पढाई में आपकी चाहे कितनी भी दिलचस्पी हो या पढने का जूनून हो पर परीक्षा के वक्त अधिकांश छात्र तनाव (Stress) की स्थिति में आ ही जाते है | परीक्षा का थोड़ा बहुत तनाव तो स्टूडेंट को पढने के लिए प्रेरित करता है, लेकिन इस तनाव की अधिकता आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है |
इस दौरान पैरेंट्स की बहुत अहम भूमिका होती है। बच्चों के साथ-साथ पेरेंट्स भी एग्जाम फीवर में तपने लगते हैं, लेकिन पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि बच्चों में एग्जाम फोबिया का डर न होने दे । इसके लिए मॉरल सर्पोट के साथ आपकी डाइट ऐसी होनी चाहिए, जिससे स्ट्रेस लेवल अपने आप कम हो। लाइट फूड और हेल्दी ड्रिंक इस दौरान सबसे ज्यादा जरूरी हैं। एग्जाम समय में सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर में सकारात्मक वातावरण बना कर रखें और उन पर अनावश्यक दबाव न बनाए। दूसरी जरूरी बात कि पढ़ाई के साथ ही युवाओं की शारीरिक गतिविधियाँ भी लगातार जारी रहनी चाहिए। साथ ही खाने-पीने पर विशेष ध्यान दें।
10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत मार्च से होनी वाली है | ऐसे में स्टूूडेेंट्स के लिए पढ़ाई को दबाव और बढ़ गया है | जिसकी वजह से स्टूडेंट्स को स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है | वहीं बोर्ड में परीक्षा में जितनी टेंशन स्टूडेंट्स को होती है, उतनी ही पेरेंट्स को भी होती है | और इस वजह से स्ट्रेस में आ जाते है स्टूडेंट्स |
एग्जाम टाइम तनाव कम करने के उपाय
एक शांत वातावरण प्रदान करें :
परिक्षा के समय में या इससे पहले अपने घर में एक शांत वातावरण बना कर रखे । अपने बच्चे को एक शांत वातावरण में पढ़ने की अनुमति दें, ताकि उसका ध्यान आपको ये दिखाने में कि वो पढ़ रहा है, से ज्यादा सच में ध्यान लगाकर पढ़ने में लगे। उसे मौका दें कि वो खुद इम्तहान की गंभीरता को समझे और सही से तैयारी कर पाए।
उन्हें थोड़ा समय ब्रेक के लिये दें :
बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहें। इससे आप तरोताजा तो रहेगें ही साथ ही रिविजन भी अच्छा होगा। जैसा कि बच्चे पर खुद ही परीक्षा का बहुत ज्यादा तनाव होता है, अतः उसे चौबीसों घंटे स्टडी रूम में न घुसे रहने दें। उसे बीच में ब्रेक लेने के लिये कहें और कोशिश करें कि इस ब्रेक टाइम में उसका दिमाग थोड़ा शांत हो और तनाव दूर हो पाए। इसके लिये आप उसके साथ पार्क में टहलने जा सकते हैं या कोई और मनोरंजक चीज़ कर सकते हैं।
समय पर सोना :
‘Early To Bed’ का फार्मूला हमेशा अपनाएं और अच्छे से अपनी नींद को पूरी करे | परीक्षा के दौरान अक्सर भूलनें की समस्या आती है, जिसकी वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती | पैरेंट्स भी इस बात का खास ख्याल रखें, ताकि बच्चे रात को समय से सो जाये और पूरी नींद ले, जिसकी वजह से उन्हें स्ट्रेस का सामना नहीं करना पड़ेगा |
सकारात्मक मन बनाए रखें :
