आज यानि 16 अक्टूबर को मनाया जाता है विश्व खाद्य दिवस

 

आज के दिन मनाया जाता है विश्व खाद्य दिवस, इसे पिछले 74 सालों से मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 1945 में संयुक्त राष्ट्र ने की थी इसे प्रतिवर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिवस को मानने का उद्देश्य केवल इतना है की पुरे विश्व में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए और इसके प्रति लोगो को जागरूक कर, ये बताना है की सभी को पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है, तो खाना बिल्कुल भी बरबाद न करें। आपको बता दें की विश्व में आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो भूखमरी से जूझ रहे हैं। एक रिसर्च में पता चला है की विश्व की आबादी वर्ष 2050 तक नौ अरब  हो जाएगी। जिसमें  से 80 फीसदी लोग विकासशील देशों में रहेंगे। तो ऐसे में बड़ा सवाल ये है की हमें एक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। वरना आने वाले समय में भुखमरी बढ़ेगी। दुनिया में आज भी ऐसे कई घर है जहां खाना खूब बर्बाद किया जाता है। जबकि ऐसे भी लोग है जिन्हें एक वक़्त का खाना भी नसीब नहीं होता है।

क्या है भुखमरी ?

 

विटामिन, पोषक तत्व और ऊर्जा अन्तर्ग्रहण की गंभीर कमी को भुखमरी कहते है। या इसे कुपोषण का सबसे चरम रूप भी कह सकते है। अधिक समय तक भूखे रहने के कारण शरीर के कुछ अंग स्थाई रूप से नष्ट हो सकते है और इसकी वजह से मृत्यु भी हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भूख स्वयं में एक गंभीर बीमारी है। हर साल दुनिया में 9 मिलियन लोग भुखमरी से मरते है। ये आंकड़ा चौकाने वाला है इसके बावजूद लोग इतना खाना बर्बाद करते है की उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

 

क्या है इसका उद्देश्य ?

 

आपको बता दें की विश्व खाद्य दिवस’ का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया से भुखमरी को खत्म करना है। आज भी विश्व में करोड़ों लोग ऐसे है जो भुखमरी के शिकार हैं। अगर हम वर्तमान समय की बात करें तो यह बहुत आवश्यक हो गया है कि पुरे विश्व से भुखमरी को मिटाने के लिए अत्याधुनिक तरीके से खेती की जाये और बर्बाद होने से पहले उसे भूखे लोगों तक पहुंचाया जाए। ‘विश्व खाद्य दिवस’ का उद्देश्य खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने है और साथ ही विकासशील देशों के मध्य तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग बढ़ाना और विकसित देशों से आधुनिक तकनीकी मदद उपलब्ध कराना है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र की तमाम संस्थाओं द्वारा विकासशील देशों में ग़रीबी एवं भूखमरी से निपटने के लिए तमाम प्रयास भी शुरू किए गए हैं।

 

कौन से देश है भुखमरी के शिकार ?

 

वहीं एक तरफ दुनिया में ऐसे बहुत से लोग है जिनके घरों में,होटलों में,शादी-ब्याह और पार्टियों में बहुत ज्यादा खाना बर्बाद होता है और फेंक दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर बहुत बड़ी तादाद में ऐसे लोग है जिनको एक जून की रोटी के भी लाले पड़े हैं।

 

एक रिपोर्ट में ये दवा किया है की पूरी दुनिया में जितने लोग भुखमरी के शिकार होते हैं, उनमें से एक चौथाई लोग सिर्फ भारत में रहते हैं। तो आइये आपको बताते है की कौन से देश भयानक गरीबी झेलने वाले है इथोपिया, सूडान, कांगो, नाइजीरिया और दूसरे अफ्रीकी देश भी शामिल हैं। भुखमरी में गिरावट की अवधि के बाद भी, एक बार फिर विश्व में भूखमरी बढ़ रही है। विश्व वर्ष 2018 की रिपोर्ट की बात करें तो आज भी 821 मिलियन लोग जीर्ण कुपोषण से पीड़ित हैं। जबकि लाखों भूख से पीड़ित है और 672 मिलियन लोग मोटापे से पीड़ित हैं। हम सब मिलकर इसे बदल सकते हैं।

क्या है हल ?

 

भूखमरी की वैश्विक समस्या को हम तब हल कर सकते है, जब हम कृषि उत्पादन को और बढ़ा सके और ये तभी संभव है जब खाद्यान्न सुरक्षा को लेकर सभी लोग हर समय, पर्याप्त, सुरक्षित और पोषक तत्वों से युक्त खाद्यान्न ले, जो उनकी आहार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सके। साथ ही आप ये तो जानते ही है की कुपोषण का रिश्ता ग़रीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, आदि से भी है। इसलिए कई मोर्चों पर एक साथ मजबूत इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना होगा तभी हम इससे लड़ पाएंगे। इस बात का भी ध्यान रखे की अगर आप कहीं भी बाहर खाना खाने जाए, तो नियमित मात्रा में ही खाना ले और उसे बर्बाद न करें।


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