बदलते मौसम में कहीं आप न हो जाएं, इन बीमारियों के शिकार जाने बचने के उपाय!

मौसम में बदलाव होने के कारण कई तरह की बीमारियां हमें घेर लेती है , क्योंकि हमारा शरीर परिवर्तन के लिए तैयार नहीं होता है. और इस वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे की –जुकाम, बुखार, छींक, नाक बहना आदि , ये सारी समस्याएं होने लगती है.

 

सर्दी और गर्मी के मौसम में बदलाव की वजह से अक्सर वायरल बुखार लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है। जिन लोगो में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है या फिर जिन्हें पहले से कोई बीमारी होती है , उनको इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है ।

 

बदलते मौसम को आप बीमारियों को दूसरा रूप भी कह सकते है। मौसम में बदलाव जितना भाता है उतना ही ये हमारे लिए नुकसानदायक भी होता है। मौसम में बदलाव की वजह से हो सकता है वायरल इंफेक्शन , इससे बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

 

इंफेक्शन से बचें

 

मौसम में बदलाव होने से वायरल इंफेक्शन का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है। जिस वजह से कॉमन कोल्ड या जुकाम और नाक बंद हो जाती है। और भी कई समस्याएं जैसे की छींकें आने लगती हैं और खांसी भी हो सकती है। कई बार तो मौसम में बदलाव की वजह से कुछ लोगों में गला खराब होने की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में आपको इन इफेक्शन्स से बचना चाहिए और साफ-सफाई का विशेष खयाल रखना चाहिए।

 

वायरल इंफेक्शन के लक्षण

 

  • गले में खराश और दर्द होना,

 

  • जुकाम होना,

 

  • आंखों में जलन, लाली और खुजली होना,

 

 

  • तेज बुखार,

 

बेमौसम की चीजों का सेवन

 

कई बार जब हम गर्मियों की शुरुआत में ही खूब ठंडा पानी का पीना, आइसक्रीम-कुल्फी खाना या बेमौसम के फल और सब्जियों का सेवन करते है , तो भी वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हर मौसम में आपको मौसमी चीजों का ही सेवन करना चाहिए। मौसम के अनुसार फलों और सब्जियों के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इस तरह के वायरल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है।

 

छींकते समय रूमाल का इस्तेमाल करे

 

  • मौसम के बदलाव के समय वायरल इंफेक्शन के जीवाणु ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए इस मौसम में पब्लिक प्लेस पर छींकते या खांसते समय आपको हमेशा रूमाल का प्रयोग करना चाहिए।

 

  • ऐसे समय में रुमाल का इस्तेमाल करे , इससे वायरल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। इस मौसम में वातावरण में मौजूद वायरस एक-दूसरे में सांस के जरिये, छींकने से या खांसने पर ड्रॉप्लेट्स द्वारा फैलता है। इसे रेस्पिरिटरी इन्फेक्शन का वायरस कहते हैं।

 

साफ-सफाई का विशेष ध्यान

 

  • अपने आस-पास की सफाई न रखने की वजह से वायरल बीमारियों का सबसे ज्यादा खतरा होता है। मौसम के बदलाव के समय बीमारी के जीवाणु ज्यादा एक्टिव होते हैं , इसलिए इस समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

 

  • रोजाना साबुन से नहाना, कपड़े धूप में सुखाना, बाथरूम और ट्वॉयलेट की अच्छी तरह सफाई करना, खांसते और छींकते समय मुंह पर रूमाल रखना आदि बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। इसके अलावा सब्जियों को धुलकर पकाना और खाने से पहले हाथ धुलना भी बहुत जरूरी है। ऐसा करने से इन्फेक्शन से बचा जा सकता है।

 

मौसम में बदलाव के दौरान स्वास्थ्य समस्याएं

 

मौसम में बदलाव के दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं:

 

1. माइग्रेन का सिरदर्द

 

मौसम में बदलाव की वजह से लोगों में माइग्रेन का सिरदर्द हो सकता हैं, ऐसे में आप डॉक्टर से सम्पर्क करके माइग्रेन ट्रिगर से बच सकते हैं।

 

2. अस्थमा

 

ठंड का मौसम अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है। तेजी से सांस लेने वाली ठंडी हवा वायुमार्ग को सूजन द्वारा प्रतिक्रिया करने का कारण बन सकती है। इन दिनों के बाहर जाने से बचे।

 

3. कोल्ड और फ्लू

 

अन्य लोगों के संपर्क में आने से आपको सर्दी और फ्लू होने का खतरा ज्यादा रहता है। समय-समय पर अपने हाथों को धोना सुनिश्चित करें, क्योंकि यह मौसम में बदलाव के दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोकता है।

 

4. पानी की कमी

 

हमारा शरीर दो-तिहाई से अधिक पानी से बना होता हैं। यदि आप पानी के स्तर में 5% की कमी का अनुभव करते हैं, तो शायद आपकी ऊर्जा का स्तर 30-40% तक गिर सकता है। यह गंभीर स्थिति द्वारा इलाज किया जाता है , क्योंकि ये मौसम में बदलाव के दौरान गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

 

5. हीट स्ट्रोक

 

हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है जो गर्म और नम स्थितियों में होती है।

 

6. हार्ट अटैक

 

ठंड के मौसम में आपके हृदय गति और रक्तचाप में वृद्धि होती है। यह आपको गर्म रखने के लिए आपके दिल को कठिन बनाता है, जिससे आपको रक्त के थक्कों के विकास का खतरा होता है, जिसका परिणाम दिल का दौरा हो सकता है।

 

7. मनोदशा में बदलाव

 

मौसम में बदलाव की वजह से आप थकान, चिंता, चिड़चिड़ापन और वजन बढ़ने से प्रभावित हो सकते हैं।

 

8. एलर्जी

 

दो प्रकार की एलर्जी होती हैं – राइनाइटिस (नाक के अंदर श्लेष्म झिल्ली की जलन और सूजन); गैर-एलर्जिक राइनाइटिस और एलर्जिक राइनाइटिस। वे दोनों वर्ष के एक ही समय में दिखाई देते हैं और दोनों समान लक्षण होते हैं।

 

9. त्वचा का कैंसर

 

हमेशा अपनी त्वचा को चारों ओर से कवर करके रखे। यह त्वचा के कैंसर के खतरे को कम करता है। मौसम में बदलाव होने की वजह से त्वचा को भी नुकसान पहुँचता है.

 

निष्कर्ष

 

स्वस्थ और फिट रहने के लिए मौसम में बदलाव के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं के कारण कभी-कभी काफी मुश्किल होता है। खुद को इससे बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप हाइड्रेटेड रहें और भरपूर पानी पीएं, संतुलित और स्वस्थ आहार खाएं, योग और शारीरिक व्यायाम करते रहें, यह आपको इन समस्याओं से बचाने में मदद करेगा। अगर आपकी तबियत ठीक नहीं है, आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही हो , तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें।

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