यो-यो डाइटिंग को वेट साइकल भी कहते हैं, जिसके अन्तर्गत वज़न घटाने और बढ़ाने की प्रक्रिया को जारी रखा जाता है। अक्सर लोग इसे पाने के लिए खाना छोड़ते हैं, एक जैसी बोरिंग डाइड का अनुसरण करते हैं और फिर भूख लगने या कम कैलोरी लेने के कारण इसे बंद कर देते हैं।
इस तरह की डाइट को फॉलो करने से शरीर को कई कारणों से काफी नुकसान पहुंचता है। ऐसी डाइट या रूटीन वेट कम तो होता है लेकिन इससे बॉडी फैट के साथ-साथ मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचता है। ये अचानक से मेटाबॉलिक रेट को भी गिरा देती है और बहुत जल्द ही खाने की आदतों से ये असंतुलित हो जाती है।
यो -यो डाइटिंग के नुकसान ( SIDE EFFECTS OF YO-YO DIETING In Hindi)
दिल के मरीजों के लिए खतरा
दिल के मरीज अगर यो यो डाइट फालो करते हैं तो उनमें ये मौत को दावत देने जैसा जबकि सामान्य लोगों तक में वेट कम और बढ़ने से दिल के दौरे या स्ट्रोक के खतरे बढ़ जाते हैं। कई बार कार्टिसोल हार्मोन्स के गड़बड़ होने से ये परेशानी और बढ़ जाती है। वेट साइकल बायोलॉजिकल (जैविक) प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, जिससे कैंसर तक का खतरा बढ़ता है।
एसिडिटी और गैस बनना
लंबे समय तक भूखे रहने से धीरे-धीरे गैस और एसिडिटी की प्रॉब्लम शुरू हो जाती है जो लॉग टर्म पर माइग्रेन का कारण भी बन जाती है।
नींद की कमी
भूखे पेट रहने के कारण नींद में भी खलल पड़ती है। भूखा रहने से नींद नहीं आते और इससे अन्य और दिक्कतें शुरू हो जाती है। लंबे समय तक यह हालात रहे तो स्लीपिंग डिसऑर्डर भी हो जाता है।
रफ एंड ड्राई स्किन
क्रैश डाइटिंग आपकी हेल्थ के साथ ही आपके स्किन का भी हाल बुरा कर देती है। बैलेंस डाइट न होने और न्यूट्रीएंट्स की कमी से स्किन में रफनेस, डलनेस और ड्राइनेस हो जाता है।
तनाव और चिडचिडापन
भोजन की सही मात्र शरीर में ना पहुँच पाने से, शरीर में कर्बोहाइड्रेट और चीनी की खपत नहीं हो पाती, जिससे शरीर के अंदर सेरोटोनिन स्तर गिर जाता है और डिप्रेशन आने लागता है. यही हार्मोन ‘खुश’ हार्मोन होता है. शारीरिक कमजोरी और डिप्रेशन होने से दिमाग में अपने आप ही चिडचिडापन आने लगता है.
मोटापा कम करने के लिए डायटिंग अपनाया जाता है, जिसमे शरीर के आहार की बढ़ी हुई मात्रा को अचानक कम करने की या रोकने की कोशिश की जाती है, जिसके कारण शरीर के आंतरिक व बाह्य अंगों को अचानक धक्का लगता है जिसके कारण डायटिंग के फायदे कम और डायटिंग के नुकसान ज्यादा हो जाते है.
धीमा मेटाबोलिस्म
जब आप एक चरम डाइट पर हो तो आप कैलोरी की मात्रा काफी कम लेती हैं, जब आपके शरीर को ईंधन यानि कि खाद्य पदार्थ नहीं मिलेगा, तो ऐसे में आपका शरीर सही ढंग से काम नहीं कर पाएगा और आप सुस्त लगने लगेंगे। धीमे मेटाबोलिस्म के कारण कम खाना खाने से भी आपका वजन बढ़ सकता है।
पोषक तत्वों की कमी
एक बेहतरीन डाइट पर अगर आप रहना चाहते हैं तो ऐसे में आपको हर तरह के पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए, ताकि आप स्वस्थ और फिट रहें। अपनी डाइट में से कार्बोहाइड्रेट और फैट के सेवन को कम करने से आपको स्वास्थ्य से संबंधित कई तरह की समस्या हो सकती है।
लो ब्लड शूगर
अगर आप निश्चित रूप से डाइटिंग कर रहे हैं तो आप कार्बोहाइड्रेट खाने का सेवन नहीं कर रहे होंगे और ऐसे में आप कम से कम चीनी का सेवन करते होंगे । लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेट कितना जरूरी होता है। यह हमारे शरीर को एनर्जी देता है। इसका सेवन ना करने से हमारे शरीर में थकान और कमजोरी आ जाती है, जिस कारण हम कोई काम नहीं कर पाते हैं।
बाल झड़ना
डायटिंग से पोषक तत्वों में कमी आने और पर्याप्त प्रोटीन विटामिन ना मिलने से बालों की समस्या शुरू हो जाती और बाल अपने आप झड़ने लगते है. सिर पर गंजापन आने लगता है.
थकान
जब आप खाना नहीं खाते तो आपके शरीर को एनर्जी नहीं मिलती जिससे आप थकान महसूस करते हैं और चिड़चिड़ापन भी बढ़ जाता है। वहीं शरीर की एनर्जी की जरूरत को पूरा करने के लिए उसे खाना नहीं मिलता तो ब्लड शुगर लेवल भी कम होने लगता है।
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