भारत में पिछले छह वर्षों में कैंसर के मामलों में 15.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और एक अध्ययन की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रीवेंशन एंड रिसर्च के अनुसार इस साल देश भर में लगभग 11.5 लाख कैंसर के मामले दर्ज हुए हैं. होंठ और माउथ कैविटी के कैंसर की विशेष रूप से छह साल की अवधि में 114 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
मुंह का कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो मुंह के किसी भी हिस्से में हो सकता है, जिसमें होंठ, जीभ, गाल, साइनस, फेरॉक्स, कठोर और मुलायम तालु आदि शामिल हैं. तम्बाकू का उपयोग मुंह के कैंसर के लिए सबसे बड़ा जोखिम कारक है. इनमें सिगरेट, सिगार, पाइप, चबाने वाला तम्बाकू और सूंघने वाली तम्बाकू भी शामिल है.
हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, “तम्बाकू का उपयोग करने से ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस जैसे ओरल प्रीकैंसरस लेजियंस विकसित हो सकते हैं, जिससे उपयोगकर्ता के मुंह में कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा यह उपयोगकर्ता के मुंह में अन्य संक्रमणों का जोखिम भी पैदा कर सकता है.”
उन्होंने कहा, “भारत में धुआं-रहित तम्बाकू (एसएलटी) का उपयोग तम्बाकू जनित बीमारियों का प्रमुख कारण है, जिसमें माउथ कैविटी, ईसोफेगस (फूड पाइप) और पेंक्रियास के कैंसर प्रमुख हैं. एसएलटी न केवल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव का कारण बनता है, बल्कि एक बड़ा आर्थिक बोझ डालता है.”
डॉ. अग्रवाल ने कहा, “छाली के साथ एसएलटी का उपयोग भारत में एक आम चलन है और जैसा कि शुरुआत में कहा गया है कि पान और गुटका, एसएलटी के दो सामान्य रूप हैं, जिनमें छाली का प्रयोग होता है. छाली को एक कार्सिनोजेनिक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जिसमें कैंसरजन्य गुण होते हैं, यानी इसमें अन्य प्रतिकूल प्रभावों के अलावा कैंसर पैदा करने वाले गुण मौजूद होते हैं.”
मुहं का कैंसर के कारण
तम्बाकू का सेवन
तम्बाकू व गुटखा खाना आज के जीवन में आम बात हो गयी है | लोग तम्बाकू व गुटखा के नुकशान के बारे में जानते हुये भी इसका लगातार सेवन करते है | जिसकी वजह से वो लोग गंभीर बीमारी का शिकार भी हो जाते है | तम्बाकू व गुटखा के सेवन से हमारी रोज की केलोरी भी घट जाती है | जिसकी वजह से हमारे मुहं में अनेक प्रकार के रोग भी होने लगते है | इसीलिये आज से ही अपने जीवन से तम्बाकू व गुटखा को त्याग कर स्वस्थ जीवन का आनंद ले |
शराब का नियमित सेवन
अधिक शराब के सेवन से हमको मुख के कैंसर का खतरा अधिक हो जाता है | नियमित शराब का सेवन करने वाले व्यक्तियों को इसका खतरा सबसे अधिक होता है | और आपके पारिवारिक जीवन में भी कई समस्या शुरू हो जाती है | क्योंकि ये हमारी सेक्स पवार को भी कम करता है | इसीलिये अगर आप भी नियमित शराब का सेवन कर रहे है | तो आज से ही शराब को पीना कम कर दे जिससे आपको मुहं के कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा कम हो जायेगा |
सिगरेट पीने से
अक्सर देखा जाता है, की कई लड़के व लड़कियां शौक के चक्कर में सिगरेट जैसी चीज के आदि हो जाते है | जिससे उनको बाद में इसके गम्भीर परिणाम देखने को मिलते है | सिगरेट का अगर हम अधिक मात्रा में सेवन करते है | तो ये हमारे फेफड़ो के साथ साथ हमारे मुहं को भी नुकशान पहुचाती है | जिससे हमको मुहं का कैंसर होने का खतरा भी बना रहता है | इसीलिये जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी हमको सिगरेट का सेवन बन्द कर देना चाहिये |
