इबोला वायरस क्या है? जाने किन कारणों से यह फैलता है

 

क्या आपने कभी इबोला वायरस के बारे में सुना है? वास्तव में नहीं, क्योंकि लोग इस वायरस के बारे में ज्यादा जागरूक नहीं हैं। यह एक गंभीर बीमारी है, जो मानव और गैर-मानव प्राइमेट्स में बहुत आम है। यह वायरस आमतौर पर तब फैलता है, जब आप जानवरों के सीधे संपर्क में होते हैं। आज हम इस बीमारी के बारे में जानेंगे की इबोला वायरस क्या है, इसके लक्षण, कारण क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

 

 

इबोला वायरस क्या है?

 

 

यह एक घातक बीमारी है, जो आमतौर पर लोगों (जैसे बंदरों, गोरिल्ला और चिंपांज़ी) को प्रभावित करती है। यह जींस इबोला वायरस के भीतर वायरस के एक समूह के संक्रमण के कारण होता है।

 

 

इबोला वायरस के लक्षण क्या हैं?

 

 

इस बीमारी के कुछ लक्षण हैं:

 

  • तेज बुखार

 

 

  • संयुक्त और मांसपेशियों में दर्द

 

  • गले में खराश

 

  • कमजोरी

 

  • पेट दर्द

 

  • भूख की कमी

 

जब बीमारी खराब हो जाती है, तो यह शरीर के अंदर रक्तस्राव के साथ-साथ आंख, कान और नाक में भी हो जाती है। कुछ लोगों को खून की उल्टी या खांसी, खूनी दस्त होंगे, और दाने निकल सकते हैं।

 

 

इबोला वायरस के कारण क्या हैं?

 

 

  • यह रोग संक्रमित जानवरों के काटने या खाने से लोगों में फैलता है। बता दें कि विशेषज्ञों ने वायरस के अध्ययन के लिए जानवरों की चीर-फाड़ की तो उन्हें भी संक्रमण हो गया था। इसलिए इबोला मरीजों के सम्पर्क में आने से बचे।

 

  • इबोला से पीड़ित रोगी के शरीर से निकलने वाले पसीना, खून या दूसरे तरल पदार्थ से यह वायरस फैलता है। इसीलिए इबोला के रोगी को अलग रखा जाता है।

 

  • इस वायरस के कारण रोगी की मौत हो जाने के बाद भी संक्रमण का खतरा रहता है और शव के संपर्क में आने से भी वायरस फैलता है।

 

  • यह भी आशंका है कि संक्रमित चमगादड़ों के मल-मूत्र से संपर्क में आने से इबोला वायरल फैल सकता है। बताते चलें कि अफ्रीका की कुछ गुफाओं में जाने पर पर्यटक इस वायरस से संक्रमित हो गए थे।

 

 

कैसे फैलता है इबोला वायरस रोग?

 

 

इबोला के मरीज को सबसे अलग रखा जाता है। यह बीमारी अन्‍य बीमारियों की तरह सांस के जरिये नहीं फैलती बल्‍कि यह रोगी के सीधे संक्रमण मे आने पर फैलती है। यह बीमारी का वायरस उसके पसीने से फैल सकता है। अगर मरीज की मृत्‍यु हो चुकी है, तब भी यह वायरस फ़ैल सकता है।

 

 

इबोला वायरस से कैसे बचें?

 

 

  • उन जानवरों के मांस को न खाएं, जिनसे इबोला वायरस फैलता है।

 

  • इबोला वायरस से पीड़ित रोगी की देखभाल करते समय उसके खून, लार व शरीर से निकलने वाले अन्य पदार्थों से बचना चाहिए।

 

  • इसके अलावा जागरुकता इबोला वायरस से बचने का सबसे बड़ा तरीका है।

 

  • इबोला वायरस से बचाव के लिए एक टीका है लेकिन भारत में यह टीका उपलब्ध नहीं है। बीमारी को पकड़ने से बचने का एकमात्र तरीका है, की उन क्षेत्रों में जाने से बचे जहां यह वायरस पाया जाता है।

 

  • यदि आप उन क्षेत्रों में हैं जहां इबोला वायरस पाया जाता है, तो चमगादड़, बंदर, चिंपैंजी और गोरिल्ला के संपर्क से बचें।

 

 

उपरोक्त लेख में, हमने इबोला वायरस और इसके लक्षणों, कारणों, जोखिम कारकों और उपचार के बारे में बात की है। उपर्युक्त चरणों का पालन करके इस स्थिति से बचना सबसे अच्छा है। किसी भी गंभीर जटिलताओं के मामले में, उचित उपचार शुरू करने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

 

 

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