अगर माता पिता की सोच सकारात्मक है तो बच्चे स्वाभाविक रूप से गुणवत्ता को आत्मसात करते हैं। इसलिए, पेरेंट्स अगर अपने बच्चे के साथ बैठे हैं और पढ़ाई में उसकी मदद कर रहे हैं तो अपने बच्चे के साथ सकारात्मक विचारों का आदान-प्रदान ही करें। इसके अलावा बच्चे के साथ सबसे ज्यादा नम्बर लाने की ज़बरदस्ती भी न करें। आपके लिये अपने बच्चे की शैक्षणिक क्षमता को समझते हुए उसका भविष्य तय करने की जरूरत होती है। बच्चे पर ज्यादा नम्बर लाने का दबाव बनाना उसके आत्मविश्वास को नष्ट कर देगा। इसलिये सकारात्मक रहें और उसको बेस्ट तैयारी करने में मदद करें।
एक्सरसाइज करें :
योग या प्राणायाम करने से दिमाग से तनाव चला जाएगा और आप अच्छा महसूस करेंगे। इसमें धीमी, गहरी सांस लेने से रक्तचाप कम करने में भी मदद मिलती है। ब्रेक के दौरान आप कभी भी इसे कर सकते हैं। इसके अलावा थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करनी भी काफी जरुरी है, जिससे आपका मन खुश रहेगा। और आप तनाव से भी बचेंगे |
खान-पान पर ध्यान दे :
वैसे तो बच्चों को हमेशा ही ढंग का हेल्दी फूड खाना चाहिये मगर परीक्षा के दिनों में यह और भी जरुरी हो जाता है। हेल्दी खाने के साथ साथ पर्याप्त मात्रा में पानी भी जरूर पीना चाहिए इससे दिमाग तर रहता है।
ताजा, हल्का और घर का बना खाना बच्चों में एनर्जी लेवल और एकाग्रता बढ़ाता है। आप चाहें तो बच्चे को ओट मील बना कर खिला सकती हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जिससे हमारा शरीर सेरोटिन प्रोड्यूस करता है। सेरोटिन मूड अच्छा करने का काम करता है, और मन को शांति और आराम का एहसास कराता है।
टाइम मैनेजमेंट सीखें :
टाइम मैनेजमेंट बनाकर परीक्षा की तैयारी करे । इसमें बच्चों के माता पिता भी उनकी मदद कर सकते है । कितनी देर पढ़ाई करनी है, कितनी देर सोना है, खाने-पीने से लेकर टीवी देखने तक के समय को सही से बांटें। इससे आप अपना सारा काम समय पर कर लेंगे और आपको स्ट्रेस का सामना भी नहीं करना पड़ेगा |
दिमाग को रेस्ट दें :
एग्जाम से पहले रिवीजन बहुत जरूरी है, लेकिन एग्जाम के 10 मिनट पहले किसी तरह का रिवीजन ना करें और अपने दिगाम को एकदम शांत रखें |
चाय-कॉफी से रहें दूर :
कैफीन लेना परीक्षा के समय रात में जागकर पढ़ने में मदद कर सकता है, लेकिन इसका असर अच्छा नहीं होता | आप इसे लेने से जितना बचें उतना बेहतर है |
ओट्स से मिलेगी एनर्जी :
चपाती, ओट्स, कॉर्नफ्लेक्स, पॉपकॉर्न जैसे कार्बोहाइड्रेट्स से बच्चों के ब्रेन को ताकत मिलती है और ये बॉडी में ब्लड, शुगर लेवेल को नॉर्मल रखते हैं।
बादाम बढ़ाएगा मेमोरी पावर :
एग्जाम टाइम में बच्चों को बादाम जरूर दें। यह ब्रेन की फंकशनिंग को बूस्ट करने के साथ-साथ ब्रेन सेल्स को रिपेयर करता है, जो मेमोरी को इमप्रूव करता है।
चाहे परीक्षा के तैयारी का समय हो, परीक्षा का वक्त हो या उसके बाद रिजल्ट के इन्तजार का माहौल हो | इस स्ट्रेस (Stress) से बचना बहुत जरुरी है | इसलिए रिलैक्स स्टडी से ही अच्छे परिणाम की उम्मीद की जा सकती है | रिलैक्स्ड रहे और रिलैक्स्ड स्टडी करे |
इसलिए पढाई और परीक्षा को लेकर खुद में डर पैदा न करे | पढाई में मेहनत करे और अच्छे से एग्जाम दे | नियमित रूप से पढ़ने की आदत डाले और रूटीन के अनुसार पढ़े | सिलेबस के अनुसार तैयारी करे | इससे तैयारी भी अच्छी होगी और परीक्षा के समय बेवजह तनाव का सामना नहीं करना पड़ेगा |
