कैंसर का नाम सुनते ही बहुत से लोग घबरा जाते हैं क्योंकि सही समय पर यदि कैंसर के मरीज़ का इलाज नहीं किया जाए तो उस व्यक्ति की जान जा सकती है। आज हम बात कर रहे हैं स्तन कैंसर के बारे में आपको बता दें स्तन कैंसर महिलाओं को सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है। स्तन कैंसर एक ऐसी स्थिति है जब शरीर में मौजूद कुछ जीनों में परिवर्तन होता है और इस कारण स्तन कोशिकाएं विभाजित होने लगती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने या फैलने लगती हैं, तो ये स्तन में कैंसर का रूप ले लेती हैं। दरअसल स्तन कैंसर के कई प्रकार और चरण होते हैं। इसके अलावा, स्तन कैंसर न्सर पुरुषों में भी देखने को मिलता है, हालांकि अभी इसके मामले पुरुषों में ज़्यादा देखने को नहीं मिलते हैं।
स्तन कैंसर के कितने प्रकार होते हैं? (How many types of breast cancer are there in Hindi)
स्तन कैंसर के दो प्रकार होते हैं:
इन्वेसिवः ये बहुत तेजी से फैलने वाला कैंसर होता है ।
नॉन-इन्वेसिवः इस स्थिति में कैंसर धीरे धीरे फैलता है। बहुत से लोगों को यह नहीं मालूम होगा की ब्रेस्ट कैंसर के ज़्यादातर मामलों इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा के कारण होते हैं। ब्रेस्ट कैंसर के इस प्रकार में कैंसर डक्ट वॉल के जरिए ब्रेस्ट की चर्बी तक पहुंचती हैं। अगर हम नॉन-इन्वेसिव ब्रेस्ट कैंसर कीबात करे तो इसकी सेल्स टिश्यू की उत्पत्ति से आगे नहीं बढ़ती हैं।
इसके अलावा ब्रेस्ट कैंसर के दो अन्य प्रकार भी हैं, हालांकि इसके मामले अभी कम देखने को मिलते हैं। जिसमें शामिल हैः
इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसरः इस कैंसर के मामले केवल 1 प्रतिशत से भी कम देखने को मिलते हैं। लेकिन यह कैंसर बहुत तेजी से फैलता है और इसमें महिलाओं की जान जाने का खतरा अधिक होता है।
पेजेट्स डिजीजः इस कैंसर में महिला के निप्पल का एरिया पूरा काला पड़ जाता है। इस तरह का कैंसर के मामले भी बहुत कम देखने को मिलते हैं।
स्तन कैंसर के कारण क्या हैं? (What are the causes of breast cancer in Hindi)
- स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास: पारिवारिक इतिहास स्तन कैंसर में अहम भूमिका निभाती है। स्तन कैंसर ऐसी बीमारी है जो पीढ़ियों तक चलती है। यदि आपके परिवार में स्तन कैंसर पहले किसी महिला को था तो उसकी आने वाली पीढ़ी में स्तन कैंसर देखने को मिल सकता है।
- मासिक धर्म में परिवर्तन होना: वैसे तो इस बात का महिलाएं विशेष ध्यान रखती हैं । लेकिन मासिक धर्म में अगर कुछ परिवर्तन देखें तो महिला को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- नशीले पदार्थों का सेवन: किसी भी नशीले पदार्थों का सेवन आपके शरीर को बीमारियों का घर बना सकता है। जैसे शराब, सिगरेट या ड्रग्स के सेवन से भी महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। किसी भी नशे का अत्यधिक सेवन शरीर में कैंसर को जन्म देता है ।
- आनुवांशिकी कारणः डोकटोरों का कहना है कि कैंसर को अनुवांशिक माना गया है। यदि आपकी फैमिली में कैंसर की हिट्री रही है तो फिर कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती हैं।
स्तन कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए बेस्ट हॉस्पिटल? (Best hospital for breast cancer treatment in Hindi)
यदि आप इनमें से किसी भी अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं।
स्तन कैंसर होने की सबसे अधिक संभावना किसे है? (Who is most likely to get breast cancer in Hindi)
ज्यादातर स्तन कैंसर 50 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को होता है। कुछ महिलाओं को बिना किसी अन्य जोखिम कारक के भी स्तन कैंसर होने की संभावना होती है। जोखिम कारक होने का मतलब यह नहीं है कि आपको बीमारी हो जाएगी।
स्तन कैंसर के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of breast cancer in Hindi)
स्तन कैंसर के शुरुआती दिनों में लक्षणहीन हो सकता है। हालांकि इस कैंसर का सबसे आम संकेत स्तन में गांठ होता है। मगर यह जरूरी नहीं कि हर गांठ का मतलब कैंसर ही हो। स्तन कैंसर के लक्षणों में शामिल हैं:
- निप्पल का लाल होना
- अंडरआर्म में गांठ या सूजन होना
- स्तन पर गांठ होना लेकिन दर्द रहित
- निप्पल से खून जैसा तरल पदार्थ निकलना
- स्तन के आकार में परिवर्तन होना
स्तन कैंसर के कितने चरण होते हैं?
