जानिये एक्सपर्ट से गर्मियों में त्वचा की समस्याओं के बारे में !

हमारी स्किन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूरज की रौशनी बहुत जरूरी होती है, लेकिन अधिक रौशनी कई अन्य त्वचा की समस्याओं का कारण भी बन सकती है। ऐज स्पॉट, जो वास्तव में सनस्पॉट, पिग्मेंटेशन और सनबर्न की वजह से होते हैं। और जिससे हमारी त्वचा खराब होने लगती है।

 

सनस्क्रीन आपकी त्वचा को सुरक्षित करती है

 

जब भी आप बाहर जाए तो, सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करे, क्योंकि इससे आपकी त्वचा सुरक्षित रहेगी। जिस सनस्क्रीन में एसपीएफ़ (SPF) की मात्रा 30 से ज्यादा होती है, इस तरह की सनस्क्रीन को आमतौर पर पसंद किया जाता है।

 

सूरज की रौशनी से होने वाला नुकसान

 

  • त्वचा में चकत्ते होना।

 

  • काले धब्बे।

 

  • रूखी त्वचा।

 

  • ऐज स्पॉट।

 

क्‍या है पिगमेंटेशन

 

पिगमेंटेंशन की वजह से आपकी त्‍वचा पर दाग धब्‍बे और निशान उभर आते हैं। लेकिन, पिगमेंटेशन से घबराने की जरूरत नहीं यह एक सामान्‍य त्वचा समस्‍या है।

 

इस समस्‍या में त्‍वचा का कुछ हिस्‍सा सामान्‍य से गहरा रंग का हो जाता है और कई बार त्‍वचा पर धब्‍बे भी पड़ जाते हैं। आमतौर पर पिगमेंटेंशन की समस्‍या कोई हान‍ि नहीं पहुंचाती।

 

पिगमेंटेशन होने की सबसे बड़ी वजह त्‍वचा में मेलानिन का लेवल ज्यादा होना है। हर किसी को पिगमेंटेशन जैसी समस्‍या का सामना करना पड़ता है।

 

पिगमेंटेशन के प्रकार

 

सतही पिग्मेंटेशन (Surface pigmentation)

यह एक वर्णक समस्या है, जो ज्यादातर आपकी त्वचा की ऊपरी परत यानी एपिडर्मिस के करीब होती है। यह आमतौर पर ऐज स्पॉट और झाई के रूप में दिखने लगते है।

 

 

डीप हाइपर-पिग्मेंटेशन (Deep hyper-pigmentation)

डीप हाइपर-पिग्मेंटेशन की समस्या तब होती है, जब लंबे समय तक सूर्य की रौशनी त्वचा पर पड़ती है। इस समस्या में त्वचा के कुछ हिस्से पर ब्राउन कलर के दाग आ जाते हैं। जिन्हें कुछ लोग झाइयां भी कहते हैं।

 

ब्राउन पैच या मेल्ज़ामा (Brown Patch or Melzema)

यह समस्या अक्सर गर्भावस्था में होती है, क्योंकि यह आम तौर पर गर्भवती महिलाओं में होती है। यह हार्मोनल समस्याओं के कारण और कई अन्य मामलों में भी हो सकती है। यह नाक, गाल और माथे पर गहरे पैच के रूप में दिखाई देता है। सूर्य की तेज रौशनी से होने वाले क्षति इस समस्या को कई गुना बढ़ा देती है। और यह त्वचा के लिए बहुत ही खराब होती है।

 

 

सूरज की रौशनी के नुकसान से बचने के उपाय 

 

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, सन डैमेज को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका त्वचा के लिए सही एसपीएफ़ का उपयोग करना है। एक एसपीएफ़ रेटिंग हर किसी के लिए सही नहीं होता है, यह त्वचा पर निर्भर करता है, की आपके लिए कौन सी एसपीएफ़ रेटिंग सही होगी। हालांकि, कुछ अन्य आधुनिक उपचार है, जो आपको सूरज की रौशनी से बचने में मदद करेंगे, जैसे की –

 

  • पिल जो पिग्मेंटेशन को कम करके त्वचा में निखार लाता हैं।

 

  • ऑक्‍सीजन थेरेपी और लेजर थेरपी के द्वारा भी पिगमेंटेशन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

 

  • खुद को निर्जलीकरण से बचाने के लिए रोजाना आठ से दस गिलास पानी पिएं।

 

  • रोजाना नारियल पानी पिएं। इससे त्‍वचा पर तो निखार आता ही है साथ ही हायपरपिगमेंटेशन से भी बचाव करता है।

 

  • अपने आहार में विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्पलेक्‍स  युक्‍त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।

 

  • दही, नींबू का रस, इमली का पेस्‍ट, पपीते का रस, अनानास का जूस आदि को चेहरे पर लगाएं। इससे आपकी त्‍वचा की रंगत निखर आएगी।

 

  • पीआरपी या प्लेटलेट समृद्ध प्लाज्मा जो आपके शरीर की कोशिकाओं से प्राप्त होता है। उसके बाद त्वचा में इंजेक्शन के लिए एक सीरम के रूप में उपयोग किया जाता है, ताकि उसकी स्व-उपचार शक्तियों को बढ़ाया जा सके।

 

यदि आपको गर्मी में त्वचा की समस्या अधिक हो रही हो, तो आप एक त्वचा विशेषज्ञ (dermatologist) से परामर्श करें। त्वचा विशेषज्ञ आपको गर्मियों में होने वाली त्वचा की समस्याओं की देखभाल और इलाज के लिए सबसे अच्छे तरीके से सलाह दे सकते है।

डॉक्टर के बारे में  डॉ प्रियांक तिवारी दिल्ली में एक त्वचा विशेषज्ञ हैं। अगर आपको त्वचा से संबंधित कोई समस्या हैं। तो आप निशुल्क अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं और डॉ प्रियांक तिवारी से परामर्श ले सकते है।

 

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।