एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस एक ऐसी बीमारी हैं, जो लंबे समय तक साथ नही छोड़ती। इस बीमारी को स्पॉन्डिलाइटिस के नाम से भी जानते है। यह दो यूनानी शब्द ‘स्पॉन्डिल’ तथा ‘आइटिस’ से मिलकर बना है। जिसमे स्पॉन्डिल का अर्थ है ‘वर्टिब्रा’ और ‘आइटिस’ का अर्थ सूजन होता है। जब रीढ़ की हड्डी में सूजन की शिकायत होती है, तो इसे स्पॉन्डिलाइटिस कहते है।
यह बीमारी स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी में होती है, जब रीढ़ की हड्डियों की असामान्य बढ़ोत्तरी होती है या फिर वर्टेबट के बीच के कुशन में कैल्शियम की कमी होती है, तब यह समस्या होती है। ज्यादातर यह बीमारी 40 की उम्र पार कर चुके पुरुष और महिलाओ में होती हैं।
एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस के प्रकार
स्पोंडिलोसिस तीन प्रकार के होते है –
1. सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (Cervical spondylosis)
- इसमें दर्द गर्दन के निचले हिस्से, दोनों कंधों, कॉलर बोन और कंधों के जोड़ में होता है। गर्दन में दर्द, जो सर्वाइकल को प्रभावित करता है, वह सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस कहलाता है।
- सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, आपकी गर्दन में स्पाइनल डिस्क को प्रभावित करता है, जिस वजह से ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण विकसित होते हैं। सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस बहुत आम होती है और यह उम्र के साथ और भी बढ़ती चली जाती है।
2. लम्बर स्पोंडिलोसिस (Lumbar spondylosis)
इसमें स्पाइन के कमर के निचले हिस्से में दर्द होता है। लम्बर स्पॉन्डिलाइटिस को अर्थराइटिस का ही एक रूप माना जाता है। यह समस्या रीढ़ की हड्डी में होती है।
3. एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस (Ankylosing spondylosis)
एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस गठिया का एक प्रकार है, जो रीढ़ को प्रभावित करता है। एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस के लक्षणों में गर्दन से लेकर पीठ के निचले हिस्से तक में अकड़न आ जाती है।
एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस के लक्षण
- गर्दन या पीठ में दर्द होना।
- इसमें दर्द हाथ की उंगलियों से सिर तक हो सकता है।
- उँगलियों का सुन्न होना।
- कंधे, कमर के निचले हिस्से और पैरों के ऊपरी हिस्से में कमजोरी होना।
- सीने में दर्द होना भी हो सकता है, एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस का कारण।
- मांसपेशियों में सूजन होना।
- वर्टेबट का दर्द कंधों से लेकर कमर के निचले हिस्से में होता है।
- छींकना, खांसना और गर्दन की दूसरी गतिविधियां इन लक्षणों को और गंभीर बना सकती हैं।
- स्पोंडिलोसिस होने का मुख्य कारण बढ़ती उम्र भी हो सकती है।
- शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण।
- इस समस्या का सबसे प्रमुख कारण गलत पॉश्चर में बैठना है।
- भोजन में पोषक तत्वों की कमी के कारण हड्डियों का कमजोर हो जाना ही एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस होने का सबसे बड़ा कारण है।
- अधिक मात्रा में मसालेदार, ठंडी या बासी चीजों का सेवन करने से भी एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस हो सकता है।
- आलस्य भी बन सकता है स्पोंडिलोसिस होने का कारण।
- अनियमित पीरियड्स भी एक बड़ी वजह बन सकती है स्पोंडिलोसिस होने का कारण।
- आईटी इंडस्ट्री या जो लोग कम्प्यूटर के सामने अधिक समय बिताते है उनमे यह समस्या अधिक होती हैं।
एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस के निदान के लिए डॉक्टर क्या परीक्षण करते हैं?
स्पोंडिलोसिस का निदान रेडियोलॉजी परीक्षणों जैसे कि-
- एक्स-रे,
- सीटी स्कैन,
- एमआरआई,
एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस के लिए उपचार क्या है?
स्पोंडिलोसिस के उपचार में दर्द से राहत पाने के लिए, नॉनसर्जिकल तरीके आमतौर पर बहुत प्रभावी होते हैं।
भौतिक चिकित्सा (physical treatment)
डॉक्टर स्पोंडिलोसिस के उपचार के लिए एक भौतिक चिकित्सक के पास भेज सकता है। भौतिक चिकित्सा गर्दन और कंधे की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और दर्द को दूर करने में मदद करता है।
दवाएं
यदि ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाएं काम नहीं करती हैं, तो डॉक्टर आपको कुछ दवाएं दे सकते है। जिससे आपको आराम मिल सकता है।
सर्जरी
यदि आपकी स्थिति गंभीर है, तो आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इसमें हड्डियों के स्पर्श, आपकी गर्दन की हड्डियों के हिस्सों को हटाने या आपकी रीढ़ की हड्डी और नसों को अधिक जगह देने के लिए हर्नियेटेड डिस्क (herniated disc) शामिल हो सकते हैं।
अगर आप एंकायलूजिंग स्पोंडिलोसिस की समस्या जैसे की – आपके कंधे, हाथ, या पैर में सुन्नता या झुनझुनी अचानक होती है, या यदि आप आंत्र या मूत्राशय पर नियंत्रण खो देते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें और जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें।
यदि आपका दर्द और बेचैनी आपकी दैनिक गतिविधियों में बाधा डालने लगती है, तो आप अपने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।
अगर आपको बैक पेन, कमर दर्द, स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी में दर्द या फिर मांसपेशियों में सूजन, इन सबसे से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या हो रही हो, तो आज ही अपने निकटतम स्पाइन सर्जन से अपॉइंटमेंट बुक करें और स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी तरह की जानकारी के लिए सलाह ले।
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