बोटॉक्स से दूर करे चेहरे की झुर्रियां – और जाने इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स

बोटॉक्स क्या है?

 

बोटॉक्स एक प्रोटीन है, जो क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम से बनाया जाता है। यह एक प्रकार का ट्रीटमेंट है, जिसका इस्तेमाल चेहरे की झुर्रियां और माथे की सिलवटों को कम करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग मसल्स और त्वचा की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

 

इसका ट्रीटमेंट झुरिर्यों को आने से रोकता है। बोटॉक्स को 20 साल के बाद प्रयोग कर सकते हैं और भी कई प्रकार के इलाज के लिए बोटॉक्स का प्रयोग किया जाता है।

 

यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे एक इंजेक्शन द्वारा बोटॉक्स नामक दवाई शरीर की किसी विशेष मांसपेशी में इंजेक्ट की जाती है जो त्वचा पर आई झुर्रियां और फाइन लाइन्स न होने का कारण बनती है। बोटॉक्स का इंजेक्शन बेहद महीन सुई से लगाया जाता है, जिसमे दर्द का अहसास बहुत कम होता है।

 

इस कॉस्मेटिक प्रक्रिया के लिए किसी भी तरह के एनस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती। बोटॉक्स की प्रक्रिया में केवल कुछ मिनट ही लगते है, जिनका असर आने वाले पांच से छह महीने तक रहता है। और जैसे-जैसे इसका असर खत्म होने लगता है समस्या फिर से उत्पन्न होने लगती है और फिर से ट्रीटमेंट कराना जरूरी हो जाता है।

 

बोटॉक्स ट्रीटमेंट के कुछ साइड इफेक्ट्स

 

अगर इसका ट्रीटमेंट सही तरीके से किया जाये तो यह पूरी तरह सुरक्षित होता है, लेकिन इसके भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे की-

 

  • मितली आना,

 

  • लालिमा होना,

 

  • नील पड़ना,

 

  • सुन्न होना,

 

  • बुखार आना,

 

  • फेशियल मसल्स में कमजोरी होना,

 

  • जिस जगह इंजेक्शन लगा है वहाँ दर्द होना,

 

  • सिर में दर्द होना, लेकिन यह ट्रीटमेंट के 24 घंटों के बाद ठीक हो जाती है,

 

  • आइब्रो और पलकों पर भी भारीपन, जो बोटॉक्स के ट्रीटमेंट वाली जगह से दूसरी जगह तक फैलने से होता है, इसलिये मसाज करने या लेटने से बचना चाहिये।

 

जिन लोगो को न्यूरोमस्कुलर बीमारियों होती है, उन्हें बोटॉक्स ट्रीटमेंट नहीं कराना चाहिए, क्योंकि उन पर इसके विपरीत असर हो सकते हैं। कुछ दवायें भी बोटॉक्स के साइड इफेक्ट्स बढ़ा सकती हैं। इसलिये अपनी मेडिकल हिस्ट्री और यदि कोई दवायें ली जा रही हैं, तो उनके बारे में डॉक्टर को बता देना ठीक रहता है।

 

चेहरे की झुर्रियों को ठीक करने के लिए बोटॉक्स एक सबसे अच्छा उपाय है। लेकिन यदि आप स्तनपान कराती है, या गर्भवती है,  तो बोटॉक्स का ट्रीटमेंट कराने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

 

दो सालों तक लगतार बोटॉक्स का ट्रीटमेंट कराने से मांसपेशियां भी रिलैक्स रहती है। और झुर्रियों की समस्या भी खत्म हो जाती है। बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटी भी बोटॉक्स ट्रीटमेंट कराती है, जिस वजह से उनके चेहरे पर ग्लो बना रहता है।

 

अध्ययन के अनुसार

 

एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 12 वर्षों के दौरान 45  प्रतिभागियों को नियमित रूप से बोटोक्स इंजेक्शन दिए। इस दौरान, प्रतिकूल दुष्प्रभावों के कुछ मामले सामने आए। इनमें शामिल हैं:

 

  • निगलने और चबाने में कठिनाई,

 

  • पलकों का गिरना,

 

  • गर्दन में कमजोरी,

 

  • जी मिचलाना,

 

  • उल्टी,

 

  • धुंधली दृष्टि,

 

  • स्वर बैठना,

 

  • बोलने में कठिनाई होना,

 

  • घबराहट होना,

 

इलाज में असरकारक

 

  • एक शोध के जरिये ये बताया गया है, कि बोटॉक्स डिप्रेशन पेशेंट के लिए बहुत असरकारक है।

 

  • बोटॉक्स नेक स्पैस्म में भी कारगार साबित हुआ है।

 

  • यह पसीना रोकने में भी काम आता है।

 

  • गर्दन में बोटॉक्स इंजेक्शन लेने से दर्द में आराम मिलता है।

 

  • अगर आपको ब्लेडर की समस्या है और आप अपना यूरिन को रोक नहीं पाते हैं, तो एक बार बोटॉक्स इंजेक्शन लेने से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

 

  • मांइग्रेशन में भी बहुत असरकारक होती है। आप इससे कैसा भी हेडेक हो कम कर सकते है।

 

 

बोटॉक्स ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर सावधानीपूर्वक चुनें और कोई मेडिकल कंडीशन हो, तो इस बारे में उन्हें जरूर बताये। बोटॉक्स ट्रीटमेंट कराने से पहले डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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