मकर संक्रांति 2019 – घर पर बनाएँ कुछ स्वादिष्ट और हेल्दी व्यंजन

मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है। यह वर्ष का सबसे शुभ दिन होता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है । इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ होती है। इसके बाद से ही दिन थोड़ा गर्म और अधिक समय का होता है।

 

भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मकर संक्रांति के पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। असम में मकर संक्रान्ति को माघ-बिहू अथवा भोगाली-बिहू के नाम से मनाते हैं। तमिलनाडु में इस त्योहार को पोंगल के रूप में चार दिन तक मनाते हैं। पश्चिम बंगाल में इसे पौष संक्रांति कहा जाता है। इस दिन उड़द, चावल, तिल, चिवड़ा, गौ, स्वर्ण, ऊनी वस्त्र, कम्बल आदि दान करने का अपना महत्त्व है।

 

 

स्वादिष्ट और हेल्दी व्यंजन जिन्हें हम हर साल मकर संक्रान्ति पर खाना पसंद करते हैं

 

इस दिन को विशेष प्रकार के कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ मनाया जाता है। आइए इन स्वादिष्ट व्यंजनों के स्वास्थ्य पहलू पर नज़र डालें, जिन्हें हम हर साल लेना पसंद करते हैं।

 

खिचड़ी आपके लिए सबसे फायदेमंद

 

बिहार में मकर संक्रान्ति को खिचड़ी नाम से जाता हैं। खिचड़ी में वो सारे पोषक तत्व मिल जाते हैं, जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है। खिचड़ी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, कैल्शियम, फाइबर्स, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस के गुणों से भरपूर होती है।

 

खिचड़ी में तेज मसालों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और न ही इसमें बहुत अधिक तेल, घी का इस्तेमाल होता है। ऐसे में ये आसानी से पच जाती है और यही कारण है कि बीमारी में लोग खिचड़ी खाने की सलाह देते हैं। अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है तो खिचड़ी आपके लिए सबसे फायदेमंद है।

 

खिचड़ी के नियमित सेवन से वात, पित्त और कफ का दोष दूर हो जाता है। खिचड़ी शरीर को ऊर्जा तो देने का काम करती ही है, साथ ही ये रोग प्रतिरक्षा तंत्र को भी बूस्ट करने का काम करती है।

 

इस दिन खिचड़ी खाने एवं खिचड़ी दान देने का अत्यधिक महत्व होता है।

 

तिल की बनी हुई गजक

 

हरियाणा और पंजाब में इस अवसर पर लोग मूंगफली, तिल की बनी हुई गजक और रेवड़ियाँ आपस में बाँटकर खुशियाँ मनाते हैं।

 

तिल में कॉपर होता है, जिसमें एंटी इफ्रामेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट एंजाइम होते हैं। गठिया में होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में कॉपर काफी मददगार होता है। तिल में जिंक होता है। ये एक जरूरी मिनरल होता है, जो त्वचा को फायदा पहुंचाता है। स्किन ग्लो करने के साथ इसकी इलास्टिसिटी भी अच्छी होती है।

 

गजक तिल और गुड़ से बनती है। इसमें कैल्शिम पाया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं और अर्थराइटिस की समस्या से निजात मिलती है। तिल में सिसामोलिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। ये रक्त चाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। तिल और गुड़ शरीर में मेटाबॉलिज्म (रस प्रक्रिया) को बढ़ाते हैं। इससे वजम कम करने में सहायता मिलती है।

 

गुड़ खाने के फायदे

 

गुड़ रक्त शोधक की तरह काम करता है। एनीमिया में ये बहुत लाभकारी होता है। फेफड़ों के इंफेक्शन और गंदगी को साफ करता है गुड़। पॉल्युशन से होने वाली खांसी, जुकाम आदि को ये सही करता है। गुड़ का सेवन करने से पाचन तंत्र सही रहता है । क्यूंकि गुड में फास्फोरस की मात्रा अधिक रहती है जो की सब कुछ पचा देता है | गुड़ में कैल्सियम हड्डीयों की कमजोरी को दूर करता है। बढ़ते बच्चों को गुड़ देना उनकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

 

पाटीशाफ्टा

 

यह एक खास बंगाली मिठाई है, जो चावल के आटे से पैनकेक बनाई जाती है और नारियल और गुड़ के मिश्रण से भरी जाती है। यह खाने में बहुत स्वादिस्ट लगता है। इस त्यौहार पर अपनी डाइट संबंधी सारी चिंताओं को छोड़ कर आप खजूर के गुड़ से बने इस स्वादिस्ट व्यंजन का लुफ्त उठाएँ।

 

चावल के आटे में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत होता है और यह पूरी तरह से ग्लूटेन फ्री भी होता है। नारियल में कोलेस्ट्रॉल और ट्रांसफैट मौजूद होता है। यह विभिन्न पोषक तत्वों, डायटरी फाइबर, मैंगनीज, कॉपर और सेलेनियम से भरा होता है।

 

नलेन गुड़ से बना खीर या पायेश

 

यह खीर नलेन गुड़, दूध और चावल के मिश्रण से बनाया जाता है। चावल को दूध और नलेन गुड़ के शोरबे में पकाने के लिए बनाया जाता है। यह लगभग खीर की तरह है, जो मोटी होती है। यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है।

 

नलेन गुड़ मैग्नीशियम से भरपूर होता है, जो तंत्रिका तंत्र में सुधार करता है। अधिक आयरन होने के कारण, यह हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है और एनीमिया के इलाज में मदद करता है। गुड़, पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करता है।

 

मुंग दाल का हलवा

 

मुंग दाल का हलवा, सूखे मेवों और मूंग की फलियों से बनाया जाता है और यह खाने में बहुत स्वादिष्ट भी है।

 

हर दाल के अपने पौष्ट‍िक गुण होते हैं। वैसे दाल में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। यही वजह है कि बढ़ रहे बच्चों को दाल का अधि‍क से अधि‍क सेवन करने की सलाह दी जाती है।

 

मूंग दाल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह सुपाच्य होती है और ठंडक प्रदान करती है।

 

इस मकर संक्रान्ति पर डाइट की सारी चिंताओं को भूलकर इन स्वादिस्ट व्यंजनों का आनंद ले, जो की खाने में स्वादिस्ट भी है और आपके हेल्थ के लिए भी अच्छा है।


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