बच्चे जब जन्म लेते हैं तो माँ बाप दोनों के लिए बहुत खुशी की बात होती हैं पर वही बच्चा अगर कमजोर हो, उसकी तबीयत खराब हो, किसी चीज की कमी हो या बहुत रोता हो तो बहुत चिंता होती हैं। बच्चे के छोटी से छोटी चीजों जैसे कि उसके खानपान, स्वास्थ्य, पोषक तत्व का माँ बहुत ही खयाल रखती हैं। कभी-कभी इन चीजों का ख्याल रखने के बाद भी बच्चो में कई परेशानी होने लगती हैं क्योंकि बच्चे काफी नाजुक और मुडी होते हैं। कभी तो बच्चे का विकास सही से नहीं होता, कभी उनका वजन कम होता हैं, तो कभी दस्त लग जाते हैं। इन सब का कारण आयरन की कमी भी हो सकती हैं। आयरन बच्चे के विकास के लिए बहुत ही जरूरी होता हैं। यह एक प्रकार का पोषक तत्व हैं जो पूरे शरीर और फेफडे में ऑक्सिजन पहुंचाने का काम करती हैं। इसलिए अगर बच्चे के शरीर में आयरन की कमी होती है तो ये बच्चे के विकास में परेशानी पैदा करता हैं जिसको हम एनीमिया कहते हैं।
एनीमिया हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन और लाल रक्त कणिकाओ की कमी होने से होती हैं। लगभग 25 से 30 प्रतिशत बच्चो में आयरन की कमी पाई जाती हैं। खासकर 6 महीने के बाद बच्चो में आयरन की कमी देखी जाती हैं क्योंकि 6 माह से पहले बच्चे को अपनी माँ के दूध से आवश्यक तत्व मिलते रहते हैं। पर जब बच्चे 6 महीने के हो जाते हैं तो उन्हे ठोस आहार दिया जाता हैं जिसमे बच्चे को पोषक युक्त आहार का मिलना जरूरी हैं।
बच्चों के शरीर में आयरन का महत्व
हम अपने बच्चों के पोषण व विकास को गति देने के लिए पूरी कोशिश करते हैं। माँ के दूध के पश्चात हमारे मन में बार-बार यह प्रश्न उठता है कि कौन सा खाद्य पदार्थ हमारे बच्चों के लिए उपयोगी होगा| रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए और स्वस्थ रहने के लिए आयरन की जरूरत पड़ती है| इसलिए अपने बच्चों को आहार में आयरन से भरपूर भोजन देने के साथ विटामिन सी से भरपूर खाना भी देना चाहिए क्योंकि विटामिन सी आयरन की कमी को दूर करता है| विटामिन सी आपके शरीर में कैल्शियम और आयरन की मात्रा बढ़ा देता है|
बच्चो में आयरन की कमी के लक्षण
- विकास सही से नहीं होना
- पसीना ज्यादा आना
- कम खाना
- त्वचा अधिक सुखना
बच्चो में आयरन की कमी होने के कारण
- आयरन युक्त भोजन का कम प्रयोग होना
- बच्चे का जन्म समय से पहले होना
- सही से खाना पीना नहीं
बच्चे में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आहार
अनार
अनार बहुत ही श्रेष्ट फल और खून की कमी को पूरा करने के लिए बच्चे को तो दिया ही जाता हैं साथ ही बड़ो को भी
दिया जाता हैं। इसमें कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं जो हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन को बढ़ाता हैं। साथ ही इसमे भरपूर मात्रा में कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन और फाइबर होता हैं। अपने बच्चे को बस आप घर पर ही अनार का जूस निकाल कर खाली पेट दीजिये। याद रहे बाहर का या पैकेट का जूस इसकी जगह न दे।
लोहे के बर्तन में खाना बनाएँ
