वैरिसेला वैक्सीन (चिकनपॉक्स) – जाने इसके लक्षण और इससे बचने के उपाय

वैरिसेला वैक्सीन क्या है?

 

चिकनपॉक्स, जिसे वैरिकाला भी कहा जाता है। यह अक्सर बच्चों को प्रभावित करता है। यह वैरिकाला जोस्टर नाम के वायरस से होती है , जिसे आम भाषा में छोटी माता और चिकन पॉक्स भी कहा जाता है , जिसके होने से व्यक्ति के शरीर में काले धब्बे पड़ जाते है और बहुत ही ज्यादा जलन और दर्द होता है | यह एक संक्रामक बीमारी है , जो की एक इंसान से दूसरे इंसान में आसानी से फ़ैल जाता है | इस दौरान इंसान के शरीर में बुखार और दर्द दोनों बने रहते है | चिकनपॉक्स का संक्रमण एक से अधिक बार होना बहुत नुकसानदेह होता है।

 

यह समस्या गर्मियों और बरसात में ज्यादा होती है। ज्यादातर , ये रोग खांसने, छींकने, छूने या रोगी के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। अगर इस बीमारी को नियंत्रित नहीं किया जाये , तो दिमाग और लिवर तक इसका असर पहुंच सकता है , जो की बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। और इसके साथ-साथ और भी कई बीमारियों के होने की संभावना हो सकती है ।

 

वैरिकाला वैक्सीन के प्रकार

 

वैरिकाला वैक्सीन के दो प्रकार होते हैं:

 

1. वरिवक्ष (Varivax)

 

इसमें केवल वैरिकाला वैक्सीन होता है। जो की , 12 महीने और उससे अधिक उम्र के बच्चों, किशोरों और वयस्कों में उपयोग के लिए होते है। यह बच्चों को उनकी दिनचर्या के लिए चिकनपॉक्स वैक्सीन की दो खुराक 12 महीने में 15 महीने की उम्र में और 4 को 6 साल की उम्र में दी जा सकती है।

 

2. प्रोकैड (ProQuad)

 

इसमें खसरा, कण्ठमाला, रूबेला और वैरिकाला वैक्सीन (चिकनपॉक्स) के टीकों का मिश्रण होता है, जिसे MMRV भी कहा जाता है , यह
केवल 12 साल से 12 महीने के बच्चों में उपयोग के लिए होता है।

 

वैरिकाला वैक्सीन के लक्षण

 

  • शुरुआत से पहले पैरों और पीठ में पीड़ा और शरीर में हल्का बुखार का होना,

 

  • हल्की खांसी,

 

 

  • सर में दर्द,

 

  • थकावट,

 

  • उल्टियां,

 

24 घंटों के अन्दर पेट या पीठ और चेहरे पर लाल खुजलीदार फुंसियों का आना, जो बाद में पूरे शरीर में फैल जाती हैं , जैसे कि
सर पर, मुहं में, नाक में, कानों और गुप्तांगो पर भी।

 

आरम्भ में तो यह फुंसियां दानों और किसी कीड़े के डंक की तरह लगती हैं, पर धीरे धीरे यह तरल पदार्थ युक्त पतली झिल्ली वाले फफोलों में परिवर्तित हो जाती हैं।

 

वैरिकाला वैक्सीन (चिकनपॉक्स) के फफोले एक इंच चौड़े हो सकते हैं और उनका तल लाल किस्म के रंग का होता है और 2 से 4 दिनों में पूरे शरीर में तेज़ी से फैल जाते हैं।

 

प्रेगनेंसी में चिकनपॉक्स है खतरनाक 

 

महिला को वैरिकाला वैक्सीन (चिकनपॉक्स) होने पर गर्भावस्था के समय नवजात शिशु में 70 प्रतिशत खतरा बढ़ जाता है। जो लोग कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले होते है , यह वायरस आसानी से उन्हें भी शिकार बना लेता है, इसलिए गर्भ ठहरने के 14 हफ्ते के बाद दी गई पावर बूस्टर डोज को वैरिकाला वायरस के बचाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

 

बच्चों में चिकनपॉक्स

 

डॉक्टर सलाह देते हैं कि , वैरिकाला वैक्सीन (चिकनपॉक्स) से बचने के लिये 12 से 15 महीनों की उम्र के बीच बच्चों को चिकनपॉक्स का टीका, और 4 से 6 वर्ष की उम्र के बीच बूस्टर टीका लगवा लेना चाहिये।

 

यह टीका वैरिकाला वैक्सीन के हल्के संक्रमण को रोकने के लिये और गंभीर रूप से संक्रमण को रोकने के लिये होता है। लेकिन कुछ बच्चों ने टीका लगवा लिया होता हैं फिर भी उनमे इस रोग से ग्रसित होने के लक्षण होते हैं।

 

वैरिसेला वैक्सीन का इलाज कैसे करें?

 

चिकनपॉक्स का कोई इलाज नहीं है। लेकिन इसके लक्षणों से छुटकारा पाने और खुजली वाली त्वचा को ठीक करने के लिए कुछ तरीके ज़रूर अपना सकते हैं , जैसे की –

जौं  का आटा 

 

कई लोग जौं के आटे का पेस्ट लगाकर या संभव हो तो इसमें नहाकर इसका इस्तेामल करते हैं। जो वैरिकाला वैक्सीन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार होती है.

 

नीम की पतियाँ

 

नीम की पतियाँ से मरीज़ को हल्के से हवा करना भी एक तरीका है। इस पत्तियों को हल्के से मरीज़ के शरीर को छुआने से खुजली में राहत मिलती है। त्वचा को न रगड़कर और अपने नाखून छोटे रखकर भी आप त्वचा के संक्रमणों से बच सकते हैं।

 

यह वैरिकाला वैक्सीन का सबसे बढ़िया और सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला इलाज है। नीम की पत्तियों को हलके से पानी में पीसकर इसका पेस्ट बना ले और इसे दाग वाली जगह में लगायें जिससे दाग दूर होगे | इसके अलावा नीम की पत्तियों को पानी में भिगो दे और एक घंटे बाद उसी पानी से नहायें जिससे इन्फेक्शन दूर होगा |

 

चंदन का तेल 

 

यह  तेल ठंडा होता है और  दाग धब्बे को भी मिटाता है और इसे शरीर में लगाने से ठंडक मिलती  है | जिस जगह दाग है वहां चन्दन का तेल लगायें जिससे आपको वैरिकाला वैक्सीन (चिकेनपॉक्स) में आराम मिलेगा |

 

शहद

शहद में एंटी बायोटिक गुण पाए जाते है , जो की शरीर में मौजूद किसी भी संक्रमण को मिटाने में सहायक होते है | वैरिकाला वैक्सीन से पीड़ित व्यक्ति को दिन में तीन बार एक एक चम्मच शहद खानी चाहिए , जिससे संक्रमण दूर होता है और इस समस्या  में आराम मिलता है |

 

स्वस्थ बच्चों में, वैरिकाला वैक्सीन (चिकनपॉक्स) को आमतौर पर चिकित्सा उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। डॉक्टर , आपको खुजली से राहत देने के लिए एंटीहिस्टामाइन का सुझाव दे सकता है। उन लोगों के लिए जो चिकनपॉक्स से जटिलताओं के उच्च जोखिम में होते हैं, डॉक्टर कभी-कभी संक्रमण की लंबाई कम करने और जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए दवाओं का सुझाव देते हैं। इसलिए कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर ले।


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।