लाखों बच्चों की मौत चाइल्डहुड कैंसर के कारण होती है। कैंसर की समस्या अब सिर्फ बड़े उम्र वाले लोगों को ही नहीं होती है बल्कि अब यह बच्चों में भी तेजी से फैल रही है , जिसे चाइल्डहुड कैंसर कहा जाता है| तो आइये चाइल्डहुड कैंसर के बारे में कुछ बातें जानते है, जिससे बच्चों को पूरी तरह से स्वस्थ रखा जा सके.
क्या कहता है आंकड़ा
W.H.O के अनुसार दुनिया में डेढ़ लाख बच्चों कि जान कैंसर कि वजह से जाती है| इसे रोकने के लिए बहुत सारे उपाए अपनाये गए है, पर इसकी औसत घटने के बजाय लगातार बढती ही जा रही है जो सारी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है|
क्या हैं चाइल्डहुड कैंसर के लक्षण
बच्चों में कैंसर के लक्षणों को पहचानना बहुत मुश्किल होता है , क्योंकि ये सामान्य बीमारी की तरह होते हैं।
इसके प्रमुख लक्षण हैं –
- सुस्ती आना,
- पीठ, पैर, जोड़ों में दर्द,
- असामान्य रक्तस्त्राव,
- मसूढ़ों से खून आना,
- भूख न लगना,
- वजन घटना,
- पेट में सूजन, पेटदर्द,
- कब्ज,
- लगातार खांसी होना,
- आँख की पुतली के पीछे सफेद रंग दिखाई देना ,आदि।
ये लक्षण बच्चों की सामान्य बीमारियों की तरह ही हैं। इसलिए पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है। इस वजह से आप अपने बच्चो पर ध्यान दे , उनके खान-पान से लेकर जीवनशैली पर भी , जिससे आपके बच्चे को और आपको बाद में किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
इन बातों का रखे ख्याल
बच्चों में कैंसर जैसी बीमारी न हो , इसलिए आपको अपने बच्चो पर ध्यान देना चाहिए और नियमित जांच कराते रहना चाहिए। क्योंकि छोटे बच्चो की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है जिस वजह से उनमे कोई भी बीमारी आसानी से हावी हो जाती है। इसलिए बच्चों के मामले में लापरवाही न बरतें।
वयस्कों की तुलना में छोटे बच्चों में कैंसर के प्रकार अलग-अलग तरह के होते हैं, जैसे- ल्यूकीमिया, सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, लिम्फोमा, रैब्डोमायोसरकोमा, रेटिनोब्लास्टोमा, बोन कैंसर आदि।
ल्यूकीमिया
बोन मैरो और ब्लड कैंसर को ल्यूकीमिया कहते हैं। छोटे बच्चों में पाए जाने वाले कैंसर में ल्यूकीमिया 30 प्रतिशत होता है। हड्डियों में दर्द , जोड़ में दर्द, थकान, कमजोरी और त्वचा का पीला पड़ जाना ये सब इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस बिमारी का इलाज कीमोथेरेपी के जरिये करा सकते है।
लिम्फोमा
वजन घटना, बुखार, पसीना और थकान जैसे लक्षण इस प्रकार का कैंसर होने पर बच्चों में दिखाई पड़ते हैं।
न्यूरोब्लास्टोमा
इस तरह के कैंसर छोटे बच्चों को होता है। यह शायद ही कभी 10 वर्ष से ज्यादा आयु के बच्चों में देखा गया हो। पेट में सूजन, हड्डी में दर्द और बुखार इसके प्रमुख लक्षण हैं।
सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर
इसमें सिरदर्द, उल्टी, धुंधला या डबल दिखना, चक्कर आना, चलते समय सहारे की जरूरत पडऩा जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
रेटिनोब्लास्टोमा
यह आंखों का कैंसर होता है। ज्यादातर यह 2 साल की उम्र के आसपास होता है। इस बिमारी में आंखों में लाल रंग दिखता है तथा आंखों की पुतली अक्सर सफेद या लाल लगती है।
रैब्डोमायोसरकोमा
- यह कैंसर सिर, गर्दन, कमर, पेट, हाथ और पैर के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। बोन कैंसर बच्चों में होने वाली बोन कैंसर की बीमारी हड्डियों को प्रभावित करता है।
- यह शरीर के किसी भी अंग से शुरू होकर हड्डियों में फैलता रहता है। इससे हड्डियों में सूजन और दर्द की समस्या होती है। ट्यूमर और इसके पास के ऊतकों को हटाने के लिए सर्जरी, ट्यूमर व कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने या नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी कैंसर का उपचार है।
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आये , तो सबसे पहले आप अपने बच्चो का अल्ट्रासाउंड करवाए। अल्ट्रासाउंड करा लेने पर यह पता चल जाएगा कि, यह किस प्रकार का कैंसर है या किसी अन्य बिमारी के होने के लक्षण है। और हमेशा डॉक्टर की सम्पर्क में रहे और किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत ही उनसे सलाह ले और समय-समय पर जांच कराते रहे। और इनके खानपान का भी ध्यान रखे।
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