फ्लैट हेड सिंड्रोम को प्लैगियोसेफली भी कह सकते है। यह एक ऐसी स्थिति है , जो बच्चे के सिर को एक फ्लैट स्पॉट (फ्लैट सिर सिंड्रोम) होने का कारण बनती
आयरन की कमी की वजह से एनीमिया की बीमारी होती हैं। यह बीमारी तब होता है जब आपके शरीर में आयरन की मात्रा कम होती है, क्योंकि हीमोग्लोबिन बनाने के
“परीक्षा” ये शब्द सुनते ही विद्यार्थियों के मन में डर पैदा हो जाता है. कई विद्यार्थियों को तो सोच कर ही बेचैनी महसूस होने लगती है.
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। पहले के समय में इस बीमारी की समस्या एक उम्र के बाद ही सुनने को मिलती थी, पर आजकल कैंसर रोग इतना आम हो गया है की ,
आयरन एक पोषक तत्त्व है जो बच्चो की वृद्धि और विकास के लिए बहुत आवश्यक है। अगर बच्चो के खाने में आयरन की कमी हो तो उसे एनीमिया या आयरन की कमी हो
लेप्रेसी (Leprosy) यानि कुष्ठ रोग से व्यक्ति न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित होता है। कुष्ठ रोगियों के प्रति दूसरे लोगों के
किड्नी स्टोन अव्यवस्थित लाइफस्टाइल की वजह से किडनी स्टोन के मरीज बढ़ते ही जा रहे है। वैसे तो किडनी स्टोन में कोई परेशानी
बहरेपन यानी सुनने में समस्या होना , यह भी एक तरह की बीमारी ही है। अचानक ऊंची आवाजें कान में पड़ने के कारण कान बंद हो जाना, माथे पर चोट
लाखों बच्चों की मौत चाइल्डहुड कैंसर के कारण होती है। कैंसर की समस्या अब सिर्फ बड़े उम्र वाले लोगों को ही नहीं होती है बल्कि अब यह बच्चों में भी
डायबिटीज के दो प्रकार है – टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज। टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है या फिर इंसुलिन बनना बंद हो जाता