बांझपन का इलाज: प्रसवोत्तर हृदय रोग का खतरा दोगुना!

एक अध्ययन में चौंकाने वाली बात सामने आई है। यह अध्ययन बताता है कि बांझपन का इलाज करवाने वाली महिलाओं में प्रसवोत्तर हृदय रोग का खतरा दोगुना हो जाता है। यह अध्ययन, जो [प्रतिष्ठित चिकित्सा जर्नल] में प्रकाशित हुआ है, 100,000 से अधिक महिलाओं का विश्लेषण करता है। अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने बांझपन का इलाज करवाया, उनमें हृदय गति रुकने, दिल का दौरा और दिल की विफलता जैसी हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा उन महिलाओं की तुलना में दोगुना था जिन्होंने बांझपन का इलाज नहीं करवाया था।

 

हालांकि, अध्ययन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बांझपन के इलाज और प्रसवोत्तर हृदय रोग के बीच क्या संबंध है। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि हार्मोनल थेरेपी या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसी बांझपन की दवाओं और प्रक्रियाओं का हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह अध्ययन महिलाओं के लिए चिंता का विषय है जो गर्भधारण करने में कठिनाई का सामना कर रही हैं। यदि आप बांझपन का इलाज करवाने पर विचार कर रही हैं, तो अपने डॉक्टर से हृदय रोग के जोखिमों के बारे में बात करना महत्वपूर्ण है।

 

 

अध्ययन से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

 

 

  • बांझपन का इलाज करवाने वाली महिलाओं में प्रसवोत्तर हृदय रोग का खतरा दोगुना होता है।

 

 

  • यदि आप बांझपन का इलाज करवाने पर विचार कर रही हैं, तो अपने डॉक्टर से हृदय रोग के जोखिमों के बारे में बात करें।

 

  • यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी चिकित्सा सलाह या उपचार के लिए कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।