क्या आप जानते है, मोबाइल से होने वाली बीमारियों के बारे में? क्या आपको पता है, मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन आपके और आपके बच्चे के सेहत के लिए कितने खतरनाक हो सकते है?
आजकल मोबाइल का प्रयोग इतना बढ़ गया है, कि बिना उसके एक पल भी रह पाना लोगों के लिए मुश्किल हो चूका है। शायद ही कोई ऐसा होगा जो मोबाइल के प्रयोग से अनजान होगा।
भारत के सरकारी आंकड़ें भी यह बताते हैं कि, यहां शौचालय से ज्यादा मोबाइल मौजूद है। हर लोगो को आकर्षक और महंगे मोबाइल लेने की इच्छा होती है। लेकिन ये खूबसूरत दिखने वाला मोबाइल हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है।
तो आइये जानते है, मोबाइल से होने वाली बीमारियों के बारे में और कैसे इससे बचा जाए।
क्या कहते हैं शोध
- शोध के अनुसार ये बात सामने आई की, हाल ही में ‘हेल्दीस्टफ’ और ‘आई-फिक्सइट’ ने एक रिपोर्ट तैयार की है।
- रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल से होने वाली बीमारियों के बारे में भी पता चला और ये बात भी सामने आई की रसायन और धातु घातक बीमारियों का कारण बन सकते हैं। जो की स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हो सकते हैं.
मोबाइल के प्रयोग से नुकसान
- इन मोबाइलों में लीड, ब्रोमीन, क्लोरीन, मर्करी और कैडमियम पाया जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है।
- मोबाइल में पॉलीक्लोरीनेटेड बायफिनायल रसायन निकलता है, जिसके कारण शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता घटती है। मोबाइल का अधिक प्रयोग करने से लीवर और थाइराइड से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए मोबाइल का अधिक प्रयोग करने से बचें। मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन आपके कानों को भी खराब कर सकता है।
- शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो मोबाइल फोन का प्रयोग न करता हो। लेकिन हाल ही में आये इस शोध के नतीजे जानकर आप मोबाइल से दूरी बना सकते हैं। नेशनल युनिवर्सिटी फॉर फूड द्वारा किये गये शोध की मानें तो मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडियेशन से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है।
रेडियेशन है नुकसानदायक
रेडिएशन मोबाइल के जरिए हमारे शरीर को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाती हैं। इससे कैंसर का जोखिम और मोबाइल से होने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। बिना बात के रेडीयेशन से निजात पाने के लिए फेक कॉल्स और एसएमएस के लिए डीएनडी कर दें।
जाने मोबाइल से होने वाली बीमारियों के बारे में
रीढ़ की हड्डी में प्रॉब्लम
लगभग 50% भारतीय बच्चों और किशोरो में मोबाइल फोन के ज्यादा उपयोग की वजह से रीढ़ की हड्डी की समस्याएं पैदा हो रही है। इसलिए मोबाइल का अधिक इस्तेमाल न करे, और खुद को मोबाइल से होने वाली बीमारियों से बचाये।
नोमोफोबिया की समस्या
आज लोगो में एक नई समस्या मोबाइल की पैदा हो गयी है, जो की नोमोफोबिया है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमे अगर किसी इन्सान से एक मिनट के लिए भी उसका मोबाइल उससे दूर हो जाए या उसे न मिले तो उसके अन्दर एक अजीब सा डर हो जाता है या वो अपने को कंट्रोल नहीं कर पाता।
नींद की समस्या
