रुक-रुक कर उपवास करने का अर्थ है कि आप अनियमितता के साथ उपवास कर रहे हैं, यानी आपका उपवास बार-बार टूट रहा है और आपके खाने की अवधि में अनियमितता है। इसके परिणामस्वरूप, आपके शरीर को सम्पूर्ण आवश्यक ऊर्जा और पोषण नहीं मिल पाता है। यह आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने पाया कि जो लोग 8 घंटे के समय-प्रतिबंधित भोजन कार्यक्रम, एक प्रकार का आंतरायिक उपवास, का पालन करते थे, उनमें हृदय रोग से मृत्यु का जोखिम 91% अधिक था। अध्ययन की सीमाओं में स्व-रिपोर्ट की गई आहार संबंधी जानकारी पर निर्भरता शामिल है, जो प्रतिभागी की स्मृति या याददाश्त से प्रभावित हो सकती है और विशिष्ट खाने के पैटर्न का सटीक आकलन नहीं कर सकती है।
हृदय संबंधी मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि उपवास के दौरान शरीर को सही मात्रा में ऊर्जा और पोषण की कमी होती है, जिससे शरीर की ओर से हृदय के कार्यों को संभालने के लिए आवश्यक सामग्री मिलने में असमर्थता होती है। अनियमित उपवास या अधिक उपवास करने से शरीर के विभिन्न तंतुओं और अंगों को आवश्यक पोषण नहीं मिलता है, जिससे आपके हृदय का कार्य प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, लंबे समय तक उपवास करने से आपका रक्तचाप बढ़ सकता है, जो कि हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
सावधानी बरतें और उपवास करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें। वे आपके स्वास्थ्य को देखते हुए आपको सही सलाह और दिशा देंगे। यदि आपके लिए उपवास आवश्यक है, तो डॉक्टर आपको सही तरीके से कैसे और कितने समय तक उपवास करना चाहिए, यह निर्धारित करेंगे।
इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।