बच्चों की छाती में जमा कफ को कैसे बाहर निकाले

ठंड के मौसम में बच्चों की छाती में बलगम होना सामान्य है, लेकिन कभी-कभी इस बलगम ज्यादा होना उनके लिए एक चिंता का विषय हो सकता है। सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार होने के साथ ही गले और छाती में बलगम बनने लगता है। बलगम होने से न केवल सांस लेने में तकलीफ होती है बल्कि ये अपने साथ और भी बहुत सी परेशानियां लेकर आती है।

 

ये समस्या बच्चों को ज्यादा होती है इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई तरह की दवाओं और सिरप का सेवन किया जाता है। लेकिन इनसे जल्दी फर्क महसूस नहीं होता। हालांकि, जब किसी बच्चे की छाती में नियमित रूप से बलगम जमा होता है जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में भी असहजता होती है।

 

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कफ क्या है ?

 

दरअसल कफ एक तरह का बलगम होता है। ये तब होता है जब आपको संक्रमण होता है। मेडिकल की भाषा में इसे “चेस्ट कंजेशन” (chest kanjeshan) कहते है। ये समस्या तब होती है जब उस बच्चे को सर्दी-जुकाम होता है। जब किसी बच्चे को सर्दी-जुकाम बहुत ज्यादा हो जाता है, तब उसके फेफड़ो में से बलगम जमने लगता है और सांस लेने और छोड़ने में दिक्कत होती है। जिसकी वजह से इसे बाहर निकलने में भी दिक्कत होती है।

 

 

बच्चों की छाती में जमा कफ के कारण

 

 

ठंडे पानी का सेवन : ये जरुरी नहीं है की बच्चों को ठंड के दिन में ही सर्दी जुकाम हो, उन्हें गर्मियों में भी सर्दी-जुकाम हो सकता है जब वह बाहर खेल कर आते है और उसके तुरंत बाद फ्रीज का ठंडा पानी पी लेते है जिसकी वजह से उन्हें ऐसा होता है।

 

गर्म कपड़े न पहनना : ठंड में जब बच्चे गर्म कपड़े पहनने में लापरवाही करते है तो उसकी वजह से भी उन्हें सर्दी जुकाम होता है और यही उनके फेफड़ो में बलगम का कारण बनता है।

 

खाने से इन्फेक्शन : बहुत कम ही ऐसे खाद्य पदार्थ होते है जिन्हें खाने से बच्चों को सर्दी-जुकाम का इन्फेक्शन हो जाता है। ऐसा ज्यादातर फ़ास्ट फ़ूड खाने से होता है।

 

एलर्जी : ये समस्या किसी चीज की एलर्जी की वजह से भी होती है, जब आप बहुत ज्यादा प्रदुषण में जाते है तब भी ऐसा होता है।

 

दमा : जिन लोगों को दमा की बीमारी होती है उन्हें ये समस्या अक्सर होती है ऐसे में उन लोगों को अपना बहुत जायदा ध्यान रखना पड़ता है।

 

 

बच्चों की छाती में कफ के लक्षण

 

 

  • खांसने से सीने में दर्द होना,

 

  • यदि बिना वजह आपको घबराहट होती है तो आपको सतर्क रहना होगा,

 

  • अचानक सांस फूलना के कारण भी ऐसा होता है जब आप दौड़ते है तब ऐसा होना आम बात है,

 

  • यदि हमेशा बच्चे के मुँह में खट्टा पन महसूस होता है तो ये इसके लक्षण हो सकते है,

 

  • जब बच्चे को सांस में कमी या सांस लेने में दिक्कत होने लगती है,

 

  • छाती में बलगम तब जमा होता है जब उसके सर्दी-जुकाम हो रहा हो,

 

  • नींद की कमी से थकान होने पर भी ऐसा हो सकता है,

 

  • जब बच्चे को खांसी के दौरान उसकी खांसी में खून आता है तो ये भी इसके लक्षण हो सकते है।

 

बच्चों की छाती में जमा कफ को बाहर निकाले के उपाए ?

 

 

गर्म पानी की भाप लें 

 

 

ये सबसे आम और आसान तरीकों में से एक है ऐसा करने के लिए एक पतीले में पानी को एक दम खौला लें उसके बाद आपने बच्चे को एक चादर से ढंकार उस पतीले वाले पानी की भांप दें। इससे उसे बहुत ज्यादा आराम मिलेगा।

 

 

नींबू और शहद

 

 

यदि आप अपने बच्चे की छाती में जमा कफ निकालना चाहते है, तो नींबू का रस और शहद मिलाकर इसका सेवन अपने बच्चे को कराए। इससे उसकी छाती और गले में जमा कफ बहुत जल्दी बाहर निकल जाएगा। दरअसल नींबू में सिट्रिक अम्ल होता है, जो कफ को नष्ट करने में उपयोगी होता है।

 

 

शहद और अदरक

 

 

एक चम्मच शहद में एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर इसे थोड़ा गरम कर लें और इसका सेवन अपने बच्चे को कराए। वैसे भी शहद का इस्तेमाल प्राचीन कल से किया जा रहा है।

 

 

लहसुन और अजवाइन

 

 

बच्चे की छाती में जमा कफ से राहत पाने के लिए तवे पर लहसुन और अजवाइन को गर्म करें। उसके बाद इसे कपड़े के टुकड़े में लपेट लें और इससे बच्चे की छाती पर सिकाई करें। इससे आपके बच्चे को काफी रहत मिलेगी।

 

 

काली मिर्च और लौंग 

 

 

5 काली मिर्च और 5 लौंग लेकर उन्हें बारीक पीस लें। उसके बाद एक गिलास पानी लेकर उस पानी में यह काली मिर्च का मिश्रण मिला लें और इसे अच्छी तरह से गर्म करें। जब यह गुनगुना हो जाए, तो इसका सेवन करें। इससे छाती और गले में जमा कफ से बच्चे को छुटकारा मिल जाएगा।

 

 

यदि आपके बच्चे को भी कफ की समस्या अक्सर बनी रहती है तो आप को एक बार जरूर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वरना ये किसी बड़ी बीमारी में बदल सकता है इससे अस्थमा की बीमारी भी हो सकती है। वैसे बच्चे थोड़े से नाजुक होते है इसलिए उनके माता पिता ही उनका ध्यान अच्छे से रखते है।

 

 

 

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