स्पोर्ट्समैन के लिए स्पोर्ट्स इंजरी होना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि वो खेलते है तो बहुत सारी चूक भी करते है और कई बार हलकी फुलकी चोट या मोच का आ जाना स्वाभाविक है लेकिन इस इंजरी को अक्सर इग्नोर कर देते है और सोचते है कि एक दो दिन में ठीक हो जायेगा पर इसे इग्नोर करना खतरा भी हो सकता है, क्योंकि अगर आप ये करते है तो आप अपनी हेल्थ के प्रति लापरवाही के अलावा और कुछ भी नहीं कर रहे है | कभी कभी एक छोटी सी चोट भी हमारे लिए बहुत बड़ी समस्या बन जाती है जिसकी वजह से बाद के आने वाले समय में परेशानी उठानी पड़ सकती है इसलिए कभी किसी तरह की लगने वाली चोट के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए |
खेल के दौरान चोट लगना आम है, व्यायाम करते हुए भी आपको चोट लग सकती हैं। सही प्रकार से व्यायाम करने पर आपको चोट नहीं लगेगी इस बात की कोई गारंटी नहीं, लेकिन यदि आप गलत तरीके से व्यायाम कर रहे हैं, तो आपके चोट लगने की आशंका हो सकती है।
मांसपेशियों में खिंचाव होना भी एक सामान्य चोट है। जब आप वेट ट्रेनिंग करते हैं या फिर मोटर साइकिल चलाते हैं तो इस प्रकार की समस्या हो सकती है। आप मांसपेशियों पर गलत तरीके से काफी जोर डाल देते हैं। इस दौरान आपको इस बात का अहसास होता है कि आपकी मांसपेशियों में कुछ छिल सा गया है। बाद में, आपको उस स्थान पर सूजन नजर आती है अथवा त्वचा के उस हिस्से का रंग बदला हुआ लगता है।
स्पोर्ट्स इंजरी से आने वाली चोट
- लिंगामेंट इंजरी
- वजन उठाने में समस्या होना
- घुटने और टखने में चोट या मोच
- मांसपेशी में खिंचाव की समस्या होना
ऐसे मामले अधिकतर वंहा दीखते है जहाँ दो प्लेयर आमने सामने होते है जैसे – कुश्ती , बॉक्सिंग में तो यह आम होता है , फुटबॉल , मार्शल आर्ट्स आदि खेलों में ऐसी दिक्कते सामने आती है | अगर आप क्रिकेट के शौकीन है तो अक्सर आपने सुना होगा कि फलाने प्लेयर को चोट या कंधे में समस्या होने की वजह से वो खेल नहीं सकते |
स्पोर्ट्स इंजरी से कैसे बचे
असल में खेल में लगने वाले चोटें स्वाभाविक होती है और अभ्यास या खेल के दौरान लग सकती है लेकिन अगर हम अपनी पूरी सुरक्षा के साथ मैदान में होते है तो इसकी सम्भावना कम हो जाती है जैसे – अगर आप क्रिकेट का अभ्यास कर रहे है तो आपके लिए जरुरी है कि गेंद की तेज गति से बचने के लिए आपने सारे उपकरण अच्छे से पहने हों और साथ ही अगर आप अपने बच्चो को स्पोर्ट्समैन बनाना चाहते है तो शुरू से ही उनकी आदतों में ये भी विकसित करें कि खेल के दौरान लगने वाली चोट को गंभीरता से लें और घर पर और स्कूल के दौरान अपने स्पोर्ट्स टीचर से कुछ भी नहीं छुपायें |
पानी खूब पिये
खिलाड़ियों को डिहाइड्रेशन, गर्मी, धूप से बचना बहुत जरूरी है। इसलिए खेल से पहले, खेलते समय और बाद में पानी खूब पिये। ध्यान रहे कि आप पूरी तरह हायड्रेटेड रहें।
बर्फ है बेहतर
चोट लगने पर अक्सर हम गर्म पानी से उस स्थान की सिंकाई करते हैं। लेकिन, डॉक्टर्स का मानना हैं कि बर्फ का उपयोग करना अधिक लाभकारी होता है। चोट लगने के बाद जितनी जल्दी हो सके बर्फ से सिंकाई करनी चाहिए। इसके अलावा चोट लगने के 24 घंटे के भीतर हर 10 से 15 मिनट के भीतर बर्फ की सिंकाई फायदेमंद होती है। 24 घंटे तक बर्फ से सिंकाई करने के बाद चोट लगे हुए हिस्से और सामान्य हिस्से के तापमान में आपको अंतर नजर आएगा। बर्फ की सिंकाई करने से चोट लगे हिस्से पर बहुत आराम मिलती है।
आप डॉक्टर से राय ले
स्पोर्ट्स इंजरी के मामलों में सही यह होता है अगर शुरू में ही हम चोट लगने पर डॉक्टर से सलाह ले लेते है और ऐसी चोट में फिजियोथेरेपिस्ट और आपके स्पोर्ट्स कोच की मदद से आप समस्या से छुटकारा पा सकते है और अगर चोट गंभीर होती है तो आपके लिए सर्जरी करवाना ही अंतिम विकल्प होता है ऐसा होने पर आप किसी ओर्थोस्कोपी सर्जन की मदद ले सकते है |
स्पोर्ट्स इंजरी से बचने के लिए आपको ऊपर बताये गए उपाए को कर सकते है और उससे पहले आप डॉक्टर से संपर्क जरूर करे उनसे सलाह जरूर ले और समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहे। नहीं तो बाद में आपको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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