प्रदूषित वातावरण में सांस लेने पर फेंफड़ों में टॉक्सिन्स एकत्रित हो जाते हैं जिससे गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती है। फेंफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों का प्रयोग कर सकते हैं। सांस लेने के लिए मानव शरीर का सबसे उपयोगी अंग उसके फेंफडें होते हैं। फेंफड़ों के माध्यम से साफ ऑक्सीजन शरीर में जाती है और कार्बन-डाइ-ऑक्साइड शरीर से बाहर निकलती है। प्रदूषित वातावरण में सांस लेने पर फेंफड़ों में टॉक्सिन्स एकत्रित हो जाते हैं जिससे गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती है।
प्रदूषण फेफड़ों को कैसे करता है प्रभावित
जिन लोगों को पहले से सांस की प्रॉब्लम होती है, उनके लिए वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इसके अलावा जो लोग लगातार केमिकल युक्त हवा में सांस लेते हैं, उनके अंदर यह गंदी हवा अंदर जाने से फेफड़े खराब होने शुरू होते हैं। उन्हें फेफड़ों से जुड़ी कई तरह की बीमारियों जैसे फेफड़ों का कैंसर, फेफड़ों का इंफेक्शन आदि होने की आशंका बढ़ जाती है।
किन लोगों को होता है ज्यादा खतरा
बड़े शहरों में फैक्टीरियों के नजदीक रहने वाले लोगों को फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां ज्यादा होती है। फैक्टीरियों को आस-पास रहने वाले लोगों में फेफड़ों के रोगों के कारण मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। जिन लोगों को पहले से अस्थमा की प्रॉब्लम होती है, उन्हें वायु प्रदूषण से बच कर रहना चाहिए।
घर में मौजूद प्रदूषण भी है फेफड़ों के लिए खतरनाक
सर्दियों में कमरे को गर्म करने वाला ईंधन भी फेफड़ों के लिए बहुत खतरनाक होता है। इससे फेफड़ों की प्रतिरक्षण क्षमता कमजोर हो जाती है। इसके अलावा धूम्रपान करना फेफड़ों को सबसे ज्यादा हानि पहुंचाता है। गर्मी के महीने में कुछ जगहों में ओजोन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
फेंफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए उपाय
एक्सरसाइज
रोजाना डीप ब्रीद योगा करने से आपको रिलैक्स होता है साथ ही श्वसन प्रणाली मजबूत होती है। इससे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम के साथ-साथ फेंफड़े भी स्वस्थ रहते हैं।
स्मोंकिग से बचें
आप स्मोकिंग नहीं करते हैं लेकिन आपके दोस्त आपके साथ स्मोकिंग करते हैं। इस स्मोकिंग को पैसिव स्मोकिंग कहते हैं जो कि फेंफड़ों के लिए उतनी ही हानिकारक होती है। इसलिए धूम्रपान से और धूम्रपान करने वालों से भी दूर रहें।
पानी
फेफड़ों की सेहत को दुरुस्त बनाए रखने के लिए पानी बेहद जरूरी होता है। पानी से फेफड़े हाइड्रेट (गीले) बने रहते हैं और फेफड़ों की गंदगी इसी गीलेपन की वजह से बाहर निकल पाती है और फेफड़े सेहतमंद बने रहते हैं। इसलिये गर्मी हो या ठंड पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिये।
पौष्टिक खाना खाएं
ऐसा माना जाता है कि ऐसा खाना जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं फेफड़ों के लिए फायदेमंद होता है। 2011 में की गई एक खोज से पता चला कि वह लोग जो फूलगोभी, ब्रॉकली, बंदगोभी खाते हैं उनमें फेफरों का कैंसर होने की सम्भावना उन लोगों से काफी कम होती है जो यह चीज़ें नहीं खाते। इन हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिसका फेफरों पर रक्षात्मक असर होता है।
घर को स्वच्छ रखें
वायु प्रदूषण सिर्फ बाहर होने वाली समस्या नहीं है। घर में भी कई चीजें हैं जैसे लकड़ी से जलने वाले स्टोव, अंगीठी, मोल्ड, मोमबत्तियां और एयर फ्रेशनर भी वायु प्रदूषण का कारण बन सकते हैं। इसलिए, यहां पर तीन तरह के उपाय जरूरी हैं, पहला स्रोत को हटाना, दूसरा वेंटिलेशन को बढ़ाना और तीसरा वायु को स्वच्छ रखने का बंदोबस्त करना।
अखरोट
अखरोट दिमाग के साथ-साथ फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और सांस संबंधी बीमारियों को ठीक करने के लिए लाभकारी होता है। अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत होता है इसलिए इसका सेवन फेफड़ों के लिए उपयोगी होता है।
ब्रोकली
ब्रोकली में विटामिन सी अत्यधिक मात्रा में होता है जो कि एक बेहद शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। ब्रोकली का सेवन करने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं इसलिए इसे अपनी डाइट में शामिल करें।
बेरी
बेरी में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं इसलिए इनका सेवन करने से फेफड़ों में टॉक्सिन्स जमा नहीं हो पाते और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
शहद
रोजाना सुबह एक चम्मच शहद का सेवन करें। एक दो महीने तक इसका सेवन करने से फेफड़ों के रोग दूर होते हैं और फेफड़े मजबूत बनते हैं।
मुनक्का
मुनक्का के ताजे और साफ 15 दाने रात में 150 मिलीलिटर पानी में भिगो दें। सुबह बीज निकालकर फेंक दें। गूदे को खूब अच्छी तरह चबा-चबाकर खायें। बचे हुए पानी को पी लें। एक महीने तक इसका सेवन करने से फेफड़े मजबूत होते हैं।
अंगूर
अंगूर फेफड़े के सभी प्रकार के रोगों को दूर रखता है। खांसी और दमे जैसी बीमारियों में अंगूर कासेवन बहुत फायदा पहुंचाता है। हां अगर आपको डायबिटीज है तो इसका अधिक सेवन न करें।
लहसुन
लहसुन को कफनाशक समझा जाता है। भोजन के बाद लहसुन का सेवन करने से छाती साफ रहती है और कई रोगों से रक्षा होती है।
मुलहठी
खांसी और खराश में मुलहठी के फायदे आप जानते ही हैं। यह फेफड़ों के लिए बहुत लाभदायक होती है। पान में डालकर मुलहठी का सेवन करने से कफ नाश होता है।
तुलसी
तुलसी के सूखे पत्ते, कत्था, कपूर और इलायची समान मात्रा में ले लीजिए। इसमें नौ गुना चीनी मिलाकर बराबर मात्रा में पीस लें। इस मिश्रण की चुटकी भर मात्रा दिन में दो बार खायें। इससे फेफड़ों में जमा कफ निकल जाता है।
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