फैटी लिवर वह बीमारी है जिसके अंतर्गत लिवर की कोशिकाओं में अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है। आज कल हर व्यक्ति को पेट से सम्बंधित कुछ न कुछ परेशानी लगी रहती है। यह परेशानी लीवर में गड़बड़ी की वजह से अधिक होती हैं। हम खान पान पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसकी वजह से लीवर ख़राब हो जाता है। इसमें लीवर का फैटी होना, सूजन आ जाना और लीवर में इन्फेक्शन हो जाना शामिल है। यदि हमारा खाना ठीक प्रकार से नहीं पच रहा है या हमे पेट में किसी प्रकार की परेशानी आ रही हैं तो हमे समझ जाना चाहिए की ये लीवर की खराबी के लक्षण हैं। इसे अनदेखा करना घातक साबित हो सकता है।
अनुचित आहार के साथ—साथ नियमित और ज्यादा मात्रा में शराब पीना, मोटापा आदि भी फैटी लिवर के लिए जिम्मेदार होते हैं। आपको हमेशा स्वस्थ खाने की कोशिश करनी चाहिए। शोधों के मुताबिक जिन लोगो में फैटी लिवर की समस्या होती है उन्हें भविष्य में डायबीटीज होने का खतरा हो सकता है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की देखरेख में हुई इस रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि लिवर में फैट जमा होने से इंसुलिन की उत्पादन क्षमता पर असर पड़ता है।
फैटी लिवर के कारण
1 शराब का सेवन करने से फैटी लिवर की समस्या होती है |
2 अनुचित, पोषण रहित और अधिक वसा वाले भोजन का सेवन करना |
3 मोटापा से ग्रस्त व्यक्ति, मधुमेह रोगियों में फैटी लिवर की समस्या होने का खतरा अधिक होता है |
4 कभी कभी कुछ दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट के कारन भी फैटी लिवर की समस्या हो जाती है जैसे एस्प्रिन, स्टेरॉयड, टेमोजीफेन आदि |
5 किसी कारण से तेजी से वजन घट जाये तो इस कारण भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है |
6 कभी कभी आनुवंशिक कारणों के कारन भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है | जिनके माता पिता में से कोई फैटी लिवर से पीड़ित था तो उनमें भी इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है |
फैटी लिवर के लक्षण
फैटी लिवर को जानने के लिए इसके लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है। आइए जानें क्या हैं इसके लक्षण।
पेट में सूजन
फैटी लिवर की समस्या होने पर रोगी के पेट में सूजन बनी रहती है। अगर इस समस्या को नजरअंदाज कर दिया जाए तो यह आगे चलकर एक गंभीर बीमारी बन सकती है। इस समस्या में पेट में एक द्रव्य बन जाता है क्योंकि रक्त और द्रव्य में प्रोटीन और एल्बुमिन का स्तर रह जाता है। इसमें होने वाली पेट की सूजन ऐसी महसूस होती है जैसे किसी गर्भवती महिला का पेट निकलता है।
पीलिया
फैटी लिवर की समस्या होने पर रोगी की त्वचा और आंखों में पीलापन दिखायी देने लगता है। लिवर के रोगों को पहचाने के लिए अपनी त्वचा और आंखो की जांच करते रहना चाहिए। त्वचा तथा आंखों का इस प्रकार सफेद और पीला होना यह दर्शाता है कि रक्त में बिलीरूबिन ( एक पित्त वर्णक) का स्तर बढ़ गया है तथा इसके कारण शरीर से व्यर्थ पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते हैं।
पेट में दर्द
जब आपको अक्सर पेट में दर्द की शिकायत होती है तो इस लक्षण को गंभीरता से लें। अक्सर पेट में दर्द की समस्या बिना कारण नहीं होती है। फैटी लिवर की पहचान के लिए जान लें कि पेट के ऊपरी दाहिने भाग में या पसलियों के नीचे दाहिने भाग में दर्द की समस्या होती है।
पाचन संबंधी समस्या
जब लिवर अस्वस्थ होता है तो पाचन संबंधी समस्याएं शुरु हो जाती हैं जैसे खाने का ठीक तरह से ना पचना, एसिडिटी की समस्या होना जिसके कारण उल्टियां भी हो सकती हैं।
भूख कम लगना
फैटी लिवर की समस्या होने पर भूख का एहसास नहीं होता है या भूख कम लगती है जिसके कारण वजन कम होता जाता है। ऐसे मामलों में जहां रोगी बहुत अधिक अशक्त हो जाता है उन्हें इंजेक्शन के माध्यम से पोषक तत्व दिए जाते हैं।
थकान
लिवर खराब होने के बाद जब फेल होने की स्थिति में आता है तो चक्कर आना, मांसपेशियों की तथा दिमागी कमज़ोरी, याददाश्त कम होना तथा संभ्रम (कन्फ्यूज़न) होना तथा अंत में कोमा आदि समस्याएं हो सकती हैं।
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखें
