लिंफोमा कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं। इस बीमारी की शुरुआत गले से होती है। इम्यून सिस्टम को बढ़ाने की कोशिका को लिम्फोकेट्स कहा जाता है और जब ये कोशिकाएं कैंसर से ग्रसित होती हैं, तो इस बीमारी को लिम्फोमा या लिम्फ कैंसर कहा जाता है। अगर लिम्फोमा कैंसर का सही समय पर इलाज नहीं कराया गया, तो इस कैंसर की वजह से इंसान की मृत्यु तक हो सकती है इसलिए इस बीमारी के होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरुरी होता हैं।
लिंफोमा के लक्षण या नज़र आते हैं ?
लिंफोमा के लक्षण सभी मनुष्य में एक जैसे नज़र नहीं आते हैं । डॉक्टर के अनुसार लिंफोमा के लक्षण कुछ इस प्रकार नज़र आते हैं जैसे की –
- ग्रंथियों में सूजन (अक्सर गर्दन, हाथों के बगल या कमर में होती है)
- खांसी, सांस की तकलीफ
- बुखार
- खुजली
- रात को पसीना आना
- पेट दर्द
- पीठ या हड्डी में दर्द
- एनर्जी की कमी
- वजन घटना
- ठंड लगना
- भूख में कमी
- स्टूल या उल्टी में खून आना
- यूरिन पास होने में रुकावट
- सिर दर्द
लिंफोमा की कितनी स्टेज होती हैं ?
स्टेज-1: रोग लिम्फ नोड्स के केवल एक समूह में या एक ऐसे अंग में मौजूद होता है जो लसीका तंत्र से संबंधित नहीं है।
स्टेज-2: डायाफ्राम के संबंध में कैंसर शरीर के एक ही तरफ लिम्फ नोड्स के 2 या अधिक समूहों में पाया जाता है। डायाफ्राम एक पतली मांसपेशी है जो आपकी छाती को पेट से अलग करती है।
स्टेज-3: कैंसर डायफ्राम के दोनों ओर लिम्फ नोड्स में मौजूद होता है। कभी-कभी अन्य आसन्न अंगों की भागीदारी हो सकती है।
स्टेज-4 : चौथी स्टेज में कैंसर अस्थि मज्जा, फेफड़े और अन्य अंग शामिल हो जाते हैं।
लिंफोमा के निदान किस प्रकार होते हैं ?
लिम्फोमा का निदान करने के लिए, आपका डॉक्टर सूजन लिम्फ नोड्स की जांच के लिए पहले एक शारीरिक जांच करेगा। इसके अलावा लिम्फोमा की स्टेज का पता लगाने के लिए कुछ और टेस्ट भी किए जा सकते हैं।
- रक्त परीक्षण
- आणविक परीक्षण
- पेट का अल्ट्रासाउंड
- छाती का एक्स-रे
- बोन मैरो एस्पिरेशन या बायोप्सी
- पेट स्कैन
लिंफोमा के इलाज किस प्रकार होता हैं ?
यदि लिंफोमा बीमारी का पता सही समय पर चल जाए तो इसका इलाज पूर्णरूप से संभव हो सकता हैं जैसे की –
- कीमोथेरेपी: इस थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए मुंह या इंजेक्शन के जरिए कैंसर को मारने वाली दवाएं दी जाती हैं। कीमोथेरेपी या तो अकेले या विकिरण चिकित्सा के संयोजन में प्रयोग की जाती है और लिम्फोमा के उपचार के मुख्य तरीकों में से एक है।
- इम्यूनोथेरेपी: इम्यूनोथेरेपी में शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली या कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए मानव निर्मित प्रतिरक्षा प्रोटीन का उपयोग करना शामिल है।
- बोन मेरो ट्रांसप्लांट: यह प्रक्रिया कैंसर कोशिकाओं से प्रभावित बोन मैरो को बदलने के लिए एक संगत डोनर, अधिमानतः निकटतम रिश्तेदारों से बोन मैरो या स्टेम सेल का उपयोग करती है। यदि लिम्फोमा उपचार के बाद वापस आ जाता है तो स्टेम सेल प्रत्यारोपण एक विकल्प हो सकता है।
लिंफोमा के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।
लिंफोमा के इलाज के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल।
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , साकेत, दिल्ली
- फोर्टिस हार्ट अस्पताल, ओखला, दिल्ली
- बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजिंदर नगर, दिल्ली
- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, सरिता विहार, दिल्ली
लिंफोमा के इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के अच्छे अस्पताल।
- शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
लिंफोमा के इलाज के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल।
- नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , गुरुग्राम
- मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम
- फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड, गुरुग्राम
- पारस अस्पताल , गुरुग्राम
यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं।
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