मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेबेरियस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करता हूं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह एक उल्लेखनीय क्षण रहा है, क्योंकि सितंबर 2018 में इसकी शुरुआत के 100 दिन बाद उनकी स्व-वक्र स्वास्थ्य सेवा योजना पूरी हुई। हाल ही में समाचार में, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने पीएम नरेंद्र मोदी की उनके लाभकारी स्वास्थ्य योजना के लिए प्रशंसा की।
आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग 700,000 लोगों का मुफ्त देखभाल
“अपने पहले 100 दिनों में, भारत की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना ने लगभग 700,000 लोगों को मुफ्त देखभाल प्रदान की है। महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत की पहल ‘आयुष्मान भारत’ या ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज’ से काफी प्रभावित हूं ! धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। बड़ी प्रतिबद्धता !’ ग्रेवियेसस ने अपने ट्वीट में नड्डा से मुलाकात का भी जिक्र किया और उन्हें इसके लिए धन्यवाद दिया। ग्रेवियेसस और नड्डा की मुलाकात बीते सप्ताह शुक्रवार को हुई।
इससे पहले, WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 5 लाख प्रतिवर्ष तक की राशि के 50 करोड़ से अधिक नागरिकों को चिकित्सा बीमा जैसे लाभार्थियों को शामिल करने के लिए भी प्रशंसा की। ऐसे लाभार्थी न केवल भारत के नागरिकों को खुश कर रहे हैं, बल्कि भारत में स्वास्थ्य सेवा के समग्र परिदृश्य को बदलने की क्षमता भी रखते हैं।
1 जनवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार की प्रमुख योजना आयुष्मान भारत को स्वास्थ्य सेवा में एक ‘गेम चेंजर’ करार दिया था और कहा था कि 23 सितंबर, 2018 को इसके रोलआउट के बाद से हर दिन औसतन 5,000 दावों का निपटान किया जा रहा है।
5.1 लाख दावों का लाभ
इस योजना के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों की कुल संख्या 16,000 है और लगातार बढ़ रही है। लागू होने वाले 50 प्रतिशत से अधिक अस्पताल निजी क्षेत्र में हैं। जेटली ने कहा कि पहले 100 दिनों में, 6.85 लाख रोगियों को अस्पताल में उपचार प्रदान किया गया है और 5.1 लाख दावों का लाभ उठाया गया है, जिसके लिए भुगतान जारी किया गया है।
एक अन्य बयान में, जेटली ने कहा कि “एक असहनीय भुगतान के बोझ से बचने के लिए कमजोर वर्गों के कई लोगों ने अस्पताल में इलाज से परहेज किया। आज भारत के 40 प्रतिशत गरीबों को सार्वजनिक खर्च पर अस्पताल में इलाज का आश्वासन दिया जाता है। हालाँकि सरकारी कर्मचारियों, सशस्त्र बलों के कर्मियों और कुछ कॉर्पोरेट कर्मचारियों के पास स्वास्थ्य सेवा की सुविधा है, लेकिन 62.58 प्रतिशत भारतीय लोगों को अपने स्वास्थ्य संबंधी बिलों का भुगतान स्वयं करना पड़ता है। “
‘आयुष्मान भारत योजना दुनिया के लिए एक मॉडल’
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को ध्यान में रख कर महात्वाकांक्षी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की है। दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा उपकरण कंपनी में से एक जीई हेल्थकेयर ने इस सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना की जमकर तारीफ की है। जीई हेल्थकेयर के सीईओ और अध्यक्ष किरैन मर्फी ने कहा है कि यदि आयुष्मान भारत सफल होता है तो यह विकासशील देशों के लिए कम लागत वाली स्वास्थ्य सेवा प्रणाली विकसित करने के लिए एक मॉडल हो सकता है। उन्होंने कहा कि हम कम लागत वाली एक सिस्टम विकसित कर सकते हैं, जो दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा के लिए बेहद कारगर हो सकता है।
मोदी सरकार का 4 वर्षों में 4 pillar पर फोकस
जनसामान्य का स्वास्थ्य देश के उन मुद्दों में से है, जिनकी व्यापकता सबसे अधिक है। इसके बावजूद दशकों तक इस धारणा को खत्म करने के प्रयास नहीं के बराबर हुए कि हेल्थ सेक्टर के लिए सब कुछ स्वास्थ्य मंत्रालय ही करेगा। मोदी सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी वास्तविक जरूरतों को समझते हुए हेल्थ सेक्टर से जुड़े अभियानों में स्वच्छता मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, उपभोक्ता मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भी शामिल किया। इन सब मंत्रालयों को मिलाकर चार Pillars पर फोकस किया जा रहा है जिनसे लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
- Preventive Health – इसके तहत स्वच्छता, योग और टीकाकरण को बढ़ावा देने वाले अभियान शामिल हैं जिनसे बीमारियों को दूर रखा जा सके।
- Affordable Healthcare – इसके अंतर्गत जनसामान्य के लिए सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
- Supply side interventions – इसमें उन कदमों पर जोर है जिनसे किसी दुर्गम क्षेत्र में भी ना तो डॉक्टरों और ना ही अस्पतालों की कमी हो।
- Mission mode intervention – इसमें माता और शिशु की समुचित देखभाल पर बल दिया जा रहा है।
इन चार Pillars के आधार पर ही मोदी सरकार ने हेल्थकेयर से जुड़ी अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाया है।
घर बैठे अस्पतालों में अप्वॉइंटमेंट
अस्पताल में किसी मरीज को दिखाने ले जाने पर लंबी-लंबी लाइनों से कैसे जूझना पड़ता है, यह हर किसी को पता है। ऐसे में कई बार मरीजों की हालत और भी गंभीर हो जाती है। मरीजों और उनके परिजनों की इसी परेशानी को महसूस करते हुए मोदी सरकार ने देश के सरकारी अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ORS) शुरू किया। इसके तहत आधार के जरिए अस्पतालों में अप्वॉइंटमेंट लिए जा रहे हैं। अब तक लाखों मरीज ई-हॉस्पिटल अप्वॉइंटमेंट्स ले चुके हैं।
PM नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य पहल ‘आयुष्मान भारत’ की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रशंसा की है और डब्ल्यूएचओ ने इसे ‘बड़ी प्रतिबद्धता’ बताया है।
आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य देखभाल योजना है, जिसका लक्ष्य 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को लाभान्वित करना है।
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