पपीते (Papaya) के फायदों के बारे में तो ज्यादातर लोगों को जानकारी है ही, लेकिन क्या आपको मालूम है कि इसके बीज में भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं| इनमें फ़िऑन्यूट्रियेंट, आइसोथियोसाइनेट (Isothiocyanate), फेनोलिकश, फ्लैवोनॉइड के अलावा प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम (Magnesium) और फास्फोरस पाया जाता है इस कारण ये एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीपैरासिटिक और एंटीबैक्टीरियल का काम करता है।
पाचन तंत्र रखे दुरूस्त-
एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant), एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीपैरासिटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होने के कारण यह पेट की समस्या से निजात दिलता है। इससे लिवर से हानिकारक (Harmful) तत्वों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
पेट के कीड़े मारने में करता है मदद-
पपीते के बीज प्रोटीओलेयटिक (Proteolytic) एंजाइम्स का काम करते हैं जो पेट के कीड़ों से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। ये पेट में परजीवियों के अंडों को भी नहीं पनपने देता। एक शोध के अनुसार पपीता (Papaya) के बीज पेट के अंदर के परजीवियों को मारने का काम करता है ।
कैंसर से बचाव-
एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) गुण होने के कारण ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है। वहीं इसमें फ़िऑन्यूट्रियेंट आइसोथियोसाइनेट नामक तत्व पाया जाता है जो कैंसर (Cancer) की संभावना को कम करता है।इससे स्तन, फेफड़े, और प्रोस्टेट सहित ट्यूमर कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
इंफेक्शन या एलर्जी को रखें दूर-
एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीपैरासिटिक और एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) गुणों से भरपूर होने के कारण इससे इंफेक्शन (Infection), सूजन या हाथ पैरों में हाने वाले दर्द में भी राहत मिलती है।
कैसे खाएं?
आप इसके बीजों को सुखाकर पीसकर रख लें। इसे सलाद पर डालकर या पानी के साथ रोजाना 1 से 2 चम्मच लें।
कब खाएं?
पपीते का बीज प्राकृतिक रूप से गर्भनिरोधक का काम करते हैं। इसलिए प्रैगनेंसी के दौरान इसे नही खाना चाहिए।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।