गर्भावस्थ के दौरान मॉर्निंग सिकनेस महिलाओं को बहुत ज्यादा होती है। लेकिन हमें पता है कि आप इसे कैसे दूर कर सकते हैं, आपको इसके उपचार के लिए बहुत परेशान रहने की जरुरत नहीं है, गर्भावस्थ में एक महिला को अपना बहुत ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि उनके स्वास्थ्य के साथ होने वाले बच्चे का स्वास्थ्य भी जुड़ा होता है।
“महिलाओं के जीवन में गर्भवती होना उनके जीवन का एक एहम हिस्सा है, इसका मतलब यह नहीं है कि महिलाओं को इससे कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ता है। गर्भावस्थ के दौरान मॉर्निंग सिकनेस के आलावा भी महिला को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
गर्भावस्थ के दौरान होने वाली समस्या
- थकान होना
- पीठ में दर्द
- बहुत अधिक भूख लगना
- सोते समय बेचैनी होना
- बदन दर्द होना
- वजन बढ़ना
गर्भावस्थ में मॉर्निंग सिकनेस कितना समय तक रहती है?
यह समस्या आमतौर पर गर्भावस्था के पांचवें या छठे सप्ताह से शुरू होती है और तीसरे महीने की शुरुआत तक और खराब हो सकती है। इसके लक्षण आमतौर पर छटवे महीने की शुरुआत में गायब हो जाते हैं, लेकिन 15 से 20 प्रतिशत महिलाओं में ये समस्या लंबे समय तक रह सकती हैं।
गर्भावस्थ में मॉर्निंग सिकनेस को दूर भागने के उपचार
भोजन की मात्रा कम लेकिन पौष्टिक रखें
रात में ज्यादा खाना खाने की वजह से मॉर्निंग सिकनेस होने की संभावना अधिक होती है। ऐसा करने से उन्हें रात भर सोने में बेचैनी हो सकती है। ऐसा होने पर उन्हें सुबह के वक़्त उठने में काफी दिक्कत हो सकती है, जो उनके शरीर में मॉर्निंग सिकनेस का कारण बनती है। इसलिए आप यही कोशिश करें कि एक साथ ज्यादा खाना खाने से बचे थोड़ी थोड़ी देर में कुछ हल्का खाते रहें और ध्यान रहें की वह पौष्टिक होना चाहिए।
अदरक का सेवन करें
एक शोध से पता चला है कि अदरक पेट में होने वाली समस्याओं को कम करने में मदद करता है। यदि गर्भावस्थ के दौरान मॉर्निंग सिकनेस से बचना चाहते हैं, तो सुबह के वक़्त अदरक की चाय का सेवन करें इससे आपकी शरीर की थकान दूर होगी और आप खुद में ताजगी महसूस करेंगे।
शारीरिक और मानसिक रूप से एक्टिव रहें
जो महिलाएं खुद को शारीरिक रूप से एक्टिव रखतीं हैं उन महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस में कमी आती है। कई महिलाएं ऐसी हैं जो गर्भावस्था के दौरान मतली का अनुभव भी करती हैं। यदि वह खुद को किसी काम में व्यस्त रखेंगी तो इससे उनका ध्यान एक जगह केंद्रित रहेगा या वो किताबे भी पढ़ सकती हैं, टीवी देखें, शाम के समय बाहर टहलने जाए तो इससे भी वह मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को एक्टिव रख पाएंगी।
कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें
वसायुक्त और ज्यादा चिकनाई वाले भोजन से बचें, बहुत अधिक मीठा, अधिक मसालेदार वाले खाद्य पदार्थों से आपके पेट में गैस बन सकती है। ये एक गर्भवती महिला के स्वास्थ्य को और भी खराब करता है इन सभी चीजों के सेवन से उनके शरीर में वजन और सिकनेस की स्थिति पैदा होती है। गर्भावस्थ के दौरान उच्च प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट कम वसा वाले खाद्य पदार्थ जैसे नट्स, ओट्स और अनाज का सेवन से मतली की संभावना भी कम होती है।
विटामिन बी 6 की कमी ना होने दें
किसी भी तरह का सप्लीमेंट लेने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें, बिना उनकी सलाह के गर्भावस्थ के दौरान मॉर्निंग सिकनेस को दूर करने के लिए कोई दवाई ना खाएं। ऐसे खाद्य सेवन करें जिनमें भरपूर मात्रा में विटामिन बी 6 हो ये मतली की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान आपका अधिक मात्रा में आयरन की खुराक लेना कभी-कभी मतली का कारण बन सकती है।
अरोमाथेरेपी का इस्तेमाल करें
आप अपनी जी मिचलाने की समस्या को दूर करने के लिए पीपर मिंट, नींबू पानी या नारंगी का सेवन करें, इससे मतली नहीं आएगी। आप नाक से कपूर को सूंघे इससे आपको काफी ताजगी महसूस होगी, अरोमाथेरेपी इसी को कहा जाता है।
ज्यादा समय तक कंप्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल ना करें
लैपटॉप और कंप्यूटर का बहुत अधिक इस्तेमाल आपके दिमाग को पूरी तरह से थका सकता है। ये मॉर्निंग सिकनेस का कारण बनता है। यदि कंप्यूटर का उपयोग करने से बचना संभव नहीं है, तो उस समय फोंट को बोल्ड और बड़ा करके काम करें क्योंकि इससे आपकी आँखों पर ज्यादा जोर नहीं पड़ेगा। यह आँखों के तनाव को कम करने में मदद करेगा।
गर्भावस्थ के दौरान मॉर्निग सिकनेस को कम करने के लिए आप इन उपायों को कर सकती हैं यदि आपको गर्भावस्थ से जुड़ी और कोई समस्या है तो ऐसे में आप हमारे डॉक्टर से सलाह लें सकते हैं और अपनी स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का समाधान पा सकते हैं।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।