अल्ज़ाइमर एक मानसिक रोग है, जिसमे चीजों को याद रखने की क्षमता कम हो जाती है। ज्यादातर यह रोग वृद्धावस्था में दिमाग के कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने के कारण होता है। यह डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है, जिसका असर व्यक्ति की याददाश्त, सोचने की क्षमता, रोजमर्रा की गतिविधियों पर पड़ता है।
इस बीमारी में मस्तिष्क में कुछ रसायनों की मात्रा कम होने लगती है। ये रसायन मस्तिष्क में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बहुत जरूरी होते हैं। जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है, रोगी में तकलीफें भी बढ़ती जाती हैं।
अल्जाइमर रोग के कारण
इस रोग का अबतक कोई सटीक कारण नहीं है, लेकिन कई आनुवंशिक, पर्यावरणीय और जीवन शैली इसके कारक हैं, जो अल्जाइमर होने का कारण हो सकता हैं। और भी अन्य कारण है जिस वजह से अल्जाइमर रोग होने का खतरा रहता है, जैसे की –
- डिप्रेशन,
- सिर की चोट,
- उच्च रक्तचाप,
- मोटापे के मरीजों में अधिक होता है।
अल्जाइमर के लक्षण
मेमोरी लॉस होना अल्जाइमर का पहला लक्षण हैं। इस समस्या में हाल ही में सीखी गई चीजों को याद रखना बहुत कठिन हो जाता है। कुछ अन्य लक्षण हैं, जैसे की –
- स्थानों या समय के बारे में भ्रम,
- बोलते वक़्त शब्द याद न रहना,
- व्यक्तित्व में परिवर्तन,
- लोगों के नाम भूल जाना,
- चिड़चिड़ापन होना,
- गलत निर्णय लेना,
- विचारों को व्यक्त करने में कठिनाई होना,
- बार-बार चीजों को दोहराना,
- चीजों को भूल जाना और बाद में उन्हें याद न रखना,
- किसी भी समस्याओं का जवाब देने में कठिनाई,
- अपने लोगो पर विश्वाश न होना,
यह बीमारी बहुत से दूसरे लक्षणों से जुड़ी है, जैसे की –
- साइकोसिस,
- डीप्रेशन,
- उत्तेजना,
- अल्जाइमर के और भी दूसरे व्यावहारिक लक्षण है, जैसे की इन्सोमनिया।
अल्जाइमर से बचने के उपाय
इस बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए कुछ उपाय
- नियमित रूप से व्यायाम करें,
- आहार पर ध्यान दें। एक शोध के अनुसार, अगर आप 40 पार कर गए हैं, तो आपको अपने भोजन में बादाम, जौ, टमाटर, मछली आदि को नियमित रूप से शामिल करना चाहिए। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं, और अल्जाइमर जैसे रोग जल्द ही ठीक हो जाते है।
- स्वस्थ तेल और खाद्य पदार्थ खाएं,
- उच्च रक्तचाप,
- मधुमेह,
- उच्च कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन करने के लिए उपचार दिशानिर्देशों का पालन करें,
- जिन लोगो को ये बीमारी होती है, उनके मस्तिष्क में एसिटाइल कोलिन की मात्रा कम पाई जाती है। इसलिए, उन रोगियों को वे दवाएं दी जाती हैं, जिससे मस्तिष्क में एसिटाइल कोलिन का स्तर नियंत्रित रहे।
- वर्तमान में इस रोग का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। कुछ दवाएं इसे नियंत्रित कर गंभीर होने से रोक सकती हैं।
- मानसिक व्यायाम करने से इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है, क्योंकि इस व्यायाम से मस्तिष्क में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में मदद करता हैं। नई चीजें सीखें जैसे की – कोई नई भाषा, चुनौतीपूर्ण खेल जैसे शतरंज आदि खेलें। ब्रेन गेम जैसे सुडोकू, क्रॉस वर्ड ये सारे मानसिक व्यायाम हैं।
- नियमित रूप से पढ़ें-लिखें। हाल में ही अमेरिका के इलिनोएस प्रौद्योगिकी संस्थान में किए गए शोध में भी इस बात की पुष्टि हुई है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि पढ़ाई-लिखाई और शतरंज जैसे खेल को अपनी दिनचर्या में प्रमुखता से शामिल करने वाले लोगों का दिमाग उन लोगों की तुलना में ज्यादा दुरुस्त रहता है जो इन गतिविधियों से दूर रहते हैं।
- यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो धूम्रपान छोड़ने में मदद के लिए अपने डॉक्टर से पूछें।
प्राकृतिक उपचार से भी इस बीमारी को कम किया जा सकता है, जैसे की –
- पीपल,
- हल्दी,
- अरोमा थेरेपी,
- टमाटर,
अल्जाइमर का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन शुरुआती अवस्था में ही इस बीमारी का इलाज़ करा लेना चाहिए. एक न्यूरोलॉजिस्ट ही समय पर इसकी पहचान कर सकता है. इसके लिए पूर्ण जांच एवं न्यूरो इमेजिंग की जरूरत होती है. इसलिए कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
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