जब कोई व्यक्ति दिल का मरीज होता है तो उसका इलाज एक कार्डियक स्पेशलिस्ट ही करता है। आज के समय में हृदय रोग बहुत ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण है लोगों की बिगड़ती लाइफस्टाइल। जब किसी व्यक्ति को कार्डियोवैस्कुलर जैसे समस्या होती है, तो वे लोग कार्डियोवैस्कुलर बीमारी को रोकने के लिए कार्डियक स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करते हैं यदि आप भी डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। आज हम Dr. Ritwick Raj Bhuyan के बारे में बात करेंगे जो काफी प्रसिद्ध कार्डियक सर्जन में से एक हैं।
जानिए Dr. Ritwick Raj Bhuyan की जर्नी (Know Dr. Journey of Ritwick Raj Bhuyan in Hindi)
डॉ. रितविक राज भुयान (Dr. Ritwick Raj Bhuyan) फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन के निदेशक हैं। आपको बता दें कि इन्हें भारत और ऑस्ट्रेलिया में उच्च मात्रा वाले कार्डियोथोरेसिक केंद्रों में 20 से अधिक वर्षों का कार्य करने का अनुभव है। वह लगभग 30,000 ओपन हार्ट सर्जरीयों में हिस्सा ले चुके हैं और स्वतंत्र रूप से लगभग 12,000 जटिल ओपन-हार्ट प्रक्रियाओं को सफलता पूर्वक करने का अनुभव है। डॉ. रितविक को बाल चिकित्सा कार्डियक और थोरैसिक रोगियों के प्री-ऑपरेटिव, ऑपरेटिव और पोस्ट-ऑपरेटिव प्रबंधन शामिल हैं।
कितने प्रकार के हृदय विशेषज्ञ होते हैं ? (How many types of heart specialists are there in Hindi)
विभिन्न प्रकार के हृदय विशेषज्ञ
यहां 10 विभिन्न प्रकार के हृदय विशेषज्ञों पर एक त्वरित नज़र डाली गई है और वे क्या करते हैं:
- क्लिनिकल कार्डियोलॉजिस्ट
- इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट
- कार्डिएक इमेजिंग स्पेशल्सिट
- दिल की विफलता स्पेशल्सिट
- जन्मजात हृदय स्पेशल्सिट
- कार्डियो-ऑन्कोलॉजिस्ट
- निवारक हृदय रोग स्पेशल्सिट
- हृदय पुनर्वास स्पेशल्सिट
- कार्डिएक सर्जन
हृदय रोग कितने प्रकार के होते हैं? (What are the types of heart disease in Hindi)
हृदय रोग हृदय प्रणाली को प्रभावित करने वाली किसी भी स्थिति को दर्शाता है। हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और वे हृदय और रक्त वाहिकाओं को अलग-अलग तरीकों से नुकसान पहुंचाता है।
आइए जानते हैं कितने प्रकार के हृदय रोग होते हैं:
- अतालता (Arrhythmia): इस स्थिति में दिल की धड़कन असामान्य होने लगती है।
- एथेरोस्क्लेरोसिस: एथेरोस्क्लेरोसिस में धमनियों सख्त होने लगती हैं।
- कार्डियोमायोपैथी: इस स्थिति में हृदय की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं या कमजोर हो जाती हैं।
- जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects): जन्मजात हृदय दोष हृदय की अनियमितताएं हैं जो जन्म के समय से मौजूद होती हैं।
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी): सीएडी हृदय की धमनियों में पट्टिका के निर्माण के कारण होता है। इसे कभी-कभी इस्केमिक हृदय रोग भी कहा जाता है।
- हृदय संक्रमण (Heart infections): हृदय संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के कारण हो सकता है।
- एरोटिक स्टेनोसिस (Aortic stenosis): एरोटिक स्टेनोसिस में, हार्ट वाल्व ठीक से नहीं खुलता है। इससे हृदय के लिए बाएं वेंट्रिकल से रक्त को महाधमनी में पंप करना कठिन हो जाता है।
- माइट्रल वाल्व प्रोलैप्स (Mitral valve prolapse): इस स्थिति में माइट्रल वाल्व के वाल्व फ्लैप ठीक से बंद नहीं होते हैं और इसकी वजह से हृदय ठीक से कार्य नहीं कर पाता है।
- दिल की धड़कन रुकना (Heart failure): जब किसी व्यक्ति को दिल की रुक जाती है, तब भी उसका दिल काम कर रहा होता है, लेकिन उतना अच्छा नहीं जितना बाकि अंगो को जरूरत होती है। कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर एक प्रकार का हार्ट फेल्योर है जो पंपिंग या रिलैक्सिंग फंक्शन की समस्याओं से हो सकता है।
हृदय के रोग लक्षण (Symptoms of heart disease in Hindi)
हृदय के रोग लक्षणों में शामिल हैं:
- छाती में दर्द
- सांस फूलना
- दिल की घबराहट
- जी मिचलाना
- पेट दर्द
- पसीना आना
- हाथ, जबड़े, पीठ या पैर में दर्द
- घुटन की अनुभूति
- टखने में सूजन
- थकान
- एक अनियमित दिल की धड़कन
हृदय रोग का निदान कैसे किया जाता है? (How is heart disease diagnosed in Hindi)
हृदय रोग का निदान करने के लिए आपका डॉक्टर कई प्रकार के परीक्षण और मूल्यांकन का आदेश दे सकता है। इनमें से कुछ परीक्षण हृदय रोग के लक्षण दिखाने से पहले किए जा सकते हैं। दूसरों का उपयोग लक्षणों के विकसित होने पर संभावित कारणों को देखने के लिए किया जा सकता है।
- शारीरिक परीक्षण और रक्त परीक्षण
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी)
- इकोकार्डियोग्राम
- स्ट्रेस टेस्ट
- कैरोटिड अल्ट्रासाउंड
- होल्टर मॉनिटर
- टिल्ट टेबल टेस्ट
- सीटी स्कैन
- हार्ट एमआरआई
हृदय रोग के लिए उपचार और सर्जरी (Treatment and Surgery for heart disease in Hindi)
किसी व्यक्ति के लिए हृदय रोग का उपचार उसके प्रकार के आधार पर निर्भर करेगा, लेकिन कुछ सामान्य रणनीतियों में जीवनशैली में बदलाव करना, दवाएं लेना और सर्जरी के विकल्पों में शामिल है:
- कोरोनरी धमनी की बाईपास सर्जरी
- कोरोनरी एंजियोग्राफी
- वाल्व रिप्लेसमेंट या रिपेयर
- रिपेयर सर्जरी
- डिवाइस इम्प्लांटेशन
- लेजरट्रीटमेंट
- मेज सर्जरी
यदि आप कम खर्च में Dr. Ritwick Raj Bhuyan हृदय रोग से सम्बंधित किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो अभी डॉक्टर से कंसल्ट करें या आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।