जाने क्या है ऑटिज्म
मैं आपको यह बता दूँ कि ऑटिज्म एक मानसिक बीमारी है, जिसके वजह से बच्चे अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। इस बीमारी के होने पर वे सामाजिक रूप से अलग-अलग रहने लगते हैं, किसी के साथ घुलते-मिलते नहीं हैं और दूसरों से बात करने में संकोच करते हैं। इस बीमारी के लक्षण बचपन से ही दिखाई देने लगते हैं। हालांकि कई वैज्ञानिक इसे बीमारी नहीं कहते हैं। इस बीमारी से बच्चे का मानसिक विकास रुक जाता है। सामान्य तौर पर, ऐसे बच्चों को उदास माना जाता है, लेकिन कुछ मामलों में ये लोग बहुत प्रतिभाशाली भी होते हैं।
अध्ययनो के अनुसार
- ऑटिज्म एक ऐसी समस्या है, जिससे ग्रसित लोगों में व्यवहार से लेकर कई तरह की दिक्कतें या परेशानी होती हैं और शुरुआती दौर में इसका पता लगाना मुश्किल होता है। लेकिन, एक नए शोध से पता चलता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रिटो सिंड्रोम और ऑटिज्म जैसी समस्याओं का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
- अध्ययन के अनुसार, इस एल्गोरिदम की मदद से आंख के पुतले में असामान्यताओं की जांच करके ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) का पता किया जा सकता है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह प्रणाली न केवल एएसडी के बारे में प्रारंभिक चेतावनी दे सकती है, बल्कि रिटो सिंड्रोम के लिए भी। अध्ययन में यह पाया गया कि यह 6 से 18 महीने के बच्चों में आत्मकेंद्रित के लक्षणों का पता लगा सकता है। शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि इसका उपयोग भविष्य में इलाज के लिए मरीजों की प्रतिक्रियाओं की निगरानी के लिए किया जा सकता है।
- यह माना जाता है कि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को नुकसान एक बहुत गंभीर समस्या है। कभी-कभी, गर्भावस्था के दौरान उचित उपचार की कमी के कारण बच्चे को आत्मकेंद्रित होने का खतरा हो सकता है। दुनियाभर में लगभग 40 प्रतिशत ऑटिस्टिक बच्चे नहीं बोलते हैं, औसतन 68 में से 1 बच्चे ऑटिज्म के शिकार हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसके होने का मुख्य कारण आनुवंशिक हैं।
ऑटिज्म के प्रकार
बच्चे के जन्म के समय ऑटिज्म विकार का पता लगाना संभव नहीं है, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती है, इस विकार के लक्षण स्पष्ट होने लगते हैं। ऑटिज्म विकार तीन प्रकार का होता है:
ऑटिस्टिक डिसऑर्डर
इस विकार से पीड़ित बच्चे आमतौर पर देर से बोलना शुरू करते हैं। उनका व्यवहार असामान्य है और उन्हें बौद्धिक समस्याएं भी होती हैं।
एस्पर्जर सिंड्रोम
इससे पीड़ित बच्चों में आमतौर पर ऑटिस्टिक विकार के कुछ लक्षण होते हैं। इस तरह के बच्चों के हित और व्यवहार असामान्य हो सकते हैं, लेकिन इस मामले में पीड़ितों को भाषा या बौद्धिक समस्याएं नहीं होती हैं।
परजीवी विकास विकार
ऊपरी असामान्यताओं वाले बच्चे परजीवी विकास संबंधी विकार से पीड़ित हो सकते हैं। इस मामले में, केवल सामाजिक और बात-संबंधी समस्याएं होती हैं।
ऑटिज्म के शुरुआती लक्षण
- बिल्कुल बात न कर पाना
- हमेशा गुमसुम बैठे रहना
- अकेले में बड़बड़ाना
- दूसरों की बातों को बेमतलब दोहराना
- बिना एक्सप्रैशन वाली टोन के बात करना
- आंखें मिलाकर बात न कर पाना
- बात समझने में मुश्किल होना
- शब्दों की बहुत कम समझ होना
- रचनात्मक भाषा की कमी
ये सारे लक्षण है, जो आटिज्म विकार होने पर नजर आते है। अगर इस बीमारी को नजरअंदाज किया जाए तो यह बहुत गंभीर रूप ले सकती है, इसलिए इसके लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर से सम्पर्क जरूर करे।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।