आजकल शुगर की बीमारी एक आम समस्या बन गई है। छोटे बच्चे भी इस बीमारी के शिकार होते जा रहे है। शुगर होने का मुख्य कारण सही से खान-पान न होना है। जब शरीर में पैंक्रियाज नामक ग्रंथि इंसुलिन बनाना बंद कर देती है, तब शुगर की समस्या होती है। इंसुलिन ब्लड में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मदद करता है। शुगर को मधुमेह और डायबिटीज नाम से भी जाना जाता है।
शुगर (डायबिटीज़, मधुमेह) के प्रकार
इसके तीन प्रकार है।
टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes)
यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, इसमें बीटा कोशिकाएं इंसुलिन नहीं बना पाती हैं। इस मधुमेह में मरीज़ को इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं, ताकि शरीर में इंसुलिन की मात्रा सही तरीक़े से बनी रहे। यह डायबिटीज़ बच्चों और युवाओं को होने की आशंका ज़्यादा होती है।
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)
इसमें शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है या फिर शरीर सही तरीके से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता।
गर्भावधि डायबिटीज (gestational diabetes)
यह शुगर गर्भावस्था के दौरान होता है, जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इस दौरान, गर्भवती महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज़ होने का खतरा ज़्यादा रहता है।
शुगर (डायबिटीज़, मधुमेह) होने के कारण
- शुगर अनुवांशिक बीमारी है यानी की अगर आपके परिवार में किसी को भी शुगर की समस्या है, तो आपको भी शुगर होने का ख़तरा हो सकता है।
- अधिक वजन भी बन सकता है शुगर होने का कारण।
- नियमित रूप से व्यायाम न करना या कोई शारीरिक श्रम ना करना।
- अधिक मात्रा में मीठा खाना।
- अगर आपको कोई ह्रदय संबंधी बीमारी है, तो शुगर हो सकता है।
- अगर गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ हुई हो या शिशु का वज़न 9 पौंड से ज्यादा हो, तो आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज़ होने की आशंका बढ़ जाती है।
- बढ़ती उम्र से भी शुगर होने का कारण हो सकता है।
जानें क्या हैं शुगर के लक्षण
थकान महसूस होना
शुगर होने पर इसके शुरुआती दिनों में आपको सारा दिन थकान महसूस होगी। हर रोज भरपूर नींद लेने के बाद भी सुबह उठते ही आपको ऐसा लगेगा कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई है और शरीर में थकान सी महसूस होगी। इससे यह पता चलता है की खून में शुगर का लेवल लगातार बढ़ रहा है।
लगातार पेशाब लगना
अगर आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो रही हो तो यह शुगर के लक्षण हो सकते है। जब शरीर में ज्यादा मात्रा में शुगर इकट्ठा हो जाता है तो यह पेशाब के रास्ते से बाहर निकलता है, जिसके कारण शुगर के रोगी को बार-बार पेशाब लगने की शिकायत शुरू हो जाती है।
अत्यधिक प्यास लगना
इस बीमारी में बार-बार प्यास लगने की भी समस्या होती है। चूंकि पेशाब के रास्ते से शरीर का पानी और शुगर बाहर निकल जाता है जिसके कारण हमेशा प्यास लगने जैसी स्थिति बनी रहती है।
आंखें कमज़ोर होना
शुगर के शुरआती लक्ष्णों में आंखों पर काफी प्रभाव पडता है। इसमें आंखों की रोशनी कम होने लगती है और धुंधला दिखाई पडने लगता है।
अचानक वज़न कम होना
शुगर रोग की शुरूआत में ही अचानक वज़न तेजी से कम होने लगता है। सामान्य दिनों की अपेक्षा आदमी का वजन एकाएक कम होने लगता है।
जोर से भूख लगना
शुगर के मरीज का वजन तो कम होता है लेकिन भूख में बढोतरी भी होती है। अन्य दिनों की अपेक्षा आदमी की भूख कई गुना बढ जाती है। बार-बार खाना खाने की इच्छा होती है।
घाव का जल्दी न भरना
अगर आपके शरीर में चोट लग जाए या घाव हो जाए और यह जल्दी ना भरे, चाहे कोई छोटी सी खरोंच क्यों ना हो, वह धीरे-धीरे बडे़ घाव में बदल जाएगी और उसमें संक्रमण के लक्षण साफ-साफ दिखाई देने लगेंगे।
तबियत खराब रहना
मरीज के शरीर में किसी भी तरह का संक्रमण जल्दी से ठीक नही होता है। अगर आपको वायरल, खॉसी-जुकाम या कोई भी बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाए तो आपको राहत नहीं मिलेगी। छोटे-छोटे संक्रमण जो आसानी से खुद ठीक हो जाते हैं।
त्वचा के रोग होना
मधुमेह की शुरूआत में त्वचा संबंधी कई रोग होने शुरू हो जाते हैं। त्वचा के सामान्य संक्रमण बडे घाव बन जाते हैं।
आनुवंशिक कारण
आपके परिवार में किसी अन्य सदस्य को भी मधुमेह की समस्या रही हो तब भी आपको सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि यह एक आनुवांशिक बीमारी है।
मधुमेह (डायबिटीज़, शुगर) का इलाज
- सही खान-पान होना चाहिए, फास्ट फ़ूड का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
- नियमित रूप से रोज सुबह व्यायाम करना चाहिए।
- डॉक्टर द्वारा बताई गयी दवाइयां ही लेनी चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर से अपनी ब्लडप्रेशर भी जांच कराते रहे।
- शुगर पेशेंट के लिए आवंला खाना लाभदायक हो सकता है, क्योंकि आंवले में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं और यह उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है।
- जामुन में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता है। शुगर के रोगियों के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है. जामुन के पाउडर को खाने से शुगर में काफी फायदा होता है।
- शुगर के रोगियों को रोज सुबह-सुबह लहसुन की कलियों का सेवन करना चाहिए। लहसुन खाने से हाई बीपी में आराम मिलता है और यह ब्लड सर्कुलेशन को कंट्रोल भी करता है।
- करेले का जूस, करेले में फाइबर होता है, जो एंटीडायबिटिक यौगिक है। इसमें ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को कम करने के गुण होते हैं।
शुगर को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि अपने डॉक्टर से सलाह लें और समय-समय पर शुगर लेवल का चेकअप करवाते रहें।
अगर आपको मधुमेह (शुगर) से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या हो रही हो, तो आज ही अपने निकटतम डायबिटोलॉजिस्ट से अपॉइंटमेंट बुक करें और स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी तरह की जानकारी के लिए सलाह ले।
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