एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस बीमारी क्या है जाने इसके लक्षण,कारण और उपचार

एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) एक आॅटोइम्यून बीमारी (Autoimmune disease) है। हर 100 में से एक भारतीय व्यस्क इस बीमारी से जूझ रहा है। यह बीमारी पुरूषों में ज्यादा पाई गई है और 20 से 30 साल की उम्र के युवा इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे है। जीवनशैली, बैठने का तरीका सही न होना, बहुत ज्यादा तनाव (Stress) और लगातार कई घंटों तक काम करते रहने से युवा इस तरह की हड्डियों (Bones) व जोड़ों की समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

 

आमतौर पर इसके शिकार 40 की उम्र पार कर चुके पुरुष और महिलाएं होती हैं। आज की जीवनशैली में बदलाव के कारण युवावस्था में ही लोग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का सबसे प्रमुख कारण गलत पॉश्चर है, जिससे मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा शरीर में कैल्शियम की कमी दूसरा महत्वपूर्ण कारण है। एक दशक पहले के आंकड़ों से तुलना करें तो इस बीमारी के मरीजों की संख्या तीन गुनी बढ़ी है। वे युवा ज्यादा परेशान मिलते हैं, जो आईटी इंडस्ट्री या बीपीओ में काम करते हैं या जो लोग कम्प्यूटर के सामने अधिक समय बिताते हैं। अनुमानतः हमारे देश का हर सातवाँ व्यक्ति गर्दन और पीठ दर्द या जोड़ों के दर्द से परेशान लोग मिल जाते हैं।

 

स्पोंडिलोसिस के प्रकार

 

1. सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस

 

गर्दन में दर्द, जो सर्वाइकल को प्रभावित करता है वह सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस कहलाता है। यह दर्द गर्दन के निचले हिस्से, दोनों कंधों, कॉलर बोन और कंधों के जोड़ तक पहुंच जाता है। इससे गर्दन घुमाने में परेशानी होती है और कमजोर मांसपेशियों के कारण बांहों को हिलाना भी कठिन होता है।

 

2. लम्बर स्पोंडिलोसिस

 

इसमें स्पाइन (Spine) के कमर के निचले हिस्से में दर्द होता है।

 

3. एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस

 

यह बीमारी जोड़ों को विशेष रूप से प्रभावित करती है। रीढ़ की हड्डी के अलावा कंधों और कूल्हों के जोड़ इससे प्रभावित होते हैं। एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस होने पर स्पाइन, घुटने, एड़ियां, कूल्हे, कंधे, गर्दन और जबड़े कड़े हो जाते हैं।

 

जानिए सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण

 

  • गर्दन या पीठ में दर्द और उनका कड़ा हो जाना है।

 

  • यदि आपकी स्पाइनल कोर्ड दब गई है तो ब्लेडर (Bladder) या बाउल पर नियंत्रण खत्म हो सकता है।

 

  • इस रोग का दर्द हाथ की उंगलियों से सिर तक हो सकता है। उंगलियां सुन्न होने लगती हैं।

 

  • कंधे, कमर के निचले हिस्से और पैरों के ऊपरी हिस्से में कमजोरी और कड़ापन आ जाता है।

 

  • कभी-कभी सीने में दर्द होने लगता है और मांसपेशियों में सूजन आ जाती है।

 

  • स्पोंडिलिसिस का दर्द गर्दन से कंधों और वहां से होता हुआ हाथों, सिर के निचले हिस्से और पीठ के ऊपरी हिस्से तक पहुंच सकता है।

 

  • छींकना, खांसना और गर्दन की दूसरी गतिविधियां इन लक्षणों को और गंभीर बना सकती हैं।

 

  • शारीरिक संतुलन गड़बड़ा सकता है और समय बीतने के साथ दर्द का गंभीर हो जाता है।

 

स्पोंडिलोसिस होने के कारण

 

  • भोजन में पोषक तत्वों, कैल्शियम और विटामिन डी (Vitamin D) की कमी के कारण हड्डियों का कमजोर हो जाना हीस्पोंडिलोसिस होने का सबसे बड़ा कारण है।

 

  • बैठने या खड़े रहने का गलत तरीका आपको स्पोंडिलोसिस की समस्या का सामना करवा सकता है।

 

  • बढ़ती उम्र भी एक एहम कारण है स्पोंडिलोसिस होने का।

 

  • मसालेदार, ठंडी या बासी चीजों को खाने से भी स्पोंडिलोसिस हो सकता है।

 

  • आलस्य से भरी जीवनशैली आपको आगे चलके स्पोंडिलोसिस की परेशानी दे सकती है।

 

  • लंबे समय तक ड्राइविंग करना भी खतरनाक साबित हो सकता है।

 

  • महिलाओं में अनियमित पीरियड्स आना भी एक बड़ी वजह बन सकता है स्पोंडिलोसिस होने का।

 

  • उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का क्षय होना भी एक कारण है ,अक्सर फ्रैक्चर (Fracture) के बाद भी हड्डियों में क्षय की स्थिति होने लगती है।

 

स्पोंडिलोसिस के घरेलु उपचार

 

1. सेंधा नमक

 

Ankylosing Spondylitis: causes, Symptoms and treatments

 

सेंधा नमक (Rock salt) में मैग्नीशियम (Magnesium) की मात्रा ज्यादा होने से यह शरीर के पीएच स्तर को नियंत्रित करता है और गर्दन की अकड़ और कड़ेपन को कम करता है।

 

2. लहसुन

 

Ankylosing Spondylitis: causes, Symptoms and treatments

 

आधे ग्लास पानी में दो चम्मच सेंधा नमक मिला कर पेस्ट बना लें और उसे गर्दन के प्रभावित क्षेत्र में लगाएं, या गुनगुने पानी में दो कप सेंधा नमक डाल कर रोजाना स्नान करें, इन दोनों ही तरीकों से काफी फायदा मिलेगा।

 

3.पौष्टिक भोजन खाएं

 

Ankylosing Spondylitis: causes, Symptoms and treatments

 

पौष्टिक भोजन (Nutritious food) खाएं, विशेषकर ऐसा भोजन जो कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर हो।

 

4. हल्दी

 

Ankylosing Spondylitis: causes, Symptoms and treatments

 

हल्दी असहनीय दर्द को खत्म करने में सबसे कारगर दवाई साबित हुई है। इतना ही नहीं यह मांसपेशियों के खिचांव को भी ठीक करता है।

 

5. तिल के बीज

 

Ankylosing Spondylitis: causes, Symptoms and treatments

 

तिल (Sesame seeds) के गर्म तेल से गर्दन की हल्की मालिश 5 से 10 मिनट तक करें, फिर वहां गर्म पानी की पट्टी डालें, या आप एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी डाल कर पीएं, दर्द से निजात मिलेगी और गर्दन की अकड़ भी कम होगी। तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैगनीज, विटामिन के और डी काफी मात्रा में पाई जाती है जो हमारे हड्डी और मांसपेशियों के सेहत के लिए काफी जरुरी है। स्पांडलाइसिस के दर्द में भी तिल काफी कारगर है।


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