1. सुबह जल्दी उठकर 3 से 4 गिलास पानी का सेवन जरूर करें तथा इसके बाद पार्क में टहलने के लिए जाएं।
2. दो से तीन बार नींबू पानी का सेवन करने से कुछ ही दिनों में इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है।
3. भोजन करने के तुरंत बाद पानी का सेवन ना करें, भोजन करने के करीब 1 घंटे बाद ही पानी पिएं।
4. कुछ समय तक चाय व कॉफी से परहेज करें।
5. तले हुए तथा जंक फूड खाने से दूर ही रहे।
6. किसी भी तरह के नशीले पदार्थो का सेवन ना करें।
7. जल्द ही लीवर जैसी बीमारी से निजात पाने के लिए योग को अपने जीवन का हिस्सा बना लें।
8. लिवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए सेब के सिरके का प्रयोग अवश्य करें क्योंकि सेब का सिरका चर्बी कम करने में बेहद सहायक होता है।
9. लिवर को स्वस्थ रखने के लिए दिन में कम से कम 4 से 5 कच्चे आंवले खाने चाहिए।
फैटी लिवर से बचाव
फैटी लिवर की समस्या में लिवर में 5 -10 % अधिक फैट जमा हो जाता है | फैटी लिवर से बचने के लिए हमें अपनी जीवन शैली और खाने पीने की आदतों को बदलने की में सुधार करने की जरुरत पड़ती है | कुछ सावधानियां रखकर हम इस बीमारी से बहुत हद तक बच सकते हैं |
1 मोटापे से बचे : मोटापा और अधिक कोलेस्ट्रॉल होने पर फैटी लिवर होने की संभावना बढ़ जाती है | मोटापा नहीं बढ़ने दें | वजन को नियंत्रित रखें |
2 शराब का सेवन नहीं करें |
3 बीड़ी, सिगरेट और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करें |
4 अपनी डाइट में सलाद, साबुत अनाज, सेहत दालों ,फल, सब्जियों और अन्य रेशेदार चीजों को शामिल करें |
5 संतुलित, पौष्टिक और कम वसा युक्त भोजन करें |
6 फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड, पैक्ड फ़ूड, अधिक मसालेदार तेलीय चीजों जैसे समोसा, कचौरी, पिज़्ज़ा, बर्गर इत्यादि का सेवन नहीं करें |
7 मधुमेह से बचें, चीनी का सेवन नहीं करें |
8 रोजाना नियमित रूप से योग और व्यायाम करें |
9 विटामिन C, विटामिन E और आयरन युक्त आहार करें |
10 एकदम से वजन कभी कम नहीं करें | धीरे धीरे करके वजन कम करें | एक वर्ष में अपने वजन के 10 फीसदी से अधिक वजन नहीं घटायें |
11 लगातार लम्बे समय तक भूखे नहीं रहें |
फैटी लिवर के घरेलु उपाये
ग्रीन टी
ग्रीन टी सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद होता है। फैटी लीवर से छुटकारा पाने में ग्रीन टी बड़े पैमाने पर असर करता है। बेहतर परिणाम के लिए ग्रीन टी को रोजमर्रा के आहार में शामिल करें और इसके एंटी-आक्सीडेंट गुण का लाभ उठाएं। यह फैटी लीवर की समस्या से छुटकारा दिलाता है।अगर आप अच्छा परिणाम चाहते हैं तो खाली पेट में संतरे और नींबू का जूस पीएं।
नारियल का पानी
नारियल पानी लीवर के सभी रोगों के लिए रामबाण है। चाहे हेपेटाइटिस ऐ बी या सी हो, लीवर फैटी हो, सूजा हुआ हो, कठोर हो, लीवर के हर रोग में हरे नारियल का पानी बेहद कारगर है। दिन में 2 या 3 हरे नारियल का पानी पीना चाहिए। इसका रिजल्ट किसी भी एलॉपथी दवा से कई गुणा अधिक तेज़ है। जैसे ही आप इसको पीना शुरू करेंगे तो एक हफ्ते के अन्दर ही आपको रिजल्ट दिखने शुरू हो जायेंगे।
सेब का सिरका
सेब का सिरका, लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है। सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं- एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं, या इस मिश्रण में एक चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में दो से तीन बार लें।
आंवला
आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्वास्थ्य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए।
पपीता
पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें।
लस्सी (छाछ) और दही
लस्सी और दही उन बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते है जो आपके लिवर को हानि पहुँचा सकते है| तो इसीलिए अगर आप अपने फैटी लिवर को स्वस्थ बनाना चाहते है तो दही और लस्सी का सेवन नियमित रूप से करें।
अगर आप सुरक्षित और सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो आपको जल्द से जल्द इसका इलाज जरूर करना चाहिए।
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