क्यों होता है लिवर ख़राब ? जाने लिवर ट्रांसप्लांट डोनर से जुड़ी आवश्यक जानकारी

लिवर हमारे शरीर का सबसे मुख्‍य अंग है, अगर आपका लीवर ठीक से काम नहीं कर पा रहा है, तो आपके लिए यह बहुत नुकसानदेह हो सकता है । और इस वजह से आपको लिवर ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत भी पड़ सकती है।

 

लिवर के खराब होने के लक्षणों को अनदेखा करना बहुत ही मुश्‍किल है, पर फिर भी हम जाने अंजाने में अनदेखा कर ही देते हैं। बहुत लोगो का सोचना है कि, सिर्फ शराब पीने से ही लिवर खराब हो सकता है। पर जो लोग ऐसा सोचते हैं कि वे शराब नहीं पीते और उनका लिवर कभी खराब नहीं हो सकता तो, वे बिल्‍कुल गलत हैं।

 

क्यों होता है लिवर ख़राब

 

अक्सर शराब पीना

 

अधिक मात्रा में शराब पीना लिवर के लिए खतरा हो सकता है। ज्यादा शराब पीने से पहले लिवर में सूजन हो जाती है , फिर यह संकुचित होता है। और फिर कार्य करने योग्य नहीं रहता। शराब लिवर के लिए ज़हर का काम करता है।

 

अक्सर अधिक मात्रा में शराब पीने वाले लोगों का लिवर फेल हो ही जाता है। इसलिए अगर आप शराब पीते हैं तो बहुत कम मात्रा में इसका सेवन करे।

 

मोटापा भी है लिवर के लिए खतरा

 

मोटापा लिवर के लिए नुकसानदायक होता है।

 

फैटी लीवर होने से हार्ट और कैंसर का भी खतरा बढ़ने लगता है। इसलिए अपने खान-पान और एक्सरसाइज पर ध्यान दें।

 

ज्यादा प्रोटीन भी हो सकता है नुकसानदेह

 

शोध का कहना हैं, अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह होता है । अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन करने से लिवर से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है। इसलिए अच्छा होगा कि मीट और अंडे के साथ सब्जियां और स्टार्च से भरपूर आहार भी लें।

 

सिगरेट के धुए से हो सकता है लिवर खराब

 

सिगरेट के धुए में पाए जाने वाले जहरीले केमिकल्स आपके लीवर तक पहुँच कर आपके लीवर सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका लीवर स्वस्थ रहे तो सिगरेट पीने की आदत को छोड़ दें।

 

नींद की कमी लीवर पर भारी

 

नींद की कमी आपके लीवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। लीवर के साथ साथ अपने शरीर के अन्य अंगों को ठीक रखने के लिए हमें 8 घंटे की नींद लेना जरूरी होता है।

 

दवाओं का अधिक इस्तेमाल

 

दवाओं का अधिक इस्तेमाल आपके लीवर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अक्सर लोगों को छोटे मोटे दर्द में बिना डॉक्टर की सलाह लिए पेन किलर खाने की आदत होती है, जो की आपके लीवर और किडनी को नुकसान पंहुचा सकती है।

 

लिवर ख़राब होने के लक्षण

 

  • लिवर में खराबी होने पर बाइल (पित्त ) एंजाइम मुंह तक आ जाना,

 

  • हर समय घबराहट व उल्टी की शिकायत रहना,

 

 

  • हर समय आलस महसूस होना,

 

  • किसी काम में मन न लगना और हर समय नींद आना,

 

  • चीजों को भूलना,

 

लिवर ट्रांसप्लांट क्या है?

लिवर हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है , जो खाद्य पदार्थों को पचाने और शरीर से जहरीले उत्पादों से छुटकारा पाने के लिए ज़रूरी है।

 

लिवर ट्रांसप्लांट में खराब लिवर को सर्जरी द्वारा निकाल दिया जाता है। इसके बाद उसके स्थान पर फिर से स्वथ्य लिवर या स्वथ्य लिवर का आधा भाग मरीज को ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है।

 

लिवर ट्रांसप्लांट के लिए, लिवर, जीवित या मृत डोनर से लिया जा सकता है। लिवर खराब होने के बाद लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपाय होता है।

 

