भारतीय पुरुषों में ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह तंबाकू उत्पादों का सेवन है। आमतौर पर जब लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, तो उन्हें छोटी-मोटी परेशानियां होती हैं, जिन्हें वे नजरअंदाज कर देते हैं। ज्यादातर ओरल कैंसर का पता चौथी स्टेज में जाकर चलता है, जिससे कि इलाज में बहुत मुश्किल आती है। चौथी स्टेज में कैंसर के इलाज के लिए कई बार व्यक्ति के जबड़ों को भी निकालना पड़ता है। इसके साथ ही यह इलाज इतना मंहगा है, कि भारत में ज्यादातर व्यक्ति इलाज के अभाव में ही दम तोड़ देते हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (एनसीआरपी) के डेटा के मुताबिक, 2017 में भारत के चार बीमारू राज्यों-बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ओरल कैंसर के 15.17 लाख मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 12.5 लाख मामले दर्ज किए गए हैं। कैंसर दुनियाभर में मौत का सबसे प्रमुख कारण है और 2008 में इसकी वजह से 76 लाख मौतें (सभी मौतों में लगभग 13 फीसदी) हुई थीं। 2030 में दुनियाभर में कैंसर की वजह से करीब 1.31 करोड़ मौतों की आशंका जताई गई है।
कैसे बढ़ता है ओरल कैंसर
जब आप लंबे समय तक तंबाकू का सेवन करते हैं, तो आपके मुंह में छोटी-मोटी तकलीफें शुरू हो जाती हैं। धीरे-धीरे ओरल कैविटी में अल्सर पनपने लगता है। इसके बाद मुंह में छोटे-बड़े कई घाव हो जाते हैं, जिनमें से रक्त निकलता है और असहनीय दर्द होता है। इस स्टेज पर आकर अगर आप तंबाकू छोड़ भी देते हैं, तो कैंसर इस हद तक फैल चुका होता है कि बचाव करना मुश्किल हो जाता है। अक्सर भूख का अहसास मिटाने के लिए तंबाकू चबाने की आदत पड़ जाती है और कई बार लोगों को इसका स्वाद भी पसंद आ जाता है जो जल्द ही लत बन जाती है।
ओरल कैंसर के लक्षण
- बिना किसी कारण नियमित बुखार आना।
- गर्दन में किसी प्रकार की गांठ का होना।
- ओरल कैंसर के कारण बिना कारण वजन का कम होता रहता है।
- मुंह में हो रहे छाले या घाव जो कि भर ना रहे हों।
- जबड़ों से रक्त का आना या जबड़ों में सूजन होना।
- मुंह का कोई ऐसा क्षेत्र जिसका रंग बदल रहा हो।
- गालों में लम्बे समय तक रहने वाली गांठ।
- बिना किसी कारण लम्बे समय तक गले में सूजन होना।
- मरीज की आवाज में बदलाव होना।
- चबाने या निगलने में परेशानी होना।
- जबड़े या होठों को घुमाने में परेशानी होना।
- अनायास ही दांतों का गिरना।
- दांत या जबड़ों के आसपास तेज दर्द होना।
- मुंह में किसी प्रकार की जलन या दर्द।
- ऐसा महसूस करना कि आपके गले में कुछ फंसा हुआ है।
- ओरल सेक्स को भी ओरल कैंसर का एक कारण माना जाता है।
ओरल कैंसर से बचने के उपाय
तम्बाकू का उपयोग: अगर आप किसी भी प्रकार की तम्बाकू, सिगरेट, पाइप्स या कपूरी, गुटखा आदि का सेवन करते है तो इससे जल्दी से दूरी बना लें। डॉक्टर्स के अनुसार, ये सभी नशीले पदार्थ ओरल कैंसर के लिए सबसे बड़े कारण होते है।
शराब का सेवन: शराब का सेवन करने से शरीर में कई प्रकार की समस्याएं होती है, साथ ही साथ ओरल कैंसर होने का खतरा भी चार गुना हो जाता है, क्योंकि मुंह एल्कोहल की वजह से घायल हो जाता है और उसमें घाव बढ़ता जाता है।
सूर्य की अधिक रोशनी: माना जाता है कि सूर्य का अत्यधिक प्रकाश भी ओरल कैंसर का कारण हो सकता है, क्योंकि सूर्य के प्रकाश में अल्ट्रावॉयलेट रे ज्यादा होती है जो ओंठ के कैंसर को कर देती है। स्कीन कैंसर भी इसी कारण से हो सकता है।
मुंह की सही देखभाल करें: अगर आपके मुंह में छाले हैं या कोई घाव हो गया हों, तो उसे इग्नोर न करें, समय रहते डॉक्टर के पास जाएं और जांच करवाकर इलाज लें। अपने दांतों, ओठों और जीभ को साफ रखें।
नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करें, इससे आपकी इम्यूनिटी पॉवर में वृद्धि होगी और कोशिकाओं में अनियमति वृद्धि नहीं होगी।
स्वास्थ्यवर्धक भोजन लें: हेल्दी डाइट लें। हरी सब्जी, दूध, दही और फल खूब खाएं। ग्रीन टी पिएं, इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है। नियमित भोजन करें।
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