क्या आप जानते हैं कि आपका मोबाइल फोन आपकी नींद का दुश्मन होता है? दरअसल, आपके स्मार्टफोन से निकलने वाला कृत्रिम प्रकाश अंधेरे में आपके शरीर की मेलाटोनिन उत्पादन करने के क्षमता को प्रभावित करता है। मेलाटोनिन आपको नींद दिलाने वाला रसायन होता है।
कैंसर का कारण बन सकता है मोबाइल फोन
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो मोबाइल फोन का प्रयोग न करता हो। लेकिन हाल ही में आये इस शोध के नतीजे जानकर आप फोन से दूरी बना सकते हैं। नेशनल युनिवर्सिटी फॉर फूड द्वारा किये गये शोध की मानें तो मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडियेशन से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है।
डायबिटीज, दिल की बीमारियां और मोटापा
मोबाइल आपको डायबिटीज, मोटापा और दिल की कई गंभीर बीमारियां दे सकता है। दरअसल लाइटिंग स्क्रीन वाले गैजेट्स का देर रात तक इस्तेमाल करने से आपकी आंखों पर प्रभाव पड़ता है और आपकी नींद भी प्रभावित होती है। इससे आपको दिल की बीमारियों के साथ-साथ मोटापे की समस्या भी हो सकती है और आंखों को ग्लूकोमा या लो नाइट विजन की समस्या हो सकती है। शोध के मुताबिक आंखों के लिए सबसे हानिकारक स्मार्ट फोन की ब्लू यानि नीली लाइट होती है।
थंब अर्थराइटिस
- थंब अर्थराइटिस यानि अंगूठे के अर्थराइटिस का खतरा भी मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से हो सकता है। इसके कारण आपके अंगूठे के निचले हिस्से में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है।
- यह समस्या आपकी कलाइयों को भी प्रभावित कर सकता है और इससे आपके अंगूठों की शक्ति क्षीण हो सकती है। थंब अर्थराइटिस होने पर आपको चीजों को पकड़ने में और अंगूठे के मोशन की परेशानी हो सकती है।
सुनने में परेशानी
कुछ लोग आजकल लगातार कई घंटों तक कानों में ईयरफोन लगाकर रखते हैं। जिसकी तेज आवाज सुनने की क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करती है। इससे ईयरफोन के बिना आम आवाज सुनने में परेशानी होने लगती है। इससे कान की नसे कमजोर होनी शुरू हो जाती है, जिससे ऊंचा सुनाई देने लगता है।
आंखें कमजोर
मोबाइल से निकलने वाली रोशनी आंखों की रोशनी पर भी बुरा असर डालती है। बिना पलक झपकाएं देर तक मोबाइल देखते रहने से आंखें शुष्क हो जाती हैं। जिससे जलन पैदा होना,धुंधला दिखाई देना आदि दिक्कतें आने लगती हैं।
मोबाइल से होने वाली बीमारियों से आप इस तरह कर सकते हैं बचाव
घर में बनाएं नो-फोन जोन
कुछ सावधानियो और कदमो से खुद को और अपने बच्चो को इस एडिक्शन से बचा सकते है, जैसे की –
- घर में नो-फ़ोन ज़ोन बनाएं, मतलब मोबाइल का अधिक प्रयोग न करे,
- जैसे की फ़ोन को ऐसी जगह रखे जहाँ बच्चो का ध्यान फ़ोन पर कम जाए, और खुद भी फ़ोन के अधिक इस्तेमाल से बचे,
- जब बच्चे मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हो, तब अपने बच्चो पर नज़र रखे,
- बच्चे को फिजिकल एक्टिविटी में डाले,
- बच्चे के साथ समय बिताए जिससे की बच्चा फ़ोन की और कम से कम जाए।
आजकल मोबाइल हर व्यक्ति के लिए एक एडिक्शन बन चुका है, यहां तक की छोटे बच्चे भी मोबाइल एडिक्शन के शिकार हो चुके है। लेकिन इन्हे ये नहीं पता की हर वक़्त मोबाइल का उपयोग इनके लिए कितना खतरनाक हो सकता है। अभी हमने ऊपर मोबाइल से होने वाली बीमारियों के बारे में पढ़ा, जो की हमारे सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है। इसलिए मोबाइल के अधिक प्रयोग से बचे और डॉक्टर से भी सलाह ले।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।