स्तन कैंसर के पांच चरण होते हैं। जो इस प्रकार हैं :
- चरण 0: इसमें, कैंसर कोशिकाएं स्तन की वाहिनी से आगे नहीं फैलती हैं। यह स्तन के बाकी हिस्सों तक भी नहीं पहुंचता है।
- चरण 1: इस चरण में ट्यूमर 2 सेंटीमीटर से अधिक चौड़ा नहीं होता है और लिम्फ नोड्स भी प्रभावित नहीं होते हैं। लेकिन कैंसर कोशिकाएं आकार में बढ़ने लगती हैं जो स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित करने लगती हैं।
- चरण 2 : इस स्टेज में स्तन कैंसर अपने आकार से आगे बढ़कर दूसरे हिस्सों में फैल जाता है।
- चरण 3 : स्तन कैंसर की यह स्टेज गंभीर हो जाती है। इस अवस्था में कैंसर हड्डियों या अन्य अंगों में फैलने लगता है।
- चरण 4: इस स्टेज में कैंसर किसी भी आकार का हो सकता है और कैंसर कोशिकाएं शरीर के किसी भी हिस्से जैसे लीवर, हड्डी, किडनी और मस्तिष्क में फैल सकती हैं।
स्तन कैंसर के लिए टेस्ट ? (test for breast cancer in Hindi)
स्तन कैंसर की पहचान करने के लिए डॉक्टर मरीज को कई तरह के टेस्ट करवाने को कह सकता है। जिसमें शामिल हैं :
- मैमोग्राम
- अल्ट्रासाउंड
- बायोप्सी
स्तन कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? (What are the treatment for breast cancer in Hindi)
स्तन कैंसर का इलाज इसके चरण ,प्रकार और यह कितनी दूर तक फैल चूका है उसके बाद डॉक्टर निर्णय लेते हैं कि कौन सा इलाज मरीज के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा।
अभी तक स्तन कैंसर के लिए सर्जरी सबसे आम उपचार है। कई लोगों के पास अतिरिक्त उपचार होते हैं, जैसे कि कीमोथेरेपी, लक्षित चिकित्सा, विकिरण, या हार्मोन थेरेपी।
स्तन कैंसर के लिए सर्जरी
स्तन कैंसर को दूर करने के लिए कई प्रकार की सर्जरी का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- लम्पेक्टोमी: इस प्रक्रिया में ट्यूमर और आसपास के कुछ ऊतकों को हटा देता है।
- मास्टेक्टॉमी: इस प्रक्रिया में सर्जन पूरे स्तन को हटा देता है। डबल मास्टक्टोमी में, वे दोनों स्तनों को हटा देते हैं।
- सेंटिनल नोड बायोप्सी: डॉक्टर इस सर्जरी में कुछ लिम्फ नोड्स को हटा देती है जो ट्यूमर से प्रभावित होते हैं। इन लिम्फ नोड्स का टेस्ट के लिए भेजा जाता है।
- एक्सिलरी लिम्फ नोड विच्छेदन: यदि एक सेंटिनल नोड बायोप्सी के दौरान निकाले गए लिम्फ नोड्स में कैंसर कोशिकाएं होती हैं, तो आपका डॉक्टर अतिरिक्त लिम्फ नोड्स को हटा सकता है।
- कॉन्ट्रालेटरल प्रोफिलैक्टिक मास्टेक्टॉमी: भले ही स्तन कैंसर केवल एक स्तन में मौजूद हो, कुछ लोग एक कॉन्ट्रैटरल प्रोफिलैक्टिक मास्टेक्टॉमी का चुनाव करते हैं। इस सर्जरी से मरीज के स्वस्थ स्तन को हटा दिया जाता है ताकि उनके स्तन कैंसर के फिर से विकसित होने के जोखिम को कम किया जा सके।
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