विश्व नींद दिवस हर साल 15 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को इसलिए मनाते है, ताकि लोगों को नींद की महत्ता के बारे में पता चल सके। एक शोध के जरिये ये बात सामने आई है, कि भारत में 20.3 प्रतिशत लोग नींद न आने की वजह से नींद की गोलियां खाते हैं। जिससे ये बात सामने आई की लोगो में नींद की समस्या बहुत है।
शोध के अनुसार
एक शोध के जरिये यह बात सामने आयी कि दुनियाभर में 10 करोड़ लोग स्लीप एप्निया यानी अच्छी नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी कंपनी फिलिप्स इंडिया लिमिटेड ने सर्वेक्षण के तहत, जब 13 देशों – अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड, फ्रांस, भारत, चीन, ऑस्टेलिया, कोलंबिया, अर्जेटीना, मेक्सिको, ब्राजील और जापान में 15,000 से अधिक वयस्कों से नींद के बारे में पूछा, तो कुछ रोचक बात सामने आयी, जैसे की –
नींद अभी भी प्राथमिकता नहीं
67 प्रतिशत लोगो ने जवाब में ये कहा की उनके लिए एक अच्छी नींद से ज्यादा व्यायाम जरूरी है, जबकि चिकित्सकों का मानना है, कि प्रतिदिन 6 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।
अच्छी नींद पाने के प्रयास
45 प्रतिशत वयस्कों ने ये कहा कि अच्छी नींद के लिए उन्होंने ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की।
युवा पीढ़ी की अलग सोच
18 से 24 आयु के जो लोग है , वो नींद को लेकर अलग ही सोचते है। आजकल की युवा पीढ़ी हर रात अधिक नींद लेते हैं, यानी 7.2 घंटे सोते हैं। इनकी तुलना में 25 वर्ष से अधिक के लोग 6.9 घंटे ही सोते हैं।
अच्छी नींद में बाधाएं
61 प्रतिशत लोगों का कहना था कि, उनके नींद न आने की वजह उनके खर्राटे है और जबकि 58 प्रतिशत लोगो का मानना है, की तनाव लेने की वजह से उनमे नींद की समस्या हो रही है।
खराब नींद का प्रभाव
अच्छी नींद न आने की वजह को दुनियाभर में 46 प्रतिशत वयस्क थकान और चिड़चिड़ा व्यवहार को जिम्मेदार मानते हैं।
पर्याप्त नींद न लेने से हो सकती हैं ये परेशानियां
थकान होना
रात में अच्छी नींद ना आने के कारण लोग सुबह उठने के बाद ताजगी महसूस नहीं कर पाते है, इसलिए रोज 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
ऊर्जा का अभाव
नींद पूरी न होने के कारण दिनभर आलस बना रहता है। जिसका असर पूरी तरह से आपके काम पर पड़ता है।
मूड में बदलाव
- पूरी रात अच्छी नींद न लेने की वजह से इसका असर पूरी तरह से दिमाग पर पड़ता है। चिड़चिड़ेपन और मिजाज में बदलाव भी अधूरी नींद के कारण आता है।
- जिन लोगो में नींद की समस्या होती है, उन लोगो को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है, जिस वजह से ये चिंता या अवसाद का शिकार हो जाते हैं।
दिमाग पर असर
पर्याप्त नींद न लेने के कारण किसी भी चीज पर पूरी तरह से ध्यान नहीं लग पाता। जिस वजह से याद्दाश्त भी कम होने लगती है।
दिल पर असर
कम नींद लेने से दिल पर भी असर होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, पर्याप्त नींद न लेने की वजह से हृदय संबंधित विकार होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है।
दर्द होना
- अधूरी नींद लेने वालों को बदन दर्द, सिरदर्द, थकान आदि की समस्या होने लगती है।
- इंसोमनिया से ग्रस्त लोगों को मांसपेशियों में भी दर्द की समस्या शुरू होने लगती है।
अच्छी नींद पाने के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स
- रोज रात को सोने से पहले तलवे पर सरसो के तेल की मालिश करे इससे अच्छी नींद आती है और दिमाग शांत रहता है।
- सोने से पहले अच्छी तरह अपने हाथ-पैर साफ कर लें। और साथ ही सोने की जगह भी साफ कर ले।
- सोने के वक़्त संगीत सुने या किताब पढ़े इससे भी अच्छी नींद आती है।
- अपने दिमाग को शांत करें और सकारातमक सोच के साथ सोये।
नींद न आने की समस्या हो, तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। नहीं तो बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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