किसे होती है जरूरत लिवर ट्रांसप्लांट की 

 

हेपेटाइटिस और सोरायसिस के कारण खराब हो चुके लिवर के रोगियों को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। इससे इन रोगियों को नया जीवन मिल सकता है।

 

लिवर शरीर के हानिकारक पदार्थों के डी-टॉक्सीफिकेशन के लिए जिम्मेदार होता है। लिवर ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता उन मरीजों को होती है, जिनका लिवर खराब हो चुका हो या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया हो। ज्यादातर लिवर , मृत व्यक्ति से प्राप्त किए जाते हैं। लेकिन एक स्वथ्य व्यक्ति भी आधा लिवर दान कर सकता है।

 

कौन कर सकता है लिवर ट्रांसप्लांट

 

लिवर ट्रांसप्लांट रोगी में दो तरह से किया जा सकता है।

 

  • पहला परिवार के किसी सदस्य द्वारा लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट से।

 

  • दूसरा (ऑर्थोटॉपिक ट्रांसप्लांट या स्पिलिट डोनेशन द्वारा) किसी ऐसे व्यक्ति से जिसका ब्रेन डेड हो चुका हो। इस प्रक्रिया में मृत व्यक्ति के लिवर को दो भागों में बांटकर बड़ा हिस्सा किसी वयस्क व्यक्ति को और छोटा हिस्सा किसी बच्चे को देकर दो जीवन बचाए जा सकते हैं।

 

लिवर ट्रांसप्लांट, लिवर निकालने के 6 घंटे के अंदर होना आवश्यक होता है।

 

लिवर डोनेशन में इन चीजों का ध्यान रखें

 

 

  • डोनर एकदम स्वथ्य होना चाहिए ,

 

  • मरीज का और डोनर का ब्लडग्रुप समान हो ,

 

  • 18-60 के बीच डोनर का उम्र होना चाहिए ,

 

  • डोनर और मरीज के लिवर का आकार सामान हो ,

 

  • डोनर अगर जीवित है तो डॉक्टर द्वारा बताए गए सारे परीक्षण भी करना चाहिए ,

 

लिवर डोनेशन के बाद इस तरह रखें खुद का ख्याल 

 

  • अगर आप आधा लिवर दान करते है तो उसके बाद आपको कुछ दिनों तक देखभाल की आवश्यकता होती है।

 

  • सर्जरी के बाद संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी हो जाता है। इससे आप जल्दी रिकवर कर सकते हैं।

 

  • लिवर डोनेशन के बाद भोजन के प्रति लापरवाही आपके वजन, उच्च रक्तचाप और शर्करा एंव कोलेस्टॉल को बढ़ा सकती है, जो ट्रांसप्लांट किए गए अंग के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। इसलिए आपको डॉक्टर से सलाह और चेकअप कराते रहना चाहिए।

 

  • मरीज को किसी अंग के खराब हो जाने या अन्य किसी बीमारी की वजह से लिवर ट्रांसप्लांट कराने  की जरुरत पड़ती है।

 

  • लिवर ट्रांसप्लांट ,  ब्रेन डेड और जीवित दोनों ही स्थितियों में डोनेट किया जा सकता है।

 

लीवर को स्वास्थ्य रखने के लिए इन चीजों का करे सेवन 

 

भोजन में अधिक से अधिक हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए, जैसे –

 

  • पालक,

 

  • ब्रोकली,

 

  • पत्तगोभी,

 

  • लहसुन

 

  • सरसों,

 

  • मूली के साथ ही अंकुरित मूंग,

 

  • गेहूं आदि का भी प्रयोग किया जा सकता है,

 

  • भोजन में हमें अदरक का भी प्रयोग नियमित रूप से करना चाहिए।

 

अगर आप शराब नहीं पीते हैं, और समय पर भोजन करने की आदत नहीं है, तो भी सतर्क हो जाएं। इस वजह से भी लिवर पूरी तरह डैमेज हो सकता है।

 

लिवर ट्रांसप्लांट के बाद रोगियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है। और उनके खान-पान का भी ख़ास ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। मरीजों को संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेते रहना चाहिए , जिससे परेशानियों का सामना न करना पड़े और आप स्वस्थ भी रहेंगे।

 


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