मुहं के कैंसर के लक्षण
मुहं में गाठ का बनाना
अगर मुहं के किसी भी हिस्से में आपको गाठ की परेशानी आने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इसका उपचार करवाना चाहिये |क्योंकि मुहं में गाठ का बनना मुहं के कैंसर के शरुआती लक्षणों में प्रथम माना जाता है |
जीभ में परेशानी आना
अगर आप नियमित किसी नशीली चीज का सेवन करते है, और आपको अपनी जीभ में परेशानी आ रही है | अगर आप अपनी जीभ को हिलाने व बाहर निकलने में आपको तकलीफ हो रही है | तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जा कर इसका उपचार करवाना चाहिये | मुहं के कैंसर जैसी बीमारी का ये भी एक लक्षण माना जाता है |
बार बार छालो का होना
अगर आपको मुहं में बार बार छालो की समस्या आ रही है | तो आपको जल्द से जल्द इसका पूरी तरह से इलाज करवा लेना चाहिये | अगर आपके मुहं में छालो की समस्या है | तो तुरंत ही नशीली चीजो का सेवन बंद कर दे|जिससे आपकी छालो की समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी |
मुहं से खून का आना
अगर आपके मुहं में कही चोट नही लगी है | फिर भी आपके मुहं से खून आ रहा हो तो आपको तुंरत ही डॉक्टर की सालह लेकर इसका उपचार लेना चाहिये | क्योंकि ऐसा सिर्फ अधिक नशीली चीजो के सेवन से ही होता है |
मुहं से बदबू आना
अगर आपके मुहं से निरंतर बदबू आती है | अगर आप रोजाना ब्रुश करते है, उसके बाद भी आपके मुहं से बदबू आने की समस्या हो रही है | तो आपको तुरंत डॉक्टर से इसका उपचार करवाना चाहिये | क्योंकि इसको भी इस बीमारी का एक लक्षण माना जाता है |
दांतों का कमजोर हो जाना
अगर आपके दांतों में कमजोरी व खून की समस्या आ रही है | और आपके दांत समय से पहले ही गिरने लगते है | या फिर आपके मुहं का हिस्सा सुन्न पड़ जाता है | तो आपको तुरंत डॉक्टर से उपचार कराने की जरूरत है | ये भी इस बीमारी के लक्षणों में ही आता है |
मुहं के कैंसर का उपचार
- आज से ही अपने जीवन से सभी नशीली चीजो को बंद कर दे शराब,गुटखा,खेनी,व सिगरेट,आदि चीजो को आज से ही बंद करके एक स्वस्थ जीवन की शरुआत करे |
- हरी सब्जिओ का सेवन नियमित सेवन करना चाहिये | क्योंकि हरी सब्जिओ से हमको कई प्रकार के विटमिन मिलते है | जो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक को बढ़ाने में हमारी मदद करता है | जिससे हमारे शरीर कैंसर जैसी बीमारी जन्म नही ले पाती है |
- प्रतिदिन योगा करे हम अपने शरीर के सारे रोगों को योगा से दूर कर सकते है | इसीलिये हमको प्रतिदिन सुबह उठकर कम से कम एक घंटे योगा करना चाहिये | जिससे हमारे शरीर में इस प्रकार की बीमारी कभी भी जन्म नही ले पायेगी |
- दौड़ लगाये अगर आपको अपने शरीर में कैंसर के लक्षण दिखाई दे रहे है, तो आज से ही अपनी दिनचर्या में दौड़ को जोड़ ले आपको नियमित सुबह उठकर कम से कम तीन किलोमीटर तक दौड़ लगाना चाहिये | जिससे आपको इस बीमारी से जल्दी ही मुक्ति मिल जाएगी |
- तम्बाकू का प्रयोग न करें. यदि आप करते हैं तो इस आदत को छोड़ने के लिए तत्काल कदम उठाएं.
- अल्कोहल का उपभोग संयम में रहकर करें. लंबे समय तक सूर्य के संपर्क में रहने से बचें.
- धूप में जाने से पहले 30 या उससे अधिक एसपीएफ वाले लिप बाम का उपयोग करें.
- जंक और प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचें.
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