विश्व भर में विश्व कुष्ठ दिवस (World Leprosy Day) मनाया जाता है। आपको बता दें की हर साल जनवरी के अंतिम रविवार को वर्ल्ड लेप्रोसी डे मनाया जाता है, इसे लेकर लोगों का मानना है कि यह बीमारी अब ख़त्म हो चुकी है, लेकिन ऐसा नहीं है।
विश्व कुष्ठ दिवस (World Leprosy Day) इसके पीछे एक कहानी है। दरअसल 1953 में फ्रांसीसी मानवतावादी और ILEP के संस्थापक पिता, राउल फोलेरेओ (Raoul Follereau) ने इसी दिन को चुना था, क्योंकि यह कैथोलिक कैलेंडर (Catholic calendar) में एपिफेनी से चौथा रविवार को होता था। ऐसा तब होता है जब चर्च के कैथोलिक उस सुसमाचार की कहानी पढ़ता है जहाँ यीशु आते है और एक व्यक्ति को कुष्ठ रोग से भर देता है।
वर्ल्ड लेप्रोसी डे क्या है?
वर्ल्ड लेप्रोसी डे (World Leprosy Day) जिसे कुष्ठ या कोढ़ के नाम से भी जाना जाता है। यह इंसान के तंत्रिका तंत्र और शरीर के अंगों को प्रभावित करता है, यह एक जीवाणु का संक्रमण है। इसे लेकर कुछ लोगों का मानना है कि इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है। लेकिन यह धारणा बिल्कुल गलत है। कुष्ठ रोग को दवाओं के इलाज से ठीक किया जा सकता है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि ऊतकों (Tissues) को नुकसान होने के लक्षण की पहचान करके, इसे उपचार के माध्यम से रोका जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को कुष्ठ रोग हो गया है, तो इसका उपचार संभव है।
लेप्रोसी के लक्षण
यदि किसी व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे तो कुष्ठ रोग का संदेह होना चाहिए :
- त्वचा के रंग में फर्क दिखना और उस पर हल्के दाग पड़ना,
- त्वचा पीली पड़ना या लाल रंग के दाग पड़ना,
- हाथों की त्वचा पर सफ़ेद दाग पड़ना,
- हाथ या पैर में सुन्नपन या झुनझुनी,
- हाथ, पैर में कमजोरी,
- चेहरे में सूजन या गांठ,
- हाथों या पैरों पर दर्द रहित घाव या जलन।
लेप्रोसी कैसे होता है ?
इस बीमारी के लक्षणों को समझकर आप खुद को इस रोग से बचा सकते है। लेकिन हम आपको ये भी बता देते है की ये कैसे और किन कारणों से फैलता है।
- हर व्यक्ति के लिए साँस लेना बेहद जरुरी है यह सांस लेने के दौरान होता है, विशेष रूप से नाक से सांस लेना या छोड़ना ये एक संक्रमित व्यक्ति से किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है।
- बीमारी का कारण शरीर में श्वसन तंत्र के माध्यम से नाक और मुंह से बूंदों के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
- शरीर में प्रवेश करने के बाद, ये जीव तंत्रिका और त्वचा में चला जाता है और धीरे धीरे बढ़ने लगता है।
- यदि इस बीमारी का पता नहीं लगता है, तो यह शरीर में मौजूद तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और इसकी वजह से वह व्यक्ति स्थायी विकलांगता का शिकार भी हो सकता है।
लेप्रोसी के लिए उपचार
आपको बता दें की देश भर में डब्लूएच्ओ (WHO) द्वारा कुष्ठ रोग की दवाई निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। इसके उपचार के लिए एमडीटी मल्टी ड्रग थेरपी (Multi Drug Therapy) का इस्तेमाल किया जाता है। हर गाँवों और शहरों में ये दवा निशुल्क रूप से उपलब्ध होती है। दरअसल इसकी एक खुराक ही आपके शरीर से 99 प्रतिशत तक इस रोग को कम कर सकती है।
यदि आपको ऐसे कोई लक्षण दिखाई देते है तो आप हमारे डॉक्टर से संपर्क कर सकते है। इसे नज़रअंदाज़ करना आपके लिए किसी बड़ी बीमारी को पालने से कम नहीं होगा। वर्ल्ड लिप्रोसी डे को मनाने के पीछे यही उद्देश्य होता है की हर बार ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में बताया जा सके और कैसे लोग इस बीमारी का शिकार होने से बचे और इसके उपचार के लिए किसी तरह के प्रभावी कदम उठाने चाहिए इसके बारे में लोगों को बताया जाता है ।
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