पहले लोग लोहे की कढ़ाई में खाना बनाते थे जिससे हमे पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलता था लेकिन आजकल लोग लोहे के बर्तन में कम बनाने लगे हैं। लोहे के बर्तन में बच्चे के खाने को बनाया जाए तो ये खाने में आयरन की मात्रा को बढ़ाता हैं जिससे बच्चे को आयरन की कमी नहीं होंगी जैसे कि टमाटर की बनी चीजे या विटामिन सी युक्त आहार।
सेब और चुकंदर का जूस
सेब में आयरन भरपूर मात्रा में पायी जाती हैं और साथ ही चुकंदर में फॉलिक एसिड और फाइबर जो कि बच्चे के आयरन की कमी को पूरा करने के लिए एक अच्छा विकल्प हैं। इसलिए बच्चे को आप सेब और चुकंदर का जूस शहद मिलकर दे सकती हैं जिससे बच्चे को ऊर्जा भी मिलती हैं। साथ ही ये बच्चे की त्वचा और बालो के लिए भी बहुत अच्छा हैं।
विटामिन सी युक्त आहार
आप अपने बच्चे को विटामिन सी युक्त आहार दे सकती हैं जिससे बच्चे के शरीर में खून की कमी नहीं होंगी और उसे आयरन मिलता रहेगा। विटामिन सी युक्त आहार में आप स्ट्रोबेरी, पतागोभी, पपीता, पालक, हरी सब्जियो से बने हुए आहार अपने बच्चे को खिला सकती हैं।
टमाटर
टमाटर बच्चे के शरीर में आयरन की मात्रा को सोखने में मदद करता हैं जिससे बच्चे के शरीर में रक्त संचरण सही ढंग से होता हैं। इसमे बहुत अधिक मात्रा में आयरन नहीं होता हैं पर इसके द्वारा आयरन का अवशोषण किया जा सकता हैं। इसलिए बच्चे को टमाटर से बनी चीजे भी आप खिला सकती हैं जैसे कि सूप, सब्जी इत्यादि।
अंडा
अंडा बच्चों को दैनिक रूप से आयरन देने का एक आसान तरीका है। अंडे का दोनों भाग यानी पीला और सफेद में प्रोटीन, वसा तथा कई तरह के विटामिन, खनिज, आयरन और कैल्शियम जैसे गुणों की भरमार होती है। बहुत कम खादों में पाए जाने वाला विटामिन डी भी अंडे में पाया जाता है और यह आयरन से भी भरपूर होता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
ऐसे तो बहुत सारी हरी पत्तेदार सब्जियाँ है जैसे पालक, सरसो, पुदीना, धनिया, सहजन की पत्तियां, मेथी, लोबिया की पत्तियां आदि। इन सभी में आयरन की मात्रा भरपूर होती है। हीमोग्लोबिन की कमी होने पर पालक का सेवन करने से शरीर मे इसकी कमी पूरी हो जाती है| इसके साथ पालक मे कैल्शियम, सोडियम, क्लोराइड, फासफोरस, खनिज लवण और प्रोटीन जैसे तत्व आदि भी पाए जाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियाँ बच्चों को छोटी उम्र से ही देनी शुरू कर देनी चाहिए, नहीं तो बड़े होकर ये इन सब्जियों से बचते हैं।
भुना चना
चने में भी आयरन भरपूर मात्रा में होता है उसे आप बच्चों को स्नैक्स के रूप में भी दे सकती हैं।
ध्यान रहे कि 1 साल के बाद बच्चों के दूध की मात्रा आधा लीटर से ज़्यादा ना हो और खाना खाने के आसपास के समय बच्चों को चाय या कॉफी ना दें क्योंकि चाय या कॉफी में मौजूद टैनिन आयरन की पाचन मात्रा को कम करता है। आयरन शरीर के लिए बहुत उपयोगी है लेकिन संतुलित मात्रा में क्योंकि शरीर में आयरन की कमी और अधिकता दोनों ही समस्या पैदा कर सकती हैं।
सूखे मेवे
बादाम, किशमिश, खजूर, अंजीर, अखरोट आदि बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में आयरन प्रदान करते हैं। आप इसे बच्चों के दूध में मिलाने के लिए पाउडर के रूप में भी प्रयोग कर सकती हैं।
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