गॉल ब्लैडर कैंसर के इलाज के लिए हॉस्पिटल | Best hospital for gallbladder cancer treatment

गॉल ब्लैडर, जिसे हिंदी में पित्त की थाली कहा जाता है, यकृत के ठीक नीचे नाशपाती के आकार का होता है। यह 3 से 4 इंच लंबा और लगभग 1 इंच चौड़ा होता है। पित्ताशय की थैली का कैंसर अत्यंत दुर्लभ है। शुरुआती दौर में इस बीमारी का इलाज करना बेहद आसान है। लेकिन ज्यादातर लोग गॉल ब्लैडर कैंसर की लास्ट स्टेज में इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में मरीजों का इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है। यदि आपको गॉल ब्लैडर से जुड़ी कोई समाया है तो डॉक्टर से कंसल्ट करने के लिए  यहाँ क्लिक करें

 

 

गॉल ब्लैडर का क्या काम होता है?

 

इसका काम पित्त बनाकर पाचन तंत्र में ले जाना है। हम जो कुछ भी खाते हैं उसे पचाने में पित्त मदद करता है। हम जो कुछ भी खाते हैं, गॉल ब्लैडर उसे निचोड़ता है और फिर बनने वाले पित्त को पाचन तंत्र में भेजता है। लेकिन जब गॉल ब्लैडर में कैंसर हो जाता है तो यह काम करना बंद कर देता है। गॉल ब्लैडर कैंसर किसी को भी हो सकता है।

वैसे तो यह पुरुषों में ज्यादा आम है, लेकिन महिलाएं भी तेजी से गॉल ब्लैडर कैंसर का शिकार हो रही हैं। जब गॉल ब्लैडर में कैंसर होता है तो शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं।

 

 

गॉल ब्लैडर कैंसर के इलाज के लिए हॉस्पिटल

 

यदि आप गॉल ब्लैडर कैंसर का इलाज कराना चाहते हैं, तो आप हमारे द्वारा इन सूचीबद्ध अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करा सकते हैं:

 

  • सर्वोदय अस्पताल, मुंबई

 

  • श्री रामचंद्र मेडिकल सेंटर, चेन्नई

 

  • एमजीएम हेल्थकेयर प्रा. लिमिटेड, चेन्नई

 

  • फोर्टिस अस्पताल, मुंबई

 

  • सीके बिड़ला अस्पताल, कोलकाता

 

  • रेनबो हॉस्पिटल, दिल्ली

 

  • अपोलो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, चेन्नई

 

  • साइटकेयर कैंसर अस्पताल, बैंगलोर

 

  • ब्लैक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली

 

  • केयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, अहमदाबाद

 

  • इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नोएडा

 

  • मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम

 

  • फोर्टिस अस्पताल, अहमदाबाद

 

यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) या आप हमे (+919599004811) इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।

 

 

गॉल ब्लैडर कैंसर क्या है?

 

गॉल ब्लैडर कैंसर तब विकसित होता है जब गॉल ब्लैडर की सामान्य कोशिकाएं असामान्य हो जाती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। हालांकि, इसका परिणाम ट्यूमर के गठन में हो सकता है, जो कोशिकाओं का द्रव्यमान है। प्रारंभ में, कोशिकाएं कैंसर पूर्व होती हैं, जिसका अर्थ है कि वे असामान्य हैं लेकिन कैंसर नहीं हैं। गॉल ब्लैडर कैंसर तब होता है जब पूर्व कैंसर कोशिकाएं कैंसर या घातक कोशिकाओं में बदल जाती हैं और / या शरीर के अन्य भागों में फैल जाती हैं। वास्तव में, एडेनोकार्सीनोमा गॉल ब्लैडर के कैंसर का सबसे आम प्रकार है। गॉल ब्लैडर का एडेनोकार्सिनोमा एक प्रकार का कैंसर है जो उन कोशिकाओं में शुरू होता है जो वास्तव में गॉल ब्लैडर के अंदर होती हैं।

 

 

गॉल ब्‍लैडर में कैंसर के लक्षण

 

  • पेट में दर्द होना

 

  • पेशाब का भूरा आना

 

  • शरीर में गंभीर खुजली होना

 

  • पेट पर सूजन होना

 

  • उल्‍टी होना या ऐसा मन करना

 

  • गॉल ब्‍लैडर के साइज का बढ़ना

 

  • स्‍टूल का सफेद या ग्रे कलर का होना

 

  • इसमें बुखार आता है, जो 4 से 5 दिन तक रह सकता है

 

  • भूख की कमी और वजन घटना इसका शुरुआती लक्षण हो सकता है।

 

 

पित्त के कैंसर का कारण

 

  • मोटापा अधिक होना

 

  • पोर्सिलेन गॉलब्लैडर

 

  • नाइट्रोसमिन के संपर्क में

 

  • पित्त नलिकाओं में असामान्यताएं

 

  • क्रोनिक गॉलब्लैडर इंफ्लामेशन

 

  • धूम्रपान और शराब का सेवन

 

  • बड़ी उम्र में भी यह समस्या हो सकती है

 

  • रबर और कपड़ा उद्योगों के संपर्क में अधि आना

 

  • अनुवांशिकता के कारण भी कैंसर हो सकता है

 

  • टाइफाइड : साल्मोनेला बैक्टीरिया की वजह से भी यह कैंसर हो सकता है।

 

 

 गॉल ब्लैडर कैंसर का निदान कैसे किया जाता है?

 

  • डॉक्टर पहले अल्ट्रासाउंड करते हैं। इसमें गॉल ब्लैडर कैंसर के साथ-साथ ट्यूमर की स्टेज का भी पता लगाया जाता है।

 

  •  गॉल ब्लैडर के कैंसर का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण भी किया जाता है।

 

  • सीटी स्कैन डॉक्टरों द्वारा तब किया जाता है जब वे यह देखना चाहते हैं कि कैंसर कोशिकाएं सामान्य पित्त नली, लिम्फ नोड या यकृत में फैल गई हैं या नहीं।

 

  • इसके लिए डॉक्टर एमआरआई की सलाह भी देते हैं।

 

  • जब डॉक्टर यह देखना चाहते हैं कि कैंसर कितनी दूर तक फैल चुका है, तो वे एंडोस्कोपी, लैप्रोस्कोपी के लिए कहते हैं।

 

  • बायोप्सी, शरीर से कोशिकाओं का नमूना लेकर कैंसर का निदान करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया।

 

 

गॉल ब्लैडर कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है?

 

अगर कैंसर शुरुआती स्टेज में है तो डॉक्टर सर्जरी करते हैं। यदि कैंसर यकृत में फैल गया है, तो डॉक्टर पित्ताशय की थैली और उसके आसपास की पित्त नलिकाओं को निकाल सकते हैं। लेकिन अगर कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल गया है तो डॉक्टर सर्जरी नहीं करते बल्कि कैंसर के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाएं देते हैं।

यदि आप गॉल ब्लैडर का इलाज (IBS treatment in India) कराना चाहते हैं, या इस बीमारी से सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। इसके अलावा आप प्ले स्टोर (play store) से हमारा ऐप डाउनलोड करके डॉक्टर से डायरेक्ट कंसल्ट कर सकता हैं। आप हमसे  व्हाट्सएप (+91 9654030724, +919599004811) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।


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