाँ पर जल-निकासी, नालियों आदि की समुचित व्यवस्था नहीं होने से गन्दी बस्तियों ने वायुप्रदूषण को बढ़ावा दिया है। उद्योगों से निकलने वाला धुआँ, कृषि में रासायनों के उपयोग से भी वायु प्रदूषण बढ़ा है। साथ ही कारखानों की दुर्घटना भी भयंकर होती है। भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने की दुर्घटना गत वर्षों की बड़ी दुर्घटना थी जिससे एक ही समय हजारों व्यक्तियों को असमय मरना पड़ा था और जो जिन्दा रहे वो भी विकंलाग और विकृत होकर इस दुर्घटना या गैस त्रासदी की कहानी बताते हैं।
आवागमन के साधनों की वृद्धि आज बहुत अधिक हो रही है। इन साधनों की वृद्धि से इंजनों, बसों, वायुयानों, स्कूटरों आदि की संख्या बहुत बढ़ी है। इन वाहनों से निकलने वाले धुएँ वायुमण्डल में लगातार मिलते जा रहे हैं जिससे वायुमण्डल में असन्तुलन हो रहा है।
वनों की कटाई से वायु प्रदूषण बढ़ा है क्योंकि वृक्ष वायुमण्डल (atmosphere) के प्रदूषण को निरन्तर कम करते हैं। पौधे हानिकारक प्रदूषण गैस कार्बन डाई आक्साइड को अपने भोजन के लिए ग्रहण करते हैं और जीवनदायिनी गैस आक्सीजन प्रदान करते हैं, लेकिन मानव ने आवासीय एवं कृषि सुविधा हेतु इनकी अन्धाधुन्ध कटाई की है और हरे पौधों की कमी होने से वातावरण को शुद्ध करने वाली क्रिया जो प्रकृति चलाती है, कम हो गई है।
परमाणु परीक्षण से नाभिकीय कण वायुमण्डल में फैलते हैं जो कि वनस्पति व प्राणियों पर घातक प्रभाव डालते हैं।
डायबिटीज से बचने के घरेलू उपाय
1. करेला
डायबिटीज में करेला काफी फायदेमंद होता है, करेले में कैरेटिन नामक रसायन होता है, इसलिए यह प्राकृतिक स्टेरॉयड के रुप में इस्तेमाल होता है, जिससे खून में शुगर लेवल नहीं बढ़ पाता। करेले के 100 मिली. रस में इतना ही पानी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।
2. मेथी
मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप रोज़ 50 ग्राम मेथी नियमित रुप से खाएगें तो निश्चित ही आपका ग्लूकोज़ लेवल नीचे चला जाएगा, और आपको मधुमेह से राहत मिलेगी।
3. जामुन
जामुन का रस, पत्ती़ और बीज मधुमेह की बीमारी को जड़ से समाप्त कर सकता हैं। जामुन के सूखे बीजों को पाउडर बना कर एक चम्मच दिन में दो बार पानी या दूध के साथ लेने से राहत मिलती है।
4. आमला
एक चम्मच आमले का रस करेले के रस में मिला कर रोज पीएं , यह मधुमेह की सबसे अच्छी दवा है।
5. आम की पत्ती
15 ग्राम ताजे आम के पत्तों को 250 एमएल पानी में रात भर भिगो कर रख दें। इसके बाद सुबह इस पानी को छान कर पी लें। इसके अलावा सूखे आम के पत्तों को पीस कर पाउडर के रूप में खाने से भी मधुमेह में लाभ होता है।
6. शहद
कार्बोहाइर्ड्रेट, कैलोरी और कई तरह के माइक्रो न्यू ट्रिएंट से भरपूर शहद मधुमेह के लिए लाभकारी है। शहद मधुमेह को कम करने में सहायता करता है।
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