नवजात शिशु की देखभाल के लिए आसान टिप्स !

एक नवजात शिशु बहुत ही नाजुक होता और उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर होती है। जिस वजह से छोटे बच्चो में संक्रमण का खतरा भी ज्‍यादा होता है। ऐसे में शिशु को खास देखभाल की जरूरत होती है।

 

नवजात शिशु की देखभाल

 

नवजात शिशु की देखभाल करना स्पष्ट रूप से एक चुनौती है । तो, यहाँ दस तरीके दिए गए हैं जो आपको नवजात शिशु की देखभाल करने में सहायता करेंगे:

 

फीडिंग

 

बच्चे को समय पर खिलाना बहुत महत्वपूर्ण है। एक नवजात शिशु को हर 2 से 3 घंटे में खाना खिलाया जाना चाहिए, जिसका मतलब है कि आपको 24 घंटों में उसे 8-12 बार खिलाने की आवश्यकता है। शिशु को 6 महीनों तक केवल माँ का दूध पिलाना चाहिए। माँ के दूध में महत्वपूर्ण पोषक तत्व और एंटीबॉडी होते हैं, जो बच्चे के अस्तित्व और विकास के लिए आवश्यक होते हैं। और बच्चे को कई बीमारियों से बचने की शक्ति भी देता है।

 

शिशु को डकार दिलवाए

 

बच्चे को खाना खिलाने के बाद उसे पचाने की जरूरत होती है। शिशुओं को भोजन करते समय उनके पेट में गैस हो जाती है। इसलिए शिशु को दूध पीने के बाद डकार सही तरीके से दिलवानी की जरूरी होता है। नहीं तो उनके पेट में दर्द हो सकता है।

 

नवजात शिशु को कैसे पकडे

 

यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है, कि आप अपने बच्चे के सिर और गर्दन को एक हाथ से पकड़ते हुए बहुत ध्यान रखे। क्योंकि, नवजात शिशु बहुत नाजुक होते हैं। उनके गर्दन की मांसपेशियां मजबूत नहीं होती हैं, कि उनके सिर को कैसे भी पकड़ सके। इसलिए नवजात शिशु की देखभाल करते हुए उनके सिर और गर्दन पर ध्यान दें।

 

मालिश

 

  • नवजात शिशु की मालिश बहुत ही सावधानीपूर्ण करनी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों का शारीरिक विकास होता है और उनकी हड्डियां मजबूत बनती हैं। और यह उन्हें सोने के लिए और रक्त परिसंचरण और पाचन में सुधार करने में मदद करता है। अपने हाथों पर थोड़ी मात्रा में बेबी ऑयल या लोशन लगाएं। इसके बाद, धीरे से उसके शरीर पर हाथ फेरें। शिशु के साथ आंखों का संपर्क बनाए रखें और जब उसके शरीर की मालिश करें तो उससे बात करें। बच्चे की मालिश उसके स्नान से पहले करे।

 

  • मालिश के लिए जैतून का तेल, बादाम का तेल या बेबी ऑयल का इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा।

 

नहाना

 

  • नवजात शिशु को नहलाना एक नाजुक काम है। कॉर्ड स्टंप (Chord stumps) सूखने के बाद आपको हफ्ते में 2 से 3 बार बच्चे को नहलाना शुरू कर देना चाहिए। सुनिश्चित करें कि बच्चे को स्नान के लिए ले जाने से पहले सभी स्नान कराने की चीजे तैयार हैं या नहीं ।

 

  • सोने से ठीक पहले शिशु को स्नान कराये। शिशु को नहलाने से बाद आपको शिशु बाथटब, गुनगुना पानी, माइल्ड बेबी सोप या बॉडी वॉश, वॉशक्लॉथ, सॉफ्ट टॉवल, बेबी लोशन या क्रीम, डायपर और बच्चे के कपड़ों की आवश्यकता होगी।

 

  • बच्चे को नहलाने के लिए अपने साथी या परिवार के किसी सदस्य की मदद जरूर लें, ताकि एक व्यक्ति बच्चे की गर्दन और सिर को पानी के ऊपर रख सके जबकि दूसरा, बच्चे को नहला सके। साबुन का संयम से उपयोग करें। अपने बच्चे के शरीर को गुनगुने पानी से स्नान कराये। एक बार यह हो जाने के बाद, बच्चे के शरीर को एक नरम तौलिया से सुखाएं, लोशन लगाएं और डायपर और साफ़ कपड़े बच्चे को पहनाये।

 

समय पर टीकाकरण जरूरी

 

बच्चे को सही समय पर सभी टीके लगवा लेने चाहिए। अगर अस्पताल में प्रसव हुआ है, तो वहीं पर आपको टीकाकरण लगवा लेना चाहिए। अगर प्रसव अस्पताल में नहीं हुआ है, तो भी आपको निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए और समय पर टीकाकरण करा लेना चाहिए।

 

बच्चे को हिलायें नहीं

 

कभी भी बच्चे को हिलाना नहीं चाहिए इससे उसके मस्तिष्क में रक्त स्राव हो सकता है, जो की मौत का कारण भी हो सकता है। अगर आप अपने बच्चे को नींद से जगाना भी चाहते हैं, तो उसके पैरों में गुदगुदी करें या फिर उसके गाल सहलायें।

 

सचेत रहें और खतरों को पहचाने

 

जब शिशु बीमार होता है, तो शुरूआत में ही डॉक्टर की सहायता लें और जल्द से जल्द उसे डॉक्टर के पास ले जाए।

 

संक्रमणों से ग्रस्त लोगों से बच्चे को दूर रखना चाहिए।

 

पहली बार नवजात शिशु के माता-पिता, शिशु देखभाल के कई पहलुओं के बारे में काफी चिंतित हो सकते हैं। यह लेख नए माताओं को आत्मविश्वास के साथ अपने नवजात शिशुओं की देखभाल करने में मदद करेगा। शिशु को खास देखभाल की जरूरत होती है। और अगर बच्चे को कोई भी परेशानी हो, तो तुरंत हो डॉक्टर की सलाह ले.


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