खसरा इतना घातक क्यों होता है, जाने लक्षण, कारण, इलाज

 

 

खसरा एक वायरस से होने वाली बहुत ही गंभीर संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से फैलता है। खसरा खांसी, बहती नाक, लाल आँखें, और बुखार के साथ शुरू होता है। यह बीमारी सिर से शुरू होती है और फिर बाद में शरीर के बाकी हिस्सों में फैलने लगती है।

 

यह एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है। इस बीमारी को रूबेला नाम से भी जाना जाता है। यह एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन की उपलब्धता के बावजूद विश्व स्तर पर छोटे बच्चों में मृत्यु का एक महत्वपूर्ण कारण है।

 

 

खसरा होने का कारण

 

 

  • अनुवांशिक।

 

  • संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से खसरा रोग हो सकता है।

 

  • रोगियों के साथ चम्मच, तौलिए, ब्रश इत्यादि इस्तेमाल करने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

 

  • जिन बच्चों के आहार में विटामिन ए की कमी होती है, उनमे भी खसरा रोग होता है।

 

 

खसरा के लक्षण

 

 

  • कान में दर्द और सूजन,

 

  • त्वचा पर लाल चकत्ते और लाल धब्बे,

 

  • खाँसी,

 

  • सूजी हुई आंखें,

 

  • बुखार,

 

  • सूखी खांसी,

 

  • बहती नाक,

 

  • गले में खरास,

 

  • संक्रमित आंखें,

 

  • छींक आना।

 

 

खसरे से होने वाली जटिलता

 

 

  • खसरे की सबसे आम जटिलताओं में से एक बैक्टीरिया कान का संक्रमण है।

 

  • खसरा से आपके वॉयस बॉक्स (स्वरयंत्र) या भीतरी दीवारों पर सूजन हो सकती है जो आपके फेफड़ों (ब्रोन्कियल नलियों) के मुख्य वायु मार्ग को प्रभावित करती है (ब्रोंकाइटिस, लैरींगाइटिस या क्रुप)।

 

  • निमोनिया खसरा की एक सामान्य जटिलता है। प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग विशेष रूप से खतरनाक किस्म के निमोनिया का विकास कर सकते हैं, जो कभी-कभी घातक होता है।

 

  • खसरे से लगभग 1,000 में से 1 व्यक्ति में एन्सेफलाइटिस नामक जटिलता विकसित हो जाती है। इंसेफेलाइटिस खसरे के ठीक बाद हो सकता है, या महीनों बाद तक नहीं हो सकता है।

 

  • यदि आप गर्भवती हैं, तो आपको खसरे से बचने के लिए विशेष देखभाल करने की आवश्यकता है, क्योंकि इस बीमारी के कारण गर्भधारण की समस्या, जन्म के समय कम वजन और गर्भवती महिला को जान का भी खतरा हो सकता है।

 

 

खसरा का निदान

 

 

  • डॉक्टर लक्षणों को देखकर ही खसरे का निदान करते हैं।

 

  • शरीर में रूबेला वायरस का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है।

 

  • शारीरिक परीक्षण के द्वारा भी खसरे से पीड़ित लोगो की जांच की जा सकती है, जैसे की – बुखार, शरीर पर चकत्ते, कफ, छींकने, और आंखें लाल होने जैसे लक्षणों का जांच करने के बाद खसरा होने की पुष्टि करते हैं।

 

 

खसरा का इलाज

 

 

  • इस रोग का कोई विशिष्ट (specific) इलाज नहीं है।

 

  • भरपूर मात्रा में तरल पदार्थो (fluids) का सेवन करे और शरीर को हाइड्रेटेड रखे।

 

  • डॉक्टर रोगियों के शरीर के तापमान को कम करने के लिए कुछ दवा देते है, जो की रोगियों के बुखार, मांसपेशियों में दर्द औऱ शरीर में ऐंठन को नियंत्रित करने में मदद करता है।

 

  • विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए।

 

 

खसरा का टीका

 

 

  • इस रोग को MMR वैक्सीन से रोका जा सकता है। यह वैक्सीन तीन बीमारियों से बचाता है:

 

  • खसरा,

 

  • कण्ठमाला का रोग,

 

  • रूबेला।

 

इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों को एमएमआर वैक्सीन की दो खुराकें मिलनी चाहिए, पहली खुराक 12 महीने की उम्र में और दूसरी खुराक 4 से 6 साल की उम्र में।

 

सुनिश्चित करें कि जिस किसी को भी खसरा होने का खतरा है, और जिन बच्चो को अबतक टीका नहीं लगाया गया है, वह जल्द से जल्द खसरे का टीका लगवा ले।

 

बच्चो के लिए पहली खुराक आमतौर पर 12 से 15 महीनों के बीच दी जाती है, दूसरी खुराक आमतौर पर 4 से 6 साल की उम्र के बीच दी जाती है। लेकिन इससे पहले अपने बच्चो के डॉक्टर से खसरे के टीके लगवाने के बारे में बात करें।

 

खसरा टीका लेना बहुत ही महत्वपूर्ण है, नहीं तो स्थिति घातक प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकती है। जैसे की –

 

  • कान में संक्रमण होना,

 

  • ब्रोंकाइटिस, गर्भपात,

 

  • अंधापन,

 

  • दस्त और रक्त प्लेटलेट्स में कमी।

 

 

यदि आपको लगता है कि आपको या आपके बच्चे को खसरा हुआ है या खसरे के लक्षण नजर आ रहे हो तो इसे नजरअंदाज न करे और तुरंत ही अपने डॉक्टर की सलाह ले और जांच कराएं।

 

 


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