अगर आप भी मधुमेह (डायबिटीज) जैसी बीमारियों से ग्रसित है, तो आप भी हो सकते है फैटी लिवर रोग के शिकार। फैटी लिवर रोग का मतलब है कि आपके लीवर में अतिरिक्त चर्बी है। यह एक ऐसा रोग है, जिसका इलाज समय पर न किया जाए तो, आगे चलकर यह बहुत गंभीर रूप ले सकता है। फैटी लिवर की समस्या तब होती है, जब लिवर की कोशिकाओं में गैर जरूरी फैट की मात्रा अधिक बढ़ जाती है।
फैटी लीवर रोग को हेपेटिक स्टीटोसिस के रूप में भी जाना जाता है। यह तब होता है जब लिवर में वसा का निर्माण होता है। आपके लिवर में कम मात्रा में वसा का होना सामान्य है, लेकिन बहुत अधिक एक स्वास्थ्य समस्या बन सकती है।
लिवर में सूजन होने का कारण भी फैटी लिवर हो सकता है। लिवर में सूजन होने के लगभग 20 प्रतिशत मामलों में सिरोसिस विकसित होने की संभावना होती है। अगर आप चाहते है की आप सुरक्षित और सेहतमंद रहे तो, आपको जल्द से जल्द इसका इलाज करा लेना चाहिए। आइये जानते है फैटी लिवर रोग के लक्षण, बचाव के बारे में।
फैटी लिवर के कारण
- अत्यधिक शराब का सेवन
- अनुचित, पोषण रहित और अधिक वसा वाले भोजन का सेवन करना
- अत्यधिक मोटापा
- मधुमेह रोगियों में फैटी लिवर की समस्या होने का खतरा अधिक होता है
- कभी कभी कुछ दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट के कारण भी फैटी लिवर की समस्या हो जाती है जैसे एस्प्रिन, स्टेरॉयड, टेमोजीफेन आदि
- पीने वाले पानी में क्लोरीन की मात्रा का अधिक होना
- एंटीबायोटिक दवाईयों का अधिक मात्रा में सेवन करना
- मलेरिया, टायफाइड से पीडि़त होना
- अधिक कास्मेटिक्स का इस्तेमाल करना
- हेपेटाइटिस ए, बी या सी इंफेक्शन
- आनुवंशिक कारण भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है
फैटी लिवर के जोखिम कारक
- हाई ट्राइग्लिसराइड्स
- मोटापा फैटी लिवर के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है
- डायबिटीज
- तेजी से वजन घटना
- हाई ब्लड प्रेशर
- गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी
- आंतो से संबंधित बीमारी
फैटी लिवर के लक्षण
फैटी लिवर को जानने के लिए इसके लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है। आइए जानें क्या हैं इसके लक्षण।
पेट में सूजन
फैटी लिवर की समस्या होने पर रोगी के पेट में सूजन बनी रहती है। इसमें होने वाली पेट की सूजन ऐसी महसूस होती है जैसे किसी गर्भवती महिला का पेट निकलता है।
पीलिया
फैटी लिवर की समस्या होने पर रोगी की त्वचा और आंखों में पीलापन दिखायी देने लगता है। लिवर के रोगों को पहचानने के लिए अपनी त्वचा और आंखो की जांच कराते रहना चाहिए। त्वचा तथा आंखों का इस प्रकार सफेद और पीला होना यह दर्शाता है कि रक्त में बिलीरूबिन (एक पित्त वर्णक) का स्तर बढ़ गया है तथा इसके कारण शरीर से व्यर्थ पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते हैं।
पेट में दर्द
अगर आपको अक्सर पेट में दर्द की शिकायत रहती है, तो इस लक्षण को नजरअंदाज न करे। अक्सर पेट में दर्द की समस्या बिना कारण नहीं होती है। फैटी लिवर की पहचान के लिए जान लें कि पेट के ऊपरी दाहिने भाग में या पसलियों के नीचे दाहिने भाग में दर्द की समस्या होती है।
पाचन संबंधी समस्या
जब लिवर अस्वस्थ होता है तो पाचन संबंधी समस्याएं शुरु हो जाती हैं जैसे खाने का ठीक तरह से ना पचना, एसिडिटी की समस्या होना जिसके कारण उल्टियां भी हो सकती हैं।
थकान
लिवर खराब होने के बाद जब फेल होने की स्थिति में आता है तो चक्कर आना, मांसपेशियों की तथा दिमागी कमज़ोरी, याददाश्त कम होना तथा संभ्रम (कन्फ्यूज़न) होना तथा अंत में कोमा आदि समस्याएं हो सकती हैं।
भूख कम लगना
फैटी लिवर की समस्या होने पर भूख का एहसास नहीं होता है या भूख कम लगती है जिसके कारण वजन कम होता जाता है। ऐसे मामलों में जहां रोगी बहुत अधिक अशक्त हो जाता है उन्हें इंजेक्शन के माध्यम से पोषक तत्व दिए जाते हैं।
फैटी लिवर से बचने के उपाय
- इस बीमारी का कोई एक ठोस इलाज नहीं है लेकिन अपने जीवनशैली में कुछ विशेष बदलाव ला कर इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते है, क्योंकि इस बीमारी के होने का कारण मोटापा है। अपने मोटापे को कम करने के लिए और स्वस्थ रहने के लिए आपको एक पौष्टिक आहार का पालन करना होगा और नियमित रूप से व्यायाम करना होगा।
- वज़न घटाने से और रोज़ व्यायाम करने से फैटी लिवर जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
कुछ अन्य उपाय –
- अपने रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखे
- फल, सब्ज़ियाँ, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स से भरा हुआ आहार का सेवन करना जिसमे फैट, शुगर और नमक की मात्रा कम हो
- धूम्रपान से परहेज़ करे
- अत्यधिक शराब का सेवन न करे
- लिवर वायरस जैसे की हेपेटाइटिस B और C से बचने के लिए टीका लगवाएं
अगर शुरुआत में ही फैटी लीवर रोग का पता चल जाए, तो यह एक अच्छी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और कुछ दवाइयों के जरिए इसका इलाज कर इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। हर मरीज को दवाइओं की जरूरत नहीं होती है। नियमित रूप से एक्सरसाइज या डाइट मैनेजमेंट से भी इसे कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ले और फैटी लीवर से ग्रसित मरीजों को डॉक्टर से अपने डाइट के बारे में भी सलाह लेनी चाहिए।
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