बच्चे हमेशा टाइफाइड की चपेट में आ जाते है जिसकी वजह से उन्हें बहुत दिक्कत होती है ये एक निश्चित समय के लिए ही रहता है लेकिन इसका आपके बच्चे के शरीर में रहना काफी नुकसान दायक हो सकता है। बच्चे वैसे भी साफ़ सफाई का ध्यान नहीं रखते है और खेलते समय अपने हाथ कई ऐसी जगह लगते है जहां से कीटाणु उनके शरीर में प्रवेश कर जाते है और बाद में उन्हें सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी न जाने और कितनी बीमारिया दे जाते है जिनमें से एक है टाइफाइड। अगर टाइफाइड का उपचार सही समय पर नहीं किया जाए तो बच्चो की जान तक को खतरा होता है। दरअसल टाइफायड दो साल के बच्चों से लेकर बड़ों तक को हो सकता है। इसमें तेज बुखार आता है, जो कई दिनों तक बना रहता है और यह बुखार कम-ज्यादा भी होता रहता है, लेकिन सामान्य नहीं होता।
टाइफाइड क्या होता है
टायफाइड एक तरह का बुखार होता है जो मौसम बदलने के दौरान छोटे बच्चों में बहुत तेजी से फैलता है, जिसे कई लोग मियादी बुखार भी कहते है। यह एक तरह का संक्रामक बुखार होता है, ये एक से दूसरे व्यक्ति में भी बहुत तेजी से फैलता है। इतना ही नहीं, यह बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है। हालांकि इसके लिए कई तरह की एंटीबायोटिक दवाए भी डिजाति है लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं खाना चाहिए। अगर सावधानी न बरती जाए तो इससे बच्चों के ऊपर उल्टा असर भी पड़ता है जो आपके बच्चे को बहुत परेशान कर सकता है।
टाइफाइड के कारण ?
- छोटे बच्चो में टाइफाइड बुखार किसी संक्रमित खाना खाने से भी हो जाता है।
- ज्यादातर बच्चों में टाइफाइड बुखार गन्दगी के कारण होता हैं। कीटाणु हवामे भी रहते है जिसके माध्यम से वह आपके शरीर प्रवेश कर जाते है।
- दूषित पानी भी टाइफाइड होने का एक मुख्य कारण है अगर किसी बच्चे को गंदे पानी से स्नान करा दिया जाता है या खाने वाली चीज़े को गंदे पानी से धो कर इस्तेमाल किया जाता है तो भी यह बीमारी बच्चों में हो जाती है।
- टाइफाइड के कीटाणु पानी में कई हफ़्तों तक सक्रिय रहते हैं, जो बच्चो के अंदर इस बीमारी को फैलाते हैं जिसकी वजह से बच्चों के शरीर में बुखार चढ़ता और उतरता रहता है।
- रोगी व्यक्ति के जूठे खाने और जूठे पानी पीने से भी बच्चे टाइफाइड बुखार से पीड़ित हो जाते हैं।
- संक्रमित सिरिंज से सुई लगने से भी यह बीमारी हो जाती है।
- बाहर का खाने से भी कभी कदार टाइफाइड हो जाता है क्योंकि बाहर के खाने में इतनी सफाई नहीं बरती जाती है।
टाइफाइड के लक्षण ?
- इसका बुखार लगभग 15−20 दिन तक रहता है।
- यह बुखार रोजाना धीरे−धीरे बढ़ता है।
- टायफायड के रोगी को भूख लगनी बंद हो जाती है।
- पेट में दर्द होने लगता है।
- नब्ज सुस्त पड़ने लगती है।
- जिगर बढ़ जाता है।
- बच्चे का वजन लगातार घटने लगता है।
- रोगी को सिरदर्द होता है।
- बार-बार ठंड लगना।
- बच्चे को उल्टी आने।
टाइफाइड से बचने के उपाए ?
- टाइफाइड की दवा कम से कम दो हफ्ते तक अपने बच्चे को दें क्योंकि कभी-कभी यह बुखार वापस भी आता है।
- कमज़ोरी और उल्टी, दस्त की समस्या होने पर डॉक्टर से पूछ कर दवा दें।
- बच्चे को भर पूर्ण आराम करवाएं।
- तेज बुखार आने पर ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखें।
- बच्चे की टॉवल, साबुन, चादर, कपड़े आदि अलग रखें और इन्हें याद से रोजाना गर्म पानी से धोएं।
- बच्चे को उबला पानी ही पिलाए।
टायफायड होने पर आप बच्चे को दो तरह से ठीक कर सकते है। पहला मुंह से दिया जाता है तथा दूसरा इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता है। यह दोनों तरीके डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं दिया जाता है और हमेशा उनके निर्देशों का पालन भी करना चाहिए। टायफायड का बुखार खतरनाक व जानलेवा बुखार है इसलिए इसका उपचार तुरन्त और प्रभावी ढंग से करें। यदि आप इससे अपने बच्चे को बचाना चाहते है, तो अपने बच्चे को 2 साल की उम्र के पश्चात् यह टीका जरूर लगवाए क्योंकि इस टीके का प्रभाव 3 साल तक रहता है। हर तीन साल में टीका वापस लगवाना पड़ता है।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।