बच्चों के दिमाग़ से एग्जाम का तनाव दूर करने के आसान तरीके
अपनी क्षमता पहचानें
लगातार कई घंटों तक पढ़कर कोई बच्चा अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर सकता। किताबी कीड़ा बनने की जरूरत नहीं है। पढ़ाई के साथ थोड़ासमय बाकी कामों के लिए भी निकालें। परीक्षा के वक़्त थोड़ा तनाव होना जरूरी है, लेकिन इतना भी नहीं कि पढ़ा हुआ याद ही ना रहे। हर विद्यार्थी का अपनाबॉडी क्लोक होता है। किसी को रात में पढना अच्छा लगता है, तो किसी को सुबह। आप भी अपना बॉडी क्लोक समझे और उसके अनुसार काम करें।
यह सोचकरकभी नहीं पढ़े कि आपका दोस्त ज्यादा देर तक पढ़ता है या पूरी पूरी रात जाग कर पढ़ता है तो आप भी ऐसा करेंगे। ऐसा करने से हो सकता है कि नींद के झोंकेआपको रात भर पढ़ने ना दें और दिन में आप नींद की चपेट में आ जाएँ। ऐसे तो दिन और रात दोनों ख़राब हो जाएँगे और पढ़ाई नहीं हो पाएगी। आप अपनेहिसाब से अपना टाइम टेबल बनाइए और पढ़ाई कीजिए।
अपना लक्ष्य तय करें
परीक्षा के लिए लक्ष्य तय करना जरूरी है। अपनी क्षमता देखकर ही अपना लक्ष्य तय करें। बड़ा लक्ष्य तय कर लेने से आपको चिंता और डरदोनों ज़्यादा लगेंगे और आप पढ़ाई माना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएँगे और इससे बाद में आपको निराशा भी हो सकती है। अगर आप 9वीं कक्षा तक 65% अंकलेकर पास होते रहे हैं तो अपना लक्ष्य भी 65 से 75% अंकों का ही रखें। 85 या 90% अंकों का लक्ष्य रखने से आप भटक जाएँगे।
मन को शांत रखिए
तनाव लेने से किसी समस्या का हल नहीं होता। ना तो तनाव लेने से आपकी परीक्षा की तैयारी होने वाली है और ना ही तनाव लेने से अच्छेअंक आएँगे, उलटा आपको जो याद भी होगा वो भी आप परीक्षा के दिन भूल जाएँगे। इसलिए अपने मन को शांत रखें। ख़ुद को शांत व तनाव मुक्त रखने के लिएआप मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं। सुबह जल्दी उठकर कुछ समय के लिए ध्यान लगाएँ, अपने मन को शांत करें, कुछ देर योगासन भी कर सकते हैं। इससेआपके तन और मन दोनों को शांति मिलेगी और आप पढ़ने में ध्यान लगा पाएँगे।
ख़ुद पर भरोसा रखें
मन में परीक्षा डर बहुत ही सामान्य और स्वाभाविक बात है। इसलिए अगर आपके मन में परीक्षा का डर है तो इस बात से घबराइए मतऔर अपने डर को भगाने का प्रयास कीजिए। इसके लिए सबसे पहले आपको अपने आप पर भरोसा रखना होगा। अगर आपने सारा साल पढ़ाई की है तो आपकोअपनी मेहनत का फल ज़रूर मिलेगा, आप बस शांत रहकर अपनी रिवीज़न करिए और अगर कोई टॉपिक आपको समझ नहीं आया है तो अपनी कक्षा के अध्यापकसे या फिर अपने ट्यूशन टीचर से उसे समझ लीजिए।
और अगर आपने सारा साल पढ़ाई नहीं की है तो ध्यान रखिए की परीक्षा आने पर सारी पढ़ाई एक साथ करभी नहीं पाएँगे, इसलिए घबराइए मत और एक एक करके अपने पाठ याद करने शुरू कीजिए। जो पाठ ज़्यादा मुश्किल है, समझ में नहीं आ रहा है, उसे छोड़दीजिए, वरना उसके चक्कर में बाक़ी सब भी छूट जाएगा। सबसे ज़्यादा ज़रूरी है ख़ुद पे भरोसा रखना, तभी आप सफल हो पाएँगे।
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