साइटिका दर्द असहनीय होता है। कमर से संबंधित नसों में से अगर किसी एक में भी सूजन आ जाए तो पूरे पैर में असहनीय दर्द होने लगता है, जिसे साइटिका कहा जाता है। यह दर्द रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर टांगों के निचले हिस्से तक जाता है।
साइटिका दर्द के सामान्य लक्षण यह है की कुछ मरीजों को छींकते, खांसते और हंसते समय दर्द होने लगता है। और कुछ लोगों को लगातार खड़े होने, झुकते समय या बैठे रहने के भी वजह से भी दर्द होता है। अगर आपको लंबे समय तक कमर, बैक या टांगों के अकड़ने की समस्या हो या फिर मूत्र अथवा शौच की दिक्कत हो तो आपको तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये।
क्यों होता साइटिका का दर्द
- इसका मुख्य कारण सायटिक नर्व होती है। यह वह नर्व है जो रीढ़ के निचले भाग से निकलकर घुटने के पीछे की ओर से होती हुई पैर की ओर जाती है। जब शरीर को देर तक एक ही स्थिति में रखा जाता है तो सायटिका का दर्द बढ़ जाता है। यह दर्द असहनीय होता है।
- अकसर यह समस्या उन लोगों में होती है जो बहुत समय तक एक ही जगह पर बैठ कर काम करते हैं या बहुत अधिक चलते हैं।
- अत्यधिक मोटर साइकिल और स्कूटर चलाने से भी सायटिक नर्व पर दबाव पड़ता है।
- यह समस्या ज्यादातर व्यस्को में ही देखी जाती है। लेकिन आजकल मोटापे के कारण युवा भी इसका शिकार बन रहे हैं। और यह बीमारी बरसात या ठंड के मौसम में ज्यादा होती है।
- स्पाइनल कैनाल का पतला होना भी साइटिका दर्द होने का मुख्या कारण है।
साइटिका दर्द होने के लक्षण
- कमर में दर्द होना ,
- हड्डियों में अचानक से अहसनीय दर्द होना ,
- दर्द की जगह पर सुन्न पड़ जाना,
- बैठते और लेटते समय दर्द का होना,
- कूल्हे से लेकर पैर तक लगातार पैर दर्द का होना ,
- पेर्रों, अंगूठे , और उँगलियों में दर्द के साथ-साथ सुन्न पैन का अहसास होना ,
- पेर्रोंके पिछले भाग में सिर्फ एक तरफ दर्द होना।
साइटिका अधिकतर उन लोगों में जल्दी होता है, जो एक जगह पर बैठकर लंबे समय तक काम करते हैं। जैसे कि आजकल कंप्यूटर आईटी जॉब्स और सिटिंग्स जॉब्स वालों को इसका सामना करना पड़ रहा है।
साइटिका के दर्द से बचने के लिए करे योगासन
भुजंगासन
अगर इस योग को सही तरह से अभ्यास किया जाए तो साइटिका जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है।
मकरासन
मकरासन करने से कमर दर्द, साइटिका, पीठ दर्द, सर्वाइकल जैसी समस्या में आराम मिलता है।
मत्स्यासन
यह आपके रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और कमर, गठिया और साइटिका दर्द से आपको आराम दिलाता है।
वायुमुद्रा
अपने हाथ की तर्जनी उंगली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगाने से वायु मुद्रा बन जाती है।इस मुद्रा को करने से गठिया, साइटिका, गैस का दर्द और लकवा आदि रोग दूर होते हैं।
वज्रासन
वज्रासन एकमात्र ऐसा आसन हैं, जिसमें आप अपनी रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से पर ध्यान आसानी से केन्द्रित कर सकते हैं।
साइटिका के दर्द से बचने के लिए आपको इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए
- घर, ऑफिस या किसी भी जगह पर बहुत देर तक नहीं बैठना चाहिए ,
- अपनी पीठ पर झुककर बहुत भारी सामान नहीं उठाना चाहिए ,
- अगर आपको कुर्सी पर देर तक बैठना पड़ता है तो कमर के पास एक तकिया लगा सकते हैं ,
- अपने खान-पान पर ध्यान दें और सर्दियों में गर्म कपड़े पहनें और रोज थोड़ी देर बॉडी जरूर स्ट्रेच करें ,
- दर्द होते समय ज्यादा काम न करे ,
- ज्यादा मुलायम गद्दे पर न सोये ,
- गर्म पानी के थैली से दर्द वाली जगह पर सिकाई करे ,
- कोई भी भारी सामन न उठाये ,
- वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करे।
साइटिका के दर्द से बचने के लिए अपनाएं ये घरेलु नुस्ख़े
फ्रोजन मटर की सिंकाई
- साइटिका के दर्द से बचने के लिए सिंकाई के जरिये से भी राहत मिल सकती है। इसके लिए जमे हुए मटर को तौलिये या मोटे कपड़े में लपेट लें और इसे दर्द वाली जगह पर और साइटिका नसों के आसपास 15 मिनट के लिए रख दें।
- नसों में सूजन को कम करने के लिए सिंकाई करने के तुरंत बाद उसी जगह गर्म चीज से सिंकाई करें या गुनगुने पानी से स्नान कर लें। इससे नसों की सूजन ठीक हो जाएगी और दर्द में भी बहुत राहत मिलेगी।
सेंधा नमक
- शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन को कम करने के लिए सेंधा नमक का प्रयोग पुराने समय से किया जाता रहा है। साइटिका के दर्द से राहत पाने के लिए आप गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर इससे स्नान कर सकते हैं।
- इसके अलावा आप चाहें तो गर्म पानी में सेंधा नमक मिला लें और फिर उसमें तौलिये को भिगाकर उससे सिंकाई करें। इससे सूजन और दर्द दोनों में राहत मिलेगी।
तेल की मालिश
सरसों, तिल या जैतून के तेल में दो-तीन टुकड़े तेजपत्तों के और दो-तीन कली लहसुन डालकर इसे भून लें। अब इस तेल को दर्द वाली जगह पर और कमर पर गुनगुना ही मलें और नसों को दबाएं। इससे आपका दर्द ठीक हो जाएगा और सूजन भी खत्म हो जाएगी।
मेथी के बीज
साइटिका की समस्या होने पर सुबह बासी मुंह एक चम्म्च मेथीदाना पानी के साथ निगल लें। इसके अलावा करीब 1 ग्राम मेथी दाना पाउडर और सौंठ पाउडर को मिलाकर गर्म पानी के साथ दिन में दो-तीन बार लेने से लाभ होता है।
अजवाइन
यह साइटिका में होने वाले दर्द, तकलीफ और सूजन को कम करने में मदद करता है।
हरसिंगार
- इसके पत्तों का सबसे अच्छा उपयोग सायटिका रोग को दूर करने में किया जाता है।
- औषधि बनाने के लिए हरसिंगार के ढाई सौ ग्राम पत्ते साफ करके एक लीटर पानी में उबालें। जब पानी लगभग 700 मिली बच जाये तब इसे ठंडा करके छान लें। फिर इसमें 1-2 केसर मिला लें। इस पानी को दो बड़ी बोतलों में भरकर रोज सुबह-शाम एक कप इसे पिएं। ऐसी चार बोतलें पीने से सायटिका रोग जड़ से चला जाता है।
साइटिका दर्द से बचने के लिए आपको नियमित फिजियोथेरेपी, सही तरीके से उठना-बैठना, कसरत और सिंकाई यह सबकुछ डॉक्टर की देखरेख में करना चाहिए। अगर आप डॉक्टर की सलाह लेते रहेंगे तो, छह से बारह हफ्तों में इस दर्द से आपको राहत मिल